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दुबई में यूएन फ़ोरम: महिला उद्यमियों के लिये बेहतर वित्त पोषण की मांग

दुबई में विश्व उद्यमी निवेश फ़ोरम के दौरान महिला उद्यमियों के लिये बेहतर वित्त पोषण सुनिश्चित किये जाने की मांग की गई.
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दुबई में विश्व उद्यमी निवेश फ़ोरम के दौरान महिला उद्यमियों के लिये बेहतर वित्त पोषण सुनिश्चित किये जाने की मांग की गई.

दुबई में यूएन फ़ोरम: महिला उद्यमियों के लिये बेहतर वित्त पोषण की मांग

आर्थिक विकास

दुबई में जारी ‘विश्व उद्यमी निवेश फ़ोरम’ (World Entrepreneurs Investment Forum/WEIF) में महिला उद्यमियों ने अरब क्षेत्र में व्यवसाय विकास में न्यायसंगत व सतत भूमिका निभाने के लिये बेहतर अवसरों और वित्त पोषण सुलभता की अहमियत को रेखांकित किया है. 

दुबई ऐक्सपो 2020 के दौरान, दुबई प्रदर्शनी केंद्र के तत्वाधान में तीन दिनों तक चलने वाली इस फ़ोरम का चौथा संस्करण सोमवार को आरम्भ हुआ है. 

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में ‘ऐमिराती व्यवसायिक महिलाएँ परिषद’ की प्रमुख फ़रीदा अल अवधी ने एक यूएन पैनल में चर्चा के दौरान कहा कि दुर्भाग्यवश, मध्य पूर्व और अरब देशों में महिलाओं को कमज़ोर किया गया है, या फिर मीडिया ने उन्हें ग़लत ढँग से पेश किया है.

अरब महिलाओं के लिये पोर्टल, RA’EDAT की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोन्या जनही ने इससे सहमति जताते हुए कहा, “अरब महिलाएँ अनेक मामलों में अभूतपूर्व रही हैं, मगर दुर्भाग्यवश उनके प्रयासों के लिये अन्तरराष्ट्रीय समझ का अभाव है.” 

उन्होंने अरब महिलाओं को समर्थन देने के लिये रचनात्मक सहयोग व प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने पर बल दिया ताकि उद्यम व निवेश यात्रा पर आगे बढ़ा जा सके.

ऐमिराती महिला व्यवसायी परिषद की प्रमुख फ़रीदा अल अवधी ने महिला उद्यमियों के मुद्दे पर आयोजित एक सत्र में हिस्सा लिया.
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ऐमिराती महिला व्यवसायी परिषद की प्रमुख फ़रीदा अल अवधी ने महिला उद्यमियों के मुद्दे पर आयोजित एक सत्र में हिस्सा लिया.

पैनल में इस बिन्दु पर सर्वसम्मति थी कि उद्यमिता को बढ़ावा देने और व्यवसाय जगत में लैंगिक बराबरी हासिल करने के लिये महिलाओं को और अधिक अवसरों व बेहतर वित्त पोषण की आवश्यकता होगी.   

इस सत्र की सूत्रधार और International Women Entrepreneurs Challenge की अध्यक्ष इबुकुन ऐवोसिका ने ध्यान दिलाया कि अगर कोई महिला उद्यमी अफ़्रीका से हो, तो उद्यमी जगत में महिलाओं के लिये हालात और भी कठिन हो जाते हैं. 

उन्होंने यूएन न्यूज़ के साथ बातचीत में कहा कि हाल के दशकों में उपलब्धियों के बावजूद, महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जोकि आय में व्याप्त लैंगिक विषमताओं, क्रेडिट कार्ड व सम्पत्ति की सुलभता, शिक्षा और पेशा चुनने की आज़ादी जैसे क्षेत्रों में नज़र आता है. 

अन्तरराष्ट्रीय महिला उद्यमी चैलेंज की प्रमुख इबुकुन अवोसिका.
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अन्तरराष्ट्रीय महिला उद्यमी चैलेंज की प्रमुख इबुकुन अवोसिका.

लैंगिक समानता हासिल करने और शीर्ष पदों पर अधिक संख्या में महिला व्यवासियों के पहुँचने के लिये, सरकारी समर्थन को भी अहम बताया गया है. 

यूएई की ऐमिराती व्यवसाय परिषद की प्रमुख फ़रीदा अल अवधी ने बताया, “हाँ. हम कर सकते हैं. मगर यह यात्रा और तेज़ होगी, यदि सरकार महिलाओं को समर्थन देने के लिये कुछ नियमों, नियामकों और नीतियों को सामने रखे.”

मंत्रिस्तरीय पैनल

लघु एवं मध्यम उद्यमों (SME) के लिये सरकारी समर्थन के मुद्दे पर, फ़ोरम के दूसरे दिन आयोजित एक मंत्रिस्तरीय पैनल में भी चर्चा हुई, जिसमें विश्व अर्थव्यवस्था के विकास में लघु एवं मध्यम उद्यमों की भूमिका को रेखांकित किया गया.

एक ऐसे समय जब विश्व अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है, कोविड-19 महामारी के कारण श्रम बाज़ार में अभूतपूर्व व्यवधान उत्पन्न हुए हैं और सप्लाई चेन अवरुद्ध हो रही हैं, यह स्पष्ट है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) भी इनसे अछूते नहीं हैं. 

संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव और अफ़्रीकी जोखिम क्षमता क्लस्टर के महानिदेशक, चेइख डियोन्ग ने उन चुनौतियों का उल्लेख किया जिनसे अफ़्रीकी समुदाय जूझ रहे हैं. 

संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव इब्राहिमा चेइख डियोन्ग.
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संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव इब्राहिमा चेइख डियोन्ग.

अफ़्रीका में चुनौतियाँ, अवसर भी

उन्होंने स्पष्ट किया कि अफ़्रीका में लगभग 80 फ़ीसदी रोज़गार, अफ़्रीका के लघु एवं मध्यम उद्यमों द्वारा प्रदान किये जाते हैं. इसलिये यह अनिवार्य है कि इन्हें गम्भीरता से लिया जाए. 

इस सत्र के बाद, चाड गणराज्य के अर्थव्यवस्था व अन्तरराष्ट्रीय सहयोग मामलों के मंत्री डॉक्टर अब्द अल-रहीम युनेस ने अफ़्रीका को भावी निवेश का महाद्वीप क़रार दिया.

उन्होंने कहा कि अफ़्रीकी महाद्वीप पर युवजन, कुल आबादी का 60 प्रतिशत हैं, और वे अब कम्पनियाँ स्थापित कर रहे हैं और निजी सैक्टर का रुख़ कर रहे हैं.

डॉक्टर युनेस ने ज़ोर देकर कहा कि अफ़्रीकी सरकारों को युवजन के लिये स्थानीय, क्षेत्रीय और अन्तरराष्ट्रीय वित्त पोषण के ज़रिये समर्थन सुनिश्चित करना होगा. 

आर्थिक सशक्तिकरण

महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित एक वर्कशॉप के दौरान, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात की महिलाओं ने अपनी परियोजनाओं को विकसित करने और उसे बड़ा आकार देने पर प्रशिक्षण प्राप्त किया.

‘Economic Empowerment of Arab Women’ नामक इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) के निवेश व टैक्नॉलॉजी प्रसार कार्यालय ने वर्चुअल रूप से आयोजित किया. 

इसका उद्देश्य, अरब महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये प्रयासों को मज़बूती प्रदान करना है.