यूक्रेन संकट से गम्भीर खाद्य असुरक्षा उत्पन्न होने का जोखिम
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यूक्रेन में युद्ध जारी रहने के कारण, वहाँ जल्द ही लाखों लोगों को गम्भीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है. रूसी आक्रमण के एक महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बाद, बड़ी संख्या में लोग हिंसा प्रभावित इलाक़ों में फँसे हुए हैं, जहाँ आवश्यक सामग्री की क़िल्लत पैदा हो रही है.
खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने यूक्रेन के 24 में से 19 क्षेत्रों में हालात की समीक्षा करने के बाद अपना एक नया ऐलर्ट जारी किया है.
The coming months are critical to Ukraine’s agricultural cycle.The impacts of disruption to agricultural production and food supply will ripple across the world.@FAO is supporting rural lives and livelihoods to protect #FoodSecurity. Learn more 👉 https://t.co/UFJ9jfQVgy pic.twitter.com/69U5Fb0RrL
FAOemergencies
ताज़ा जानकारी के अनुसार, अभी यह निश्चित नहीं है कि यूक्रेन में फ़सल की कटाई होगी, नई फ़सल के लिये बुआई, या मवेशी उत्पादन को बरक़रार रखा जा सकेगा.
यूक्रेन में कृषि उत्पादन में आए व्यवधान के असर को दुनिया भर में महसूस किये जाने की सम्भावना है.
यूएन एजेंसी में आपात मामलों व सुदृढ़ता कार्यालय में निदेशक राइन पॉलसेन ने मंगलवार को जिनीवा में जानकारी देते हुए बताया, “एक तात्कालिक और चिन्ताजनक बात यह है कि सर्वेक्षण किये क्षेत्रों और मामलों में, खाद्य क़िल्लत तत्काल या अगले तीन महीनों में होने की सम्भावना है.”
“जब बात बेहद अहम सब्ज़ियों के उत्पादन की हो, तो हिंसा के कारण लाखों लघु किसानों के लिये उत्पादन में गम्भीर व्यवधान पैदा होने की आशंका है, जिन्होंने वहीं पर रुकने का निर्णय लिया है.”
व्यापक स्तर पर राहत प्रयासों को समर्थन देने के लिये, यूएन एजेंसी ने पाँच करोड़ डॉलर की अपील जारी की है, मगर अभी तक 10 फ़ीसदी रक़म का ही प्रबन्ध हो पाया है.
इसके बावजूद, यूएन एजेंसी ने बुआई के लिये 740 टन बीज वितरित किये हैं, जिनसे 14 हज़ार से अधिक कृषक परिवारों तक सहायता पहुँची है. इस बीच, मारियूपोल और घेराबन्दी वाले अन्य यूक्रेनी इलाक़ों में अंधाधुंध गोलाबारी जारी है और वहाँ बेहद विकट हालात बने हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मारियूपोल में लड़ाई के कारण क़रीब 90 फ़ीसदी रिहायशी इमारतें – ढाई हज़ार से अधिक घर - क्षतिग्रस्त हुई हैं.
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मृतकों का आँकड़ा तेज़ी से पाँच हज़ार लोगों तक पहुँच रहा है.

स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूक्रेन में स्वास्थ्यकर्मियों और मरीज़ों के समक्ष मौजूद जोखिमों का उल्लेख करते हुए बताया है कि 24 फ़रवरी से 25 मार्च की अवधि के दौरान, 74 हमलों में 72 लोगों की मौत हुई है, 40 घायल हुए हैं.
संगठन ने अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के इस उल्लंघन पर क्षोभ व्यक्त करते हुए इसे अस्वीकार्य क़रार दिया है.
बताया गया है कि ये हमले अस्पतालों और ऐम्बुलेंस गाड़ियों पर किये गए हैं. यूएन एजेंसी के मुताबिक़, स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर व नर्सें, बेहद कठिन परिस्थितियों में सप्ताह के सातों दिन लगातार काम कर रहे हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है जल्द से जल्द आवश्यक चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति की जानी अहम है.
संगठन के मुताबिक़, देश की सीमाओं के भीतर 70 लाख यूक्रेनी नागरिक विस्थापित हुए हैं, जिससे स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ पैदा हो गया है.
देश में क़रीब आधे मेडिकल स्टोर खुले हुए हैं, मगर अनेक केंद्रों पर ज़रूरी आपूर्ति नहीं है.