खाद्य सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य बढ़ाने के उद्देश्य से, वनस्पति स्वास्थ्य सम्मेलन

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, विश्व पौधा संरक्षण संगठन की मंगलवार को बैठक हुई है जिसका उद्देश्य मनुष्यों के रहन-सहन और खाद्य सुरक्षा संरक्षण की ख़ातिर नए पौधा स्वास्थ्य मानक निर्धारित करना है.
संगठन का अनुमान है कि पेड़-पौधों में लगने वाले कीड़ों और बीमारियों के कारण, 40 प्रतिशत तक उपज का नुक़सान होता है.
Ensuring plant health is vital to safeguarding a healthy and resilient environment and ensuring biodiversity. Photo Credit© FAO/Pier Paolo Cito #PlantHealth #biodiversity #CPM16 pic.twitter.com/bfNaA98ytr
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और उनसे खेतीबाड़ी व खाद्य उत्पादन को जो हानि होती है उससे दुनिया भर में भुखमरी बढ़ती है व ग्रीमीण क्षेत्रों में आजीविकाओं के लिये जोखिम पैदा होता है.
FAO की उप महानिदेशिका बेथ बैकडॉल ने वनस्पति स्वास्थ्य उपायों पर आयोग - Commission on Phytosanitary Measures (CPM) के 16वें सत्र को उदघाटन सम्बोधन में वनस्पति स्वास्थ्य मुद्दों की अहमियत बढ़ाने के लिये मौजूद अहम अवसरों को रेखांकित किया.
ये आयोग – एक अन्तर सरकारी सन्धि - अन्तरराष्ट्रीय पौधा संरक्षण कन्वेन्शन (IPPC) की प्रशासनिक संस्था है. कन्वेन्शन पर अभी तक 180 से ज़्यादा देशों ने पेड़-पौधों को लगने वाले कीड़ों पर नियंत्रण पाने और उनकी रोकथाम करने के इरादे से हस्ताक्षर किये हैं.
FAO की उप महानिदेशिका बेथ बैकडॉल ने ध्यान दिलाया कि पहला – अन्तरराष्ट्रीय वनस्पति स्वास्थ्य दिवस 12 मई 2022 को मनाया जाएगा और प्रथम अन्तरराष्ट्रीय वनस्वति स्वास्थ्य सम्मेलन, सितम्बर 2022 में ब्रिटेन में आयोजित होगा.
बेथ बैकडॉल ने अन्तरराष्ट्रीय वनस्पति स्वास्थ्य ववर्ष मनाने में नेतृत्व दिखाने के लिये फ़िनलैण्ड का शुक्रिया अदा किया.
उन्होंने साथ ही वार्षिक अन्तरराष्ट्रीय दिवस मनाए जाने की ख़ातिर लिये अभियान चलाने के लिये, ज़ाम्बिया का शुक्रिया अदा किया. यूएन महासभा ने पिछले सप्ताह ही इस वार्षिक दिवस के लिये स्वीकृति दी है.
आईपीपीसी के 184 पक्षकारों के साथ, यह आयोग अकेला ऐसा वैश्विक या संयुक्त राष्ट्र संगठन है जिसे वनस्पति संरक्षण और उनके उत्पादों के लिये मानक निर्धारित करने का शासनादेश मिला हुआ है.
साथ ही दुनिया भर में पेड़-पौधों की ख़रीद और बिक्री के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ बनाने की ज़िम्मेदारी भी इसी आयोग पर है.