यूक्रेन: 'ध्वस्त हुए मारियूपोल से लोगों को निकालने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं'

यूक्रेन पर 24 फ़रवरी को शुरू हुए रूसी हमले में भारी तबाही का सामना कर रहे मारियूपोल शहर में फँसे हज़ारों लोगों की मदद करने के प्रयास लगातार जारी हैं, और मानवीय सहायता एजेंसियों ने आगाह किया है कि लगातार गोलाबारी का शिकार हुए इस शहर की मदद के लिये कोई अन्य विकल्प या “Plan B” नहीं है.
यूक्रेन के इस दक्षिणी बन्दरगाह शहर मारियूपोल में मार्च के आरम्भ में भी आम लोगों को निकालने के प्रयास किये गए थे. उस समय भी युद्धक गतिविधियाँ शुरू होने से, वहाँ से सुरक्षित निकलने की उम्मीदें ध्वस्त होती नज़र आई थीं.
अन्तरराष्ट्रीय रैडक्रॉस कमेटी (ICRC) के प्रवक्ता इवॉन वॉटसन का कहना है, “हम अब भी आशान्वित हैं, हम सक्रिय हैं, मारियूपोल की तरफ़ बढ़ रहे हैं, जोकि एक अच्छी बात है... मगर अभी ये स्पष्ट नहीं है कि क्या ये आज यानि शुक्रवार को सम्भव हो पाएगा.”
प्रवक्ता ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो उसके बाद रैडक्रॉस कमेटी की भूमिका - क़ाफ़िले को मारियूपोल से किसी अन्य यूक्रेनी शहर में पहुँचाने की अगुवाई करने की है.
“हम अभी ये पुष्ट नहीं कर सकते कि ये क़ाफ़िले किस शहर में पहुँचेंगे, उसके लिये तमाम पक्षों के बीच सहमति होनी ज़रूरी है.”
रैडक्रॉस कमेटी के प्रवक्ता ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि मारियुपोल से 50 बसों का क़ाफ़िला बाहर निकालने की योजना है जिसमें ऐसे अन्य वाहन भी शामिल होंगे, जिनमें इस भयावह स्थित में फँसे लोगों के लिये मानवीय सहायता सामग्री भी उपलब्ध है...जिससे क़ाफ़िले को अतिरिक्त संरक्षण मिल रहा है.
“कोई अन्य विकल्प या Plan B नहीं है, हम कई हफ़्तों से काम कर रहे हैं और मीडिया को, सहायता सामग्री के साथ मारियुपोल में पहुँचने और लोगों को शहर से सुरक्षित बाहर निकालने के अपने प्रयासों के बारे में जानकारी देते रहे हैं.”
प्रवक्ता ने कहा, “मारियुपोल के लोगों के लिये समय बहुत तेज़ी से भाग रहा है.”
संयुक्त राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा एजेंसी - विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने आगाह करते हुए कहा है कि पूरे यूक्रेन में मानवीय स्थिति हर लम्हा बदतर होती जा रही है और उसका दायरा भी तेज़ी से फैल रहा है.
यूएन खाद्य सुरक्षा एजेंसी ने युद्ध से प्रभावित लगभग 10 लाख लोगों तक, जीवनरक्षक खाद्य सहायता सामग्री पहुँचाई है जिसमें खाने के लिये तैयार भोजन और नक़दी सहायता भी शामिल हैं.
एजेंसी के प्रवक्ता टॉमसन फ़ीरी का कहना है, “लोग बहुत दबाव का सामना कर रहे हैं और उनके पास बहुत कम विकल्प बचे हैं. हमारी योजना ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की सहायता करनी है, आने वाले सप्ताहों और महीनों के दौरान, हम, कम से कम 30 लाख लोगों तक सहायता पहुँचाना चाहते हैं.”
एजेंसी ने यूक्रेन और पड़ोसी देशों में वितरण के लिये पहले ही, लगभग 40 हज़ार टन खाद्य सामग्री का प्रबन्ध कर लिया है. यूक्रेन से बाहर, एजेंसी की योजना लगभग तीन लाख शरणार्थियों और पनाह चाहने वालों की मदद करने की है जिन्होंने पड़ोसी देशों में पनाह ली है.
यूएन शरणार्थी एजेंसी के आँकड़ों के अनुसार, लगभग 41 लाख लोग, यूक्रेन में युद्ध से बचने के लिये बाहर निकल चुके हैं.
यूएन खाद्य सुरक्षा एजेंसी के प्रवक्ता टॉमसन फ़ीरी ने कहा कि गोलाबारी व सड़कों पर हुए युद्ध में जारी हिंसा के बावजूद, एजेंसी ने ख़ारकीयेफ़ व सूनी में घिर चुके शहरों में परिवारों तक भोजन सामग्री पहुँचाई है.
“यहाँ सबसे बड़ी चुनौती ये है कि यहाँ ऐसे मानवीय सहायता साझीदार मौजूद नहीं हैं जो युद्ध से तबाह हुए स्थानों पर काम कर सकें.”
ख़ारकीयेफ़ में एजेंसी ने ताज़ा बनी ब्रैड के तीन लाख 30 हज़ार पैकेट वितरित किये हैं और यही काम अन्य शहरों तक भी बढ़ाया जा रहा है.
आगामी सप्ताहों के दौरान नौ लाख 90 हज़ार ब्रैड पैकेट वितरित करने की योजना है.
यूएन खाद्य एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि युद्ध से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित शहरों में और जहाँ खाने-पीने का सामान बेचने वाली दुकानें व स्टोर सामान्य रूप में खुले हैं, वहाँ एजेंसी ने सहायता के लिये नक़दी और वाउचर मुहैया कराए हैं.