यूक्रेन से पलायन पर योरोपीय मदद की सराहना
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने यूक्रेन में युद्ध के कारण विस्थापित हुए लोगों को शरण देने के लिये योरोपीय देशों की प्रशंसा की है. अब तक युद्ध से भागे लोगों की संख्या 20 लाख तक पहुँच चुकी है.
फ़िलिपो ग्रैण्डी ने मंगलवार को एक वक्तव्य में, अन्य देशों को भी मदद के लिये आगे आने का आग्रह करते हुए कहा कि इसमें "योरोप का रुख़ क़ाबिले तारीफ़ है."
उन्होंने कहा कि पिछले गुरुवार को घोषित योरोपीय संघ (EU) का एक अस्थाई सुरक्षा निर्देश, "शरणार्थियों को सुरक्षा और विकल्प प्रदान करता है, इस घोर उथल-पुथल के समय स्थिरता का अवसर देता है."
At the Polish/Ukrainian border I was impressed by the outpouring of solidarity by communities through Poland in support of refugees: many volunteers in action, and piles of donations everywhere, all effectively organized by border guards and local authorities. pic.twitter.com/QRW5rwXdV7
FilippoGrandi
विहवल मन
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैण्डी ने क्षेत्र में पाँच दिन बिताए. वहाँ उन्होंने शरणार्थियों, मानवीय सहायता कर्मियों, स्थानीय कार्यकर्ताओं और सरकारों से मुलाक़ात की.
हालाँकि वो योरोप की राहत कार्रवाई से उत्साहित थे, लेकिन यूक्रेन और वहाँ के लोगों के लिये उनका मन बहुत दुखी था.
उन्होंने कहा, “सीमाओं पर मैंने ख़ुद लोगों का पलायन देखा, जिनमें अधिकतर महिलाओं और बच्चों के अलावा उम्रदराज़ शरणार्थी एवं विकलांग थे. हिंसा और सुरक्षा की तलाश में अपने कठिन सफ़र से, वो स्तब्ध और गहराई तक प्रभावित थे."
"परिवार बेवजह टूट से गए हैं. दुख की बात है कि जब तक युद्ध बन्द नहीं होता, तब तक बहुत से और लोगों को इसी परेशानी से गुज़रना होगा.”
24 फरवरी को रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से यूक्रेन के लोग पड़ोसी देशों में पलायन कर रहे हैं.
'एकता का अनूठा मंज़र'
अधिकतर यानि लगभग 12 लाख से अधिक लोगों ने पोलैण्ड का रुख़ किया, वहीं अन्य लोग हंगरी, मोल्दोवा, रोमानिया, स्लोवाकिया और उससे आगे गए हैं.
यूएनएचसीआर के राहतकर्मी विस्थापितों की लगातार बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने के लिये मुस्तैदी से जुटे हैं.
फ़िलिपो ग्रैण्डी ने बताया कि यूएनएचसीआर मानवीय प्रतिक्रिया के समन्वय में मदद कर रहा है. सामग्री और नक़द सहायता प्रदान करने वाली सरकारों का समर्थन करने के लिये "करोड़ों विशेषज्ञ और लाखों-करोड़ों डॉलर की सहायता" भी दी जा रही है, जबकि महिलाओं और बच्चों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये सुरक्षा टीमों में बढ़ोत्तरी की जा रही है.
ज़िम्मेदारी बाँटें
हालाँकि, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्रमुख ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, शरणार्थियों और मेज़बान समुदायों से, विशेष रूप से मोल्दोवा में, अधिक सहायता प्रदान करने हेतु उपयुक्त क़दम उठाने का आहवान किया. वहाँ लगभग 2 लाख 50 हज़ार लोगों ने शरण ली है.
फ़िलिपो ग्रैण्डी ने कहा, "सभी योरोपीय देशों को उदारता दिखाना जारी रखना चाहिये. योरोप से परे अन्य देशों को भी ज़रूरतमन्द लोगों की मदद करने और लाखों शरणार्थियों की अन्तरराष्ट्रीय ज़िम्मेदारी मिलकर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.”
इस क्षेत्र के दौरे के दौरान, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्रमुख ने, यूक्रेन से बचकर निकले कुछ लोगों के ख़िलाफ़ हुए भेदभाव और नस्लवाद को लेकर भी चिन्ता जताई. अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे न तो किसी के साथ भेदभाव करेंगे और न ही लोगों को सुरक्षा के लिये जाने से रोकेंगे.
भारी लड़ाई जारी
इस बीच, यूक्रेन के अन्दर की स्थिति चौंकाने वाली बनी हुई है, क्योंकि लोग किसी भी तरह से लड़ाई से बचने के लिये सुरक्षित स्थान ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय, ओएचसीएचआर के अनुसार, सोमवार तक, 474 लोगों की मौत सहित लगभग एक हज़ार 335 घायलों की संख्या दर्ज की गई थी, हालाँकि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक मानी जा रही है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुज़ैरिक ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र की टीमों और स्वतन्त्र स्रोतों, दोनों ने ही पूर्व और उत्तर पूर्व में भारी लड़ाई की सूचना दी है, जिसमें मारियुपोल, चुहुइफ़, खार्किफ़, इज़ियम, चेर्निहीफ़, सूमी और सिविएरोडोनेत्स्क शामिल हैं.
उत्तर में, बुचा, होस्टोमेल और इरपिन सहित राजधानी कीयेफ़ के बाहरी इलाक़े में भी अत्यधिक हिंसक झड़पों की सूचना मिली थी.
स्तेफ़ान दुज़ैरिक ने न्यूयॉर्क में अपनी दैनिक ब्रीफिंग के दौरान बताया कि इनमें से कुछ क्षेत्रों में फँसे लोगों के पास आपूर्ति की भारी कमी है.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हम दोनों पक्षों से, मारियुपोल, ख़ार्किफ़ और सूमी सहित संघर्षरत क्षेत्रों से नागरिकों को सुरक्षित निकलने की सुविधा के बारे में सार्वजनिक संचार माध्यमों के ज़रिये अपने इरादे स्पष्ट करने का स्वागत करते हैं."
यूक्रेन के अन्दर समर्थन
सुरक्षा स्थिति के अनुरूप, राहतकर्मी पूर्व और पश्चिम में सहायता कार्रवाई बढ़ा रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र के भागीदार, रेड क्रॉस ने मोबाइल क्लीनिकों को 2 लाख मदों से अधिक चिकित्सा सामग्री प्रदान की है, जबकि Médecins Sans Frontières (MSF) ने देश को लगभग 120 क्यूबिक मीटर चिकित्सा आपूर्ति भेजी है.
स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा कि पश्चिम में मुख्य रूप से आन्तरिक तौर पर विस्थापित लोगों को मदद देने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी, IOM ने अब तक 18 हज़ार से अधिक गर्म कम्बल वितरित किये हैं, जबकि UNHCR ने छह हज़ार लोगों को थर्मल कम्बल और गद्दे उपलब्ध करवाए हैं.
उन्होंने कहा कि मानवतावादियों ने यूक्रेन और पड़ोसी देशों में संकट के दौरान राहत प्रदान करने वाले सभी संगठनों के लिये, पोलैण्ड के Rzeszow में एक साझा संचालन समन्वय केन्द्र स्थापित किया है.

चेरनॉबिल के कर्मचारियों के लिये चिन्ता
इस बारे में नवीनतम जानकारी में, अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने, 1986 की विनाशकारी दुर्घटना के स्थान, चेरनॉबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र, और वहाँ फँसे अपने कर्मचारियों की "तनावपूर्ण स्थिति" के बारे में चिन्ता जताई है.
लगभग दो सप्ताह पहले जब हमलावर रूसी बलों ने इस सुविधा को नियंत्रण में लिया था, तब वहाँ लगभग 210 तकनीकी कर्मी और गार्ड काम कर रहे थे.
IAEA प्रमुख, रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने कहा कि यूक्रेनी नियामक अधिकारियों ने एजेंसी को सूचित किया है कि ऐसे में यह बहुत ज़रूरी है कि कर्मचारियों को रोटेशन पर काम पर बुलाया जाए.
उन्होंने IAEA से "वर्तमान कर्मियों को बदलने और एक प्रभावी रोटेशन प्रणाली की एक योजना तैयार करने हेतु, आवश्यक अन्तरराष्ट्रीय समर्थन का नेतृत्व करने के लिये कहा है."
रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने ज़ोर देकर कहा किया कि परमाणु सुविधाओं का संचालन करने वाले कर्मचारियों को नियमित समय में आराम करने और काम करने की सुविधा मिलनी चाहिये.
उन्होंने, देश की परमाणु सुविधाओं की रक्षा में मदद करने के प्रयासों में चेरनोबिल संयंत्र, या कहीं भी यात्रा करने की इच्छा को एक बार फिर दोहराया.