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लीबिया में ‘समानान्तर सरकारों’ की आशंका के बीच बढ़ता तनाव

लीबिया के बेनग़ाज़ी में पुराने शहर का केंद्रीय इलाक़ा बमबारी में तबाह हो गया है.
© UN Photo/Abel Kavanagh
लीबिया के बेनग़ाज़ी में पुराने शहर का केंद्रीय इलाक़ा बमबारी में तबाह हो गया है.

लीबिया में ‘समानान्तर सरकारों’ की आशंका के बीच बढ़ता तनाव

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र में शान्तिनिर्माण व राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा है कि लीबिया में जारी राजनैतिक गतिरोध के बीच, देश के फिर से दो समानान्तर सरकारों में बँट जाने का ख़तरा है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने सचेत किया है कि 28 लाख पंजीकृत मतदाताओं की चुनावी आकांक्षाएँ साकार किये जाने और कड़ी मेहनत से दर्ज की गई प्रगति को बरक़रार रखने को प्राथमिकता बनाना होगा.

यूएन अवर महासचिव डीकार्लो ने बुधवार को सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को सम्बोधित करते हुए, लीबिया में मानवाधिकार हनन के बढ़ते मामलों, नफ़रत भरे सन्देशों और कार्यकर्ताओं व पत्रकारों पर हमलों व धमकियों पर क्षोभ व्यक्त किया.

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“लीबिया अब राजनैतिक ध्रुवीकरण के एक नए चरण का सामना कर रहा है, जिससे इसकी संस्थाओं के फिर से बँट जाने और पिछले दो वर्षों में हासिल की गई उपलब्धियों की दिशा पलटने का जोखिम है.”

लीबिया में दिसम्बर 2021 में संसदीय चुनाव आयोजित कराए जाने का कार्यक्रम था. 

मगर, देश के राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने चुनावी क़ानून में कुछ कमियों और उम्मीदवारों की अहर्ताओं के सम्बन्ध में चुनौतियों का हवाला देते हुए उन्हें स्थगित कर दिया था. 

इस वर्ष फ़रवरी में, लीबिया के पूर्वी क्षेत्र में स्थित प्रतिनिधि सभा ने एक नए प्रधानमंत्री व सरकार को मनोनीत करने के लिये मतदान किया था. 

ग़ौरतलब है कि अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के प्रधानमंत्री अब्दुल हामिद द्बेइबेह ने आपत्ति जताते हुए अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया था.

इसके बावजूद, प्रतिनिधि सभा ने नई सरकार के गठन की दिशा में क़दम बढ़ाते हुए, पूर्व गृहमंत्री फ़ाती बशाग़ा को नए प्रधानमंत्री के रूप में मनोनीत किया है.

24 फ़रवरी को, अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के प्रशासनिक केन्द्र, त्रिपोली में स्थित उच्च राज्यसत्ता परिषद ने संसदीय घोषणा को ख़ारिज कर दिया, जिससे एक बड़ा गतिरोध उत्पन्न हो गया है. 

हिंसा व टकराव झेलते आ रहे लीबिया में, फिर से तनाव बढ़ रहा है. 

राजनैतिक गतिरोध

3 मार्च को प्रतिनिधि सभा ने फ़ाती बशाग़ा के मंत्रिमण्डल के सदस्यों को शपथ दिलाई.

यूएन अवर महासचिव ने बताया कि ज़मीनी स्तर पर हालात अभी अपेक्षाकृत शान्तिपूर्ण हैं, मगर धमकी भरी बयानबाज़ी की ख़बरें उभर रही हैं और लीबिया के पश्चिमी क्षेत्र में सक्रिय सशस्त्र गुटों में अलग-अलग वफ़ादारी नज़र आ रही है.

उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता इस समय 28 लाख से अधिक लीबियाई लोगों की आकांक्षाओं को साकार करना है, जिन्होंने मतदान के लिये पंजीकरण कराया है.”

“उन्हें अपने नेताओं को विश्वसनीय, पारदर्शी व समावेशी चुनावों के ज़रिये चुनने का मौक़ा मिलना चाहिये, एक सहमति प्राप्त संवैधानिक व क़ानूनी ढाँचे के तहत.”

साझा समिति

इस पृष्ठभूमि में, यूएन महासचिव की विशेष सलाहकार, स्टैफ़नी विलियम्स ने एक साझा समिति के गठन का प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें प्रतिनिधि सभा और उच्च राज्यसत्ता परिषद के सदस्य शामिल होंगे.

इस समिति का लक्ष्य वर्ष 2022 में चुनावों के लिये, संविधान पर आधारित एक रास्ता तैयार करना है.

इस प्रक्रिया में लीबिया के राजनैतिक व सुरक्षा पक्षकारों और नागरिक समाज के सदस्यों से चर्चा की जा रही है और साथ ही अब्दुल हामिद द्बेइबेह व फ़ाती बशाग़ा में मध्यस्थता का भी प्रस्ताव दिया गया है.

अवर महासचिव ने लीबिया में मौजूदा सुरक्षा, आर्थिक व मानवाधिकार सम्बन्धी चुनौतियों पर जानकारी देते हुए कहा कि देश में तनाव बढ़ रहा है, जिसका असर मानवाधिकारों पर पड़ा है.

नफ़रत भरे भाषणों व सन्देशों, कथित रूप से बदनाम किये जाने और हिंसा को उकसावा देने की कोशिशें हो रही हैं.