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यूक्रेन में सांस्कृतिक धरोहरों पर जोखिम - यूनेस्को ने संरक्षण प्रयास किये तेज़

यूक्रेन में लिविफ़ का हवाई नज़ारा.
Unsplash/andriyko
यूक्रेन में लिविफ़ का हवाई नज़ारा.

यूक्रेन में सांस्कृतिक धरोहरों पर जोखिम - यूनेस्को ने संरक्षण प्रयास किये तेज़

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने कहा है कि रूसी आक्रामक कार्रवाई के मद्देनज़र, यूक्रेन की अमूल्य धरोहरों को विध्वंस से बचाने के लिये, सर्वोत्तम उपायों के ज़रिये प्रयास किया जा रहा है. यूनेस्को ने सचेत किया है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का यह दायित्व है कि यूक्रेन में ऐतिहासिक इमारतों व अन्य स्थलों को बचाने में मदद की जाए.

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यूक्रेन में मौजूदा संकट की शुरुआत से ही, यूनेस्को ने अपने शासनादेश (mandate) के फ़्रेमवर्क के भीतर कार्य किया है, विशेष रूप से संस्कृति की रक्षा के लिये.

इस सिलसिले में, यूएन एजेंसी ने अपनी नवीनतम प्रगति रिपोर्ट मंगलवार को जारी की है.

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने कहा कि रूसी सैन्य बलों का आगे बढ़ना जारी है, और इसलिये सर्वोपरि प्राथमिकता आम नागरिकों के जीवन की रक्षा करना है.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि इसके साथ-साथ अतीत के प्रमाण और भविष्य में शान्ति व जुड़ाव के उत्प्रेरक के रूप में सांस्कृतिक धरोहर की भी रक्षा की जानी होगी.

यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक़, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का यह दायित्व है कि इसकी इसकी रक्षा व संरक्षण सुनिश्चित किया जाए.

बताया गया है कि यूनेस्को सभी प्रासंगिक संस्थाओं और यूक्रेन के सांस्कृतिक पेशेवरों के नियमित सम्पर्क में है, ताकि हालात की समीक्षा और सांस्कृतिक सम्पदाओं की रक्षा की जा सके.

संरक्षण के लिये चिन्हित

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा, “पहली चुनौती, सांस्कृतिक धरोहर स्थलों व स्मारकों को चिन्हित करना और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत, संरक्षित क्षेत्रों के तौर पर उनके विशेष दर्जे के प्रति ध्यान दिलाया जाना है.”

यूनेस्को की ओर से जारी की गई एक प्रैस विज्ञप्ति के अनुसार, यूएन एजेंसी यूक्रेन सरकार के सम्पर्क में है और सांस्कृतिक स्थलों व स्मारकों को चिन्हित किया जा रहा है.

इसके लिये, वर्ष 1954 की हेग सन्धि में उल्लेखित एक विशिष्ट ‘ब्लू शील्ड’ प्रतीक का उपयोग किया जाता है.  

यह सन्धि सशस्त्र संघर्षों की स्थिति में सांस्कृतिक सम्पदा के संरक्षण पर आधारित है, ताकि सुनियोजित या दुर्घटनावश होने वाली क्षति को टाला जा सके.

विश्व धरोहर सूची

यूनेस्को ने ध्यान दिलाया है कि सशस्त्र संघर्षों के दौरान सांस्कृतिक धरोहरों में लूटपाट और उनके विध्वंस का इतिहास, युद्ध के इतिहास जितना ही पुराना है.

यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में, कीयेफ़ का सेण्ट-सोफ़िया कैथीड्रल (चर्च) और सम्बद्ध मठ इमारतें, कीयेफ़-पेशेर्स्क लावरा को प्राथमिकता के तौर पर देखा जाता है, जोकि मध्य और आरम्भिक आधुनिक युग से हैं.

चिन्हित किये जाने की प्रक्रिया की शुरुआत पिछले सप्ताहान्त, पश्चिमी यूक्रेन के लिविफ़ शहर के ऐतिहासिक केन्द्रीय इलाक़े में हुई, जहाँ पूर्वी इलाक़ों से हिंसा प्रभावित लोगों ने शरण ली है.

संरक्षण उपाय

यूनेस्को ने हिंसक टकराव की शुरुआत पर अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का सम्मान किये जाने की अपील की थी, ताकि सांस्कृतिक धरोहरों को क्षति पहुँचने से हर हाल में रोका जा सके.

यूक्रेन की राजधानी कीयेफ़ में सेण्ट सोफ़िया कैथीड्रल, यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में है.
© UNSPLASH/ Fatmagul B.
यूक्रेन की राजधानी कीयेफ़ में सेण्ट सोफ़िया कैथीड्रल, यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में है.

इनमें सुरक्षा परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव 2222 का सम्मान भी है, जोकि हिंसक संघर्ष के दौरान पत्रकारों, मीडिया पेशेवरों और सम्बद्ध कर्मियों की सुरक्षा के दायित्व को निभाने पर केन्द्रित है.

साथ ही, स्वतंत्र व निष्पक्ष मीडिया को एक लोकतांत्रिक समाज की अति-आवश्यक बुनियाद के रूप में बढ़ावा दिया जाना होगा, जिससे आम नागरिकों की रक्षा में भी योगदान मिल सकेगा.

प्रशिक्षण व शोध के लिये यूएन संस्था (UNITAR) के साथ साझेदारी के तहत, यूनेस्को उन प्राथमिक स्थलों के लिये सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण कर रहा है, जिनके लिये जोखिम अधिक है.

इसके अलावा, यूएन एजेंसी ने नागरिक समाज के विशेषज्ञों, सजीव विरासत पेशेवरों से भी सम्पर्क साधा है, ताकि मौजूदा घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में सांस्कृति संस्थाओं व कलाकारों पर असर का आकलन किया जा सके.