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सऊदी अरब और यमन में नागरिक प्रतिष्ठानों पर हमलों की निन्दा

यमन के साआदा में, एक ध्वस्त वाहन के पास खड़े दो लड़के.
© WFP/Jonathan Dumont
यमन के साआदा में, एक ध्वस्त वाहन के पास खड़े दो लड़के.

सऊदी अरब और यमन में नागरिक प्रतिष्ठानों पर हमलों की निन्दा

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यमन और सऊदी अरब में हाल के दिनों में हिंसक टकराव में आई तेज़ी और नागरिक प्रतिष्ठानों पर किये गए हमलों पर चिन्ता जताई है. 

हूथी लड़ाकों ने शुक्रवार को सऊदी अरब में नागरिक व ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हवाई हमले किये.

इसके बाद सऊदी अरब के नेतृत्व में गठबंधन सेनाओं ने राजधानी सना में हवाई कार्रवाई की, जिसमें आठ आम नागरिक मारे गए हैं, जिनमें पाँच बच्चे और दो महिलाएँ हैं.  

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यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने एक वक्तव्य जारी किया है, जिसमें हुदायदाह शहर में हवाई कार्रवाई की ख़बरों और वहाँ स्थित बन्दरगाहों को निशाना बनाये जाने पर गहरी चिन्ता जताई गई है.  

हुदायदाह बन्दरगाह, हिंसा प्रभावित यमनी आबादी तक जीवनरक्षक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिये बेहद अहम है.

अनेक वर्षों से हिंसा में झुलस रहे यमन में दो करोड़ 30 लाख से अधिक लोग भूख, बीमारी और अन्य जोखिमों का सामना करना रहे हैं, बुनियादी सेवाएँ व अर्थव्यवस्था धवस्त हो रही हैं.

यूएन के मुताबिक़, हर तीन में से दो यमनी नागरिक – दो करोड़ पुरुष, महिलाएँ और बच्चे – अत्यधिक निर्धनता में रहने के लिये मजबूर हैं.

शुक्रवार को हूथी लड़ाकों (अन्सार अल्लाह गुट) ने सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में एक तेल प्रतिष्ठान समेत अन्य नागरिक व ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हवाई कार्रवाई की.

इस हमले से वहाँ भीषण आग भड़क गई और काले धुँआ का बड़ा गुबार दिखाई दिया.

इसके बाद, सऊदी समर्थित गठबंधन ने शनिवार को हूथी लड़ाकों के नियंत्रण वाले हुदायदाह और सलीफ़ के साथ-साथ, यमन की राजधानी सना पर हमले किये. 

यूएन प्रवक्ता ने बताया कि हवाई कार्रवाई से सना में संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों के रिहायशी परिसर भी क्षतिग्रस्त हुआ है.  

गम्भीर हालात

युद्ध का दंश झेल रहा देश, यमन एक गम्भीर मानवीय संकट से जूझ रहा है और यूक्रेन में जारी युद्ध ने हालात को जटिल बना दिया है.

बताया गया है कि देश में भोजन, ईंधन व अन्य अति-आवश्यक सामग्री की क़ीमतों में भारी उछाल आया है.

लाखों की संख्या में लोग चरम स्तर पर भूख की मार झेल रहे हैं, और विश्व खाद्य कार्यक्रम को सहायता धनराशि के अभाव में अपने राशन में पचास फ़ीसदी की कटौती करनी पड़ी है.

यमन के सना में एक अस्पताल में कुपोषण के लिये एक शिशु का इलाज किया जा रहा है.
© UNICEF/Moohialdin Fuad
यमन के सना में एक अस्पताल में कुपोषण के लिये एक शिशु का इलाज किया जा रहा है.

यमन में मानवीय राहत प्रयासों को मज़बूती प्रदान करने के इरादे से 16 मार्च को आयोजित एक उच्चस्तरीय संकल्प सम्मेलन में, डेढ़ करोड़ से अधिक ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने के लिये चार अरब 27 करोड़ डॉलर की धनराशि की पुकार लगाई गई. 

यूएन प्रमुख ने उस सम्मेलन में आगाह किया था कि लाखों घरेलू विस्थापितों के लिये, जीवन एक दैनिक संघर्ष है जबकि अर्थव्यवस्था निराशा की नई गहराइयों को छू रही है.

‘जवाबदेही तय हो’

यूएन प्रमुख ने शनिवार को जारी अपने वक्तव्य में, पिछले कुछ दिनों में हिंसक घटनाओं की त्वरित व पारदर्शी जाँच कराये जाने की मांग की है ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके.

उन्होंने सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने, टकराव रोकने, और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत तय दायित्वों का निर्वहन करने का आग्रह किया है. 

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने युद्धरत पक्षों से अपने विशेष दूत के साथ रचनात्मक ढँग से सम्पर्क व बातचीत में, बिना किसी पूर्व शर्त के हिस्सा लेने का अनुरोध किया है. 

महासचिव ने यमन में पिछले आठ वर्ष से जारी हिंसा में कमी लाने और मौजूदा टकराव का वार्ता के ज़रिये अन्त करने के लिये इसे अहम बताया है.