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यूक्रेन: 100 अरब डॉलर का ढाँचागत नुक़सान, 90% आबादी के ग़रीबी में धँसने का जोखिम

यूक्रेन में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) से सहायता प्राप्त एक बेकरी में निर्मित ब्रैड, ख़ारकीयेफ़ के एक अस्पताल में पहुँचाए जाते हुए.
© WFP
यूक्रेन में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) से सहायता प्राप्त एक बेकरी में निर्मित ब्रैड, ख़ारकीयेफ़ के एक अस्पताल में पहुँचाए जाते हुए.

यूक्रेन: 100 अरब डॉलर का ढाँचागत नुक़सान, 90% आबादी के ग़रीबी में धँसने का जोखिम

आर्थिक विकास

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन पर रूस का हमला शुरू होने के तीन सप्ताह बाद, युद्ध जारी रहने के कारण, देश की 90 प्रतिशत आबादी के "ग़रीबी में तेज़ी से गिर जाने" और बहुत नाज़ुक हालात में पहुँच जाने का जोखिम है.

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने चेतावनी दी कि यदि संघर्ष जारी रहता है - और देश को अधिक समर्थन जल्दी नहीं मिलता है - तो इन हालात में, लगभग दो दशकों की आर्थिक प्रगति बर्बाद हो सकती है.

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संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने रेखांकित करते हुए कहा है कि गम्भीर विकास झटकों के अलावा, पर्यावरण को नुकसान होने की सम्भावना है, जबकि सामाजिक असमानताएँ भी बढ़ेंगी.

शान्ति पुकार

यूएनडीपी के प्रशासक अख़िम स्टाइनर ने कहा कि इन झटकों को रोकने और मुश्किल से हासिल किये गए विकास लाभों की रक्षा करने के लिये, "हमें अब शान्ति की आवश्यकता है".

उन्होंने जोर देकर कहा कि एजेंसी के प्राथमिक उद्देश्यों में, यूएनडीपी "महत्वपूर्ण शासन ढाँचों व सेवाओं को बनाए रखने के लिये काम कर रहा था, जो सभी समाजों का आधार होते हैं".

उन्होंने आगे कहा, "यूक्रेन में युद्ध अकल्पनीय मानव पीड़ा का कारण बन रहा है, जिसमें जीवन की दुखद हानि और लाखों लोगों का विस्थापन शामिल है... एक ख़तरनाक आर्थिक गिरावट, और पहले से ही पीड़ित आबादी के लिये इस पीड़ा और कठिनाई पर अब अधिक ध्यान होना चाहिये. इस गम्भीर संकट को रोकने के लिये अब भी समय है.”

संयुक्त राष्ट्र के शुरुआती अनुमानों से संकेत मिलता है कि यूक्रेन में 10 में से लगभग तीन लोगों को जीवन रक्षक मानवीय सहायता की आवश्यकता है.

लड़ाई की वर्तमान दिशा के आधार पर, लगभग एक करोड़ 80 लाख लोगों के प्रभावित होने की सम्भावना है, और 70 लाख से अधिक लोगों को अपने घरों से भागना पड़ सकता है.

कारोबार बन्द

यूएनडीपी ने बताया कि दो में से एक यूक्रेनी व्यवसाय पूरी तरह से बन्द हो गया है, जबकि बाक़ी कारोबारों को क्षमता से कम काम करने के लिये मजबूर होना पड़ा है.

यूएनडीपी, यूक्रेन में ज़मीन पर संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी एजेंसियों में से एक है जिसके सामने प्राथमिकताओं में - तत्काल संकट के दौरान सहायता कार्य जारी रखना और मुख्य सरकारी कार्यों को बनाए रखना शामिल है, ताकि सार्वजनिक सेवाओं की सततता सुनिश्चित रखी जा सके.

यूएनडीपी ने एक बयान में उल्लेख किया कि एजेंसी का स्टाफ़ पूरे संघर्ष के दौरान सक्रिय रहा है और उनकी उपस्थिति प्रमुख क्षेत्रों में "लक्षित" तैनाती के साथ मजबूत की गई है, जैसे कि मलबा प्रबन्धन, क्षति मूल्यांकन और आपातकालीन आजीविका सहायता, जिसमें नक़दी सहायता शामिल हैं.

दैनिक सहायता

प्रारम्भिक अनुमान ये हैं कि ग़रीबी में गिर जाने के हालात का सामना कर रहे, 26 लाख लोगों की आंशिक आय हानि की भरपाई करने के लिये, प्रति माह 25 करोड़ डॉलर की राशि की आवश्यकता होगी.

यूएनडीपी ने कहा कि सबसे कमज़ोर हालात वाले लोगों को प्रति दिन साढ़े पाँच डॉलर की प्राथमिक आय मुहैया कराने पर, लगभग 43 करोड़ डॉलर की राशि प्रतिमाह ख़र्च होगी.

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा कि यूक्रेन के जिन पड़ोसी देशों ने देश से निकलने वाले 30 लाख से अधिक शरणार्थियों की सहायता करने में अनेक तरह की मुश्किलों का सामना किया है, उन्हें भी मदद की ज़रूरत है.

उस मोर्चे पर यूएनडीपी पहले से ही संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी - UNHCR के साथ मिलकर काम कर रहा है. 

इनमें, हिंसा से विस्थापित लोगों के लिये सहनशीलता विकसित करने और विकास उपायों के साथ-साथ, आय सृजन व रोज़गार उपलब्धता के माध्यम से शरणार्थियों और मेज़बान समुदायों की सहायता पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है.

हताहतों की बढ़ती संख्या

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय - OHCHR ने नवीनतम पुष्ट आँकड़ों के आधार पर बताया है कि 24 फ़रवरी को यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस के चौतरफ़ा हमले के बाद से, देश में एक हज़ार 834 नागरिक हताहत हुए हैं, जिनमें 691 लोगों की मौत हुई है और एक हज़ार 143 घायल हुए हैं. 

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने आगाह किया है कि लड़ाई की वजह से संख्या की पुष्टि करने में असमर्थता के कारण, हताहतों की असल संख्या कहीं ज़्यादा होने की सम्भावना है.