यूक्रेन पर रूसी हमले के दौरान हनन मामलों की जाँच के लिये आयोग
जिनीवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) ने यूक्रेन पर रूस के सैन्य हमले के दौरान मानवाधिकार हनन के मामलों की जाँच करने के लिये, एक आयोग का गठन करने पर सहमति व्यक्त की है. इसके लिये एक प्रस्ताव शुक्रवार को पारित किया गया है.
परिषद के दो तिहाई सदस्यों ने, प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया, जिसे यूक्रेन ने पेश किया था. रूस और ऐरिट्रिया ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया. 13 सदस्य देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
#HRC49 | The @UN🇺🇳 Human Rights Council adopted a resolution calling for the "swift and verifiable" withdrawal of #Russian🇷🇺 troops and Russian-backed armed groups from the entire territory of #Ukraine🇺🇦.Watch the video of the adoption of the VOTE⤵️ pic.twitter.com/hrWtaGeHHn
UN_HRC
मौन क्षण
मानवाधिकार परिषद ने इस हमले के कारण हुए रक्तपात में हताहत हुए लोगों के सम्मान में एक मिनट का मौन भी रखा.
प्रस्ताव में यूक्रेन से रूसी सेनाओं और रूस समर्थित सशस्त्र गुटों की “त्वरित और पुष्ट” वापसी की पुकार लगाई गई, साथ ही ज़रूरतमन्द लोगों तक मानवीय सहायता, निर्बाध और सुरक्षित तरीक़े से पहुँचने देने का भी आग्रह किया गया.
इस स्वतंत्र अन्तरराष्ट्रीय जाँच आयोग के शासनादेश में, मानवाधिकारों के तमाम हनन मामलों और सम्बन्धित अपराधों की जाँच करना करना, व जवाबदेही उपायों के लिये सिफ़ारिशें पेश करना शामिल होगा.
इस प्रस्ताव पर मतदान के साथ ही, मानवाधिकार परिषद में यूक्रेन पर दो दिन तक चली चर्चा भी सम्पन्न हो गई, जो परिषद के महीने भर चलने वाले वार्षिक सत्र के दौरान आयोजित की गई.
आपात चर्चा
मानवाधिकार परिषद में यूक्रेन की राजदूत येफ़हेनीया फ़िलिपेन्को ने कहा कि जाँच आयोग, उनके देश पर रूसी महासंघ के हमले के सन्दर्भ में, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तमाम तरह के उल्लंघन और दुर्व्यवहार मामलों व सम्बन्धित अपराधों की जाँच करेगा.
उन्होंने कहा, “रूस के अपराधों की जाँच व उनके बारे में दस्तावेज़ तैयार करने व ज़िम्मेदार तत्वों की पहचान करने का शासनादेश जारी करके, जवाबदेही सुनिश्चित करना हमारा सामान्य कर्तव्य है.”
उन्होंने मतदान से पहले अपनी बात रखते हुए, सत्र में मौजूद तमाम प्रतिनिधियों से, यूक्रेन में हताहत व प्रभावितों के सम्मान में कुछ देर का मौन रखने का आहवान किया.
इस दौरान सदस्यों द्वारा सम्मान व्यक्त करने के लिये खड़े होने पर, परिषद का कामकाज कुछ देर के लिये ठहर गया.
रूस की असहमति
रूसी प्रतिनिधिमण्डल के एक सदस्य राजदूत ऐफ़जेनी उस्तिनॉफ़ ने सत्र में कहा, “हमने अभी कुछ पल का मौन रखा, और हम इस मौन क्षण का विरोध नहीं करते. मगर आशा करते हैं कि यहाँ मौजूद सभी प्रतिनिधि, उन तमाम हज़ारों लोगों को भी याद करेंगे जो, यूक्रेन अधिकारियों द्वारा हताहत किये गए हैं. और ये लोग डोनबास के हैं.”
उन्होंने जाँच आयोग के गठन का विरोध करते हुए ज़ोर दिया कि ये केवल संसाधनों की बर्बादी है, जबकि इन संसाधनों को यूक्रेन में आम लोगों की मदद के लिये बेहतर रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
अलबत्ता, ऐसा नहीं लगता कि इस प्रस्ताव के सह-प्रायोजकों के लिये इस मुद्दा में कोई दिलचस्पी होगी, जो घटनाक्रम के लिये रूस को ज़िम्मेदार ठहराने के वास्ते, किन्हीं भी उपायों का प्रयोग करेंगे.