दक्षिण सूडान: मानवीय सहायता के लिये 1.7 अरब डॉलर की योजना
संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने दक्षिण सूडान में इस वर्ष निर्बल हालात में जीने वाले लगभग 68 लाख लोगों की ज़रूरतें पूरी करने के लिये गुरूवार को, एक अरब 70 करोड़ डॉलर की मानवीय सहायता योजना के लिये अपील जारी की है.
इस धनराशि का प्रयोग तत्काल जीवनरक्षक सहायता व संरक्षा मुहैया कराने के लिये किया जाएगा. अनुमानों के अनुसार दक्षिण सूडान में दो तिहाई से भी ज़्यादा आबादी यानि लगभग 90 लाख लोगों को मदद की ज़रूरत है.
🔊#SouthSudan 2022 Humanitarian Response Plan is out!Humanitarian organizations will need $1.7 billion to provide live-saving assistance and protection to 6.8 million people this year.➡️https://t.co/9bpetPDjwk pic.twitter.com/Qa02DW21hK
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दुनिया के सबसे युवा देश दक्षिण सूडान के लिये यूएन मानवीय सहायता संयोजक सारा बेसोलॉव न्यान्ति का कहना है कि देश में अनेक वर्षों तक बाढ़ और सूखा जैसे आपदा झटकों, युद्ध और भारी हिंसा ने लोगों के घर व आजीविकाएँ तबाह कर दिये हैं और उनसे उनका भविष्य भी छीन लिया है.
एकजुटता व सहायता
उन्होंने कहा कि प्रभावित समुदाय, इन चुनौतियों के बावजूद, बड़े पैमाने की सहनशीलता, एकजुटता और रचनात्मकता ज़ाहिर करते रहे हैं.
सारा न्यान्ति ने देश की सरकार, विकास साझीदारों, दानदाताओं और मानवीय सहायता संगठनों से, अपनी एकजुटता को अटल सहायता में तब्दील करते रहने का आग्रह किया है.
दक्षिण सूडान में वर्ष 2022 के दौरान लगभग 89 लाख लोगों को, मानवीय सहायता की ज़रूरत होगी.
मानवीय सहायता योजना के तहत, देश में बेहद कमज़ोर हालात में रहने वाले लगभग 68 लाख लोगों तक मदद पहुँचाई जाएगी, जिनमें 20 लाख लोग विस्थापित हैं, और कुछ तो वर्षों से विस्थापन के शिकार हैं.
कठिनाइयों में सहायता उपलब्धता
मानवीय सहायता एजेंसियों का ये भी अनुमान है कि अतिरिक्त लगभग 83 लाख लोगों को, मई से जुलाई के दौरान, खाद्य असुरक्षा का भी सामना करना पड़ेगा, जिनमें अनेक शरणार्थी भी शामिल हैं.
देश में इस वर्ष लगातार चौथे साल बड़े पैमाने पर बाढ़ आने की सम्भावना है जिससे भारी तबाही और विस्थापन होने की आशंका है.
जलवायु झटकों और अन्य बाधाओं के बीच ही, मानवीय सहायता एजेंसियाँ देश में लाखों लोगों तक मदद पहुँचाने में सक्रिय हैं.
वर्ष 2021 के दौरान, लगभग 53 लाख लोगों की मदद की गई जिन्हें भोजन, पानी, स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता, शिक्षा, आजीविका और पोषण सहायता के साथ-साथ अति महत्वपूर्ण संरक्षण सेवाएँ भी मुहैया कराईं.
संरक्षा के लिये प्रतिबद्धता
सारा न्यान्ति ने कहा कि मानवीय सहायता योजना में कमज़ोर हालात वाले लोगों को संरक्षण मुहैया कराने की प्रतिबद्धता झलकती है, विशेष रूप में महिलाओं और लड़कियों, वृद्धजन और विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिये.
उनका कहना है, “दक्षिण सूडान में यौन व अन्य तरह की हिंसा का जारी रहना एक मुख्य समस्या है इसलिये जो भी कुछ हम करते हैं, उस सभी के इर्द-गिर्द संरक्षा बहुत अहम मुद्दा है. हिंसा का सामना करने के लिये, विशेष रूप से महिलाओं व लड़कियों के ख़िलाफ़ हिंसा की रोकथाम के लिये, एक सामूहिक कार्रवाई बहुत ज़रूरी है.”
उन्होंने कहा कि जो लोग अपराध करते हैं उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना बहुत ज़रूरी है, और मानवीय सहायता एजेंसियों को विकास व अन्य साझीदारों के साथ मिलकर काम करते रहना होगा, ताकि बढ़ती मानवीय सहायता ज़रूरतों की जड़ों में बैठे मुद्दों के समाधान तलाश करने पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके.