अफ़ग़ानिस्तान: 2.4 करोड़ लोगों को मदद की ज़रूरत, UNHCR की सहायता अपील

शरणार्थी मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNHCR) के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैण्डी ने ध्यान दिलाया है कि अफ़ग़ानिस्तान की जनता के लिये निरन्तर समर्थन देना जारी रखना ज़रूरी है, ताकि स्थानीय आबादी और विदेशों में रह रहे अफ़ग़ान शरणार्थियों की विशाल मानवीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.
यूएन एजेंसी उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने सोमवार को शुरू होकर अपने चार दिवसीय दौरे के समापन पर गुरूवार को सचेत किया कि यह सही है कि दुनिया की नज़रें इस समय यूक्रेन में युद्ध पर लगी हुई हैं, मगर अफ़ग़ानिस्तान भी गम्भीर संकट से गुज़र रहा है.
“हमने उन लोगों से बात की, जो नहीं जानते हैं कि उनका अगला आहार क्या होगा; परिवारों की महिला मुखिया अपने बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति चिन्तित हैं; माता-पिता अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिये हताश हैं. यहाँ विशाल ज़रूरतें हैं.”
In Afghanistan, @FilippoGrandi appealed for robust assistance to address the country’s humanitarian needs and those of Afghan refugees abroad. https://t.co/TzJ9aLqTmb
Refugees
फ़िलिपो ग्रैण्डी ने अपनी यात्रा के दौरान यूएन शरणार्थी एजेंसी द्वारा कन्दाहार में बनाए गए एक स्वास्थ्य केन्द्र और जलालाबाद में लड़कियों के लिये बनाए गए एक स्कूल को भी देखा.
साथ ही, उन्होंने मौजूदा अफ़ग़ान प्रशासन के प्रतिनिधियों और यूएन व एनजीओ कर्मचारियों से भी मुलाक़ातें की हैं, जोकि देश भर में अहम सहायता मुहैया करा रहे हैं.
वर्ष 2022 में अब तक, यूएन शरणार्थी एजेंसी ने सहायता व राहत कार्यक्रमों के ज़रिये पाँच लाख अफ़ग़ान लोगों की मदद की है.
एक लाख 30 हज़ार लोगों को राहत सामग्री या प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जबकि तीन लाख 70 हज़ार लोगों तक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्कूलों, जल प्रणालियों और अन्य बुनियादी ढाँचे के ज़रिये मदद पहुँचाई गई है.
इन सेवाओं और ढाँचों का निर्माण उन क्षेत्रों में हुआ है, जिन्हें शरणार्थियों व घरेलू विस्थापितों की वापसी के लिये प्राथमिकता के तौर पर चिन्हित किया गया है.
“हिंसक संघर्ष के कारण देश के भीतर विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या क़रीब 34 लाख है, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को कोविड संकट और ख़सरा प्रकोप के बीच गम्भीर क़िल्लत से गुजरना पड़ रहा है, अहम सेवाओं, जैसेकि स्कूलों और अस्पताओं में प्रमुख कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है, जबकि नक़दी संकट, बढ़ती वैश्विक खाद्य व ऊर्जा क़ीमतों का विनाशकारी असर हो रहा है.”
यूएन एजेंसी प्रमुख ने बताया कि अफ़ग़ानिस्तान में दो करोड़ 40 लाख लोगों को मानवीय सहारे की आवश्यकता है, जिसके लिये दानदाताओं से एक विशाल मानवीय राहत प्रयास करने का आहवान किया गया है.
अफ़ग़ानिस्तान में प्रयासरत एजेंसियों को मानवीय राहत योजना के अन्तर्गत, चार अरब 44 करोड़ डॉलर रक़म की आवश्यकता है, ताकि दो करोड़ 20 लाख अफ़ग़ान लोगों की अति-आवश्यक ज़रूरतों को पूरा किया जा सके.
इसके अतिरिक्त, यूएन के संक्रमणकालीन फ़्रेमवर्क के तहत, तीन करोड़ 80 लाख से अधिक लोगों के लिये सामाजिक कार्यक्रमों को बरक़रार रखने के लिये तीन अरब 60 करोड़ की आवश्यकता है.
यूएन एजेंसी ने विस्थापितों व अन्य निर्बल अफ़ग़ानों की मदद के लिये 34 करोड़ डॉलर की ज़रूरत को भी रेखांकित किया है.
यूएन शरणार्थी उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने कहा, “अफ़ग़ान लोगों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा के लिये दीर्घकालीन राजनैतिक व आर्थिक स्थिरता की आवश्यकता होगी.”
“अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को अफ़ग़ानिस्तान से निरन्तर जुड़े रहना होगा. इसके बावजूद, मानवीय राहत रास्ते अपने आप में पर्याप्त नहीं हैं.
“अफ़ग़ानिस्तान की बैंकिंग प्रणाली व अर्थव्यवस्था में फिर से ऊर्जा भरने और विकास परियोजनाओं को फिर से शुरू करने से ऐसी नींव तैयार की जा सकती है, जिससे विस्थापित अफ़ग़ान लोगों के साथ-साथ शरणार्थी भी, हालात बेहतर होने पर स्वैच्छिक रूप से लौट सकें.”
यूएन एजेंसी प्रमुख ने सचेत किया कि इसके लिये यह ज़रूरी है कि देश में मौजूदा प्रशासन भी उन लोगों के साथ भरोसा क़ायम करे, जो विस्थापित हुए हैं.
फ़िलिपो ग्रैण्डी ने कहा कि उनके प्रतिनिधियों के साथ मुलाक़ातों में उन्होंने स्पष्ट किया है कि अल्पसंख्यकों, पुरुषों, महिलाओं, लड़कियों और लड़कों समेत सभी अफ़ग़ान अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकें और समानता के आधार पर काम व सेवाएँ पाने में सक्षम हों.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, पिछले चार दशकों से अफ़ग़ानिस्तान में विस्थापितों और वापिस लौटे रहे अफ़ग़ान लोगों को आपात सहायता व समर्थन मुहैया करा रही है.
यूएन एजेंसी फ़िलहाल 55 क्षेत्र-आधारित कार्यक्रमों से जुड़ी है, जिनके ज़रिये 11 हज़ार से अधिक गाँवों और पड़ोसी देशों में शरणार्थी मेज़बानी केन्द्रों पर पुनः एकीकरण, सामुदायिक सहनक्षमता, स्थिरता प्रयासों को मदद दी जाती है.