यूक्रेन: स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर हमले बन्द हों, यूएन एजेंसियों की पुकार

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को जारी अपने एक साझा बयान में यूक्रेन में स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर सभी हमलों को तत्काल रोकने की पुकार लगाई है. यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत से अब तक स्वास्थ्य केंद्रों पर 31 हमलों की पुष्टि हो चुकी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों पर हमलों में आम लोग हताहत हुए हैं, स्वास्थ्य सुविधाओं को क्षति पहुँची है, और अति-आवश्यक बुनियादी सेवाओं की सुलभता पर असर पड़ा है.
.@DrTedros, @UNFPA’s @Atayeshe and @unicefchief Catherine Russell call for an immediate cessation of all attacks on health care in #Ukraine 👇 ⁰https://t.co/CERDfGpmaq pic.twitter.com/MaP0DezJKW
WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और यूएन जनसंख्या कोष (UNFPA) ने कहा कि ये हमले भयावह हैं, जिनमें मरीज़ों की मौतें हो रही हैं, वे गम्भीर रूप से घायल हो रहे हैं, अहम स्वास्थ्य ढाँचे को नुक़सान पहुँचा है और बढ़ती ज़रूरतों के बावजूद लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध नहीं है.
यूएन एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि सर्वाधिक निर्बलों – बच्चों, नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और बीमारियों के पीड़ितों और अपनी जान जोखिम में डालकर मरीज़ों की सेवा कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले बर्बर कृत्य हैं.
युद्ध की शुरुआत से अब तक यूक्रेन में चार हज़ार 300 बच्चों का जन्म हुआ है और अगले तीन महीनों में 80 हज़ार यूक्रेनी महिलाओं के प्रसव की सम्भावना है.
मगर, मौजूदा हालात में ऑक्सीजन, मेडिकल सामग्री और गर्भावस्था के जटिल मामलों के लिये ज़रूरी सामग्री की क़िल्लत महसूस की जा रही है.
यूएन अधिकारियों ने आगाह किया है कि यूक्रेन में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर भारी बोझ है और उसका ढहना विनाशकारी साबित होगा.
“ऐसा होने से रोकने के लिये हर प्रयास किया जाना होगा...अन्तरराष्ट्रीय मानवीय और मानवाधिकार क़ानूनों को बरक़रार रखना होगा और आम नागरिकों के संरक्षण को शीर्ष प्राथमिकता बनाना होगा.”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह बेहद ज़रूरी है कि मानवीय साझीदारों और स्वास्थ्यकर्मी सुरक्षित माहौल में काम करने में सक्षम हों और अति-आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूती प्रदान की जा सके.
इनमें कोविड-19 से बचाव के लिये प्रतिरक्षण और जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति है, साथ ही पड़ोसी देशों में पहुँचने वाले शरणार्थियों के लिये सेवाएँ मुहैया कराई जानी होंगी, जिसके लिये यूएन एजेंसियाँ प्रयासरत हैं.
यूएन जनसंख्या कोष की नतालिया कानेम, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के टैड्रास एडहेनॉम घेबरेयेसस और यूनीसेफ़ की कैथरीन रसैल ने तत्काल युद्धविराम लागू किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है, और साथ ही निर्बाध ढँग से मानवीय राहत उपलब्ध कराई जानी होगी.
“यूक्रेन में युद्ध के अन्त का एक शान्तिपूर्ण निपटान सम्भव है.”
यूक्रेन में हताहत होने वाले आम लोगों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के मुताबिक़, देश में 24 फ़रवरी से 12 मार्च के दौरान एक हज़ार 663 लोग हताहत हुए हैं: 596 लोगों की मौत हुई है और एक हज़ार 67 लोग घायल हुए हैं.
अधिकतर आम नागरिक, रूसी सेना द्वारा की गई हवाई कार्रवाई और इस्तेमाल किये गए विस्फोट हथियारों के बड़े इलाक़े में हुए असर के कारण हताहत हुए हैं. इनमें भारी तोपख़ाने और विविध प्रकार की रॉकेट प्रणालियाँ भी हैं.
हताहतों का वास्तविका आँकड़ा इससे कहीं अधिक होने की आशंका है, विशेष रूप से सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़ों में.
यूक्रेन से प्राप्त जानकारी के अनुसार हिंसा में 85 बच्चों की मौत हुई है और 10 घायल हुए हैं.
इस बीच, मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन कार्यालय का कहना है कि यूक्रेन में मौजूदा हालात की एक बड़ी मानवीय व सामाजिक-आर्थिक क़ीमत है जो लगातार बढ़ रही है.
ज़रूरतमन्दों तक जीवनरक्षक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिये राहत का दायरा व स्तर बढ़ाया जा रहा है, और अब तक छह लाख से अधिक हिंसक संघर्ष प्रभावित लोगों तक पहुँचा गया है.