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मानवाधिकार परिषद में यूक्रेन संकट पर चर्चा, युद्धविराम का आहवान

मानवाधिकार मामलों के लिये यूएन प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक चर्चा को सम्बोधित किया.
UN Photo/Jean-Marc Ferré
मानवाधिकार मामलों के लिये यूएन प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक चर्चा को सम्बोधित किया.

मानवाधिकार परिषद में यूक्रेन संकट पर चर्चा, युद्धविराम का आहवान

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) की प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने कहा है कि यूक्रेन पर रूस के सैन्य हमले से विश्व इतिहास में एक नया और ख़तरनाक अध्याय शुरू हुआ है. यूएन एजेंसी की शीर्ष अधिकारी ने जिनीवा में मानवाधिकार परिषद की एक बैठक के दौरान, यूक्रेन में हालात पर चिन्ता जताते हुए वहाँ युद्धविराम की पुकार लगाई है.

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यूक्रेन के अनुरोध पर बुलाई गई मानवाधिकार परिषद की बैठक में, यूक्रेन में रूसी आक्रामकता से उपजी मानवाधिकारों की स्थिति पर लाए गए एक प्रस्ताव के मसौदे पर चर्चा हुई.

रूस ने पिछले सप्ताह तथाकथित विशेष सैन्य अभियान शुरू किया है, जिसके बाद से यूक्रेन के कईं शहरों में भारी बमबारी व सैन्य कार्रवाई जारी है.

मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने अपने सम्बोधन में कहा कि 24 फ़रवरी को जो हमला शुरू हुआ, उससे यूक्रेन में लाखों लोगों के मानवाधिकारों पर व्यापक असर हुआ है. परमाणु हथियारों के लिये ख़तरे का स्तर बढ़ना, सम्पूर्ण मानवता के लिये जोखिम की गम्भीरता दर्शाता है.

“एक सप्ताह पहले, रूसी महासंघ के यूक्रेन पर सैन्य हमले से, विश्व इतिहास में एक नया और ख़तरनाक अध्याय खुल गया है.”

उन्होंने बताया कि सैन्य अभियानों में निरन्तर तेज़ी आ रही है, चेरनिहिफ़, ख़ारकीफ़, ख़ेरसन और राजधानी कीयेफ़ समेत अनेक बड़े शहरों में सैन्य कार्रवाई हुई है.

बमबारी जारी

उन्होंने कहा कि दोनेत्स्क क्षेत्र में वोल्नोवाखा शहर बमबारी में पूरी तरह ध्वस्त हो गया है, और वहाँ के निवासियों को भूमिगत स्थलों में छिपना पड़ रहा है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के अनुसार अब तक 227 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 15 बच्चे हैं. कम से कम 525 लोगों के घायल होने की ख़बर हैं, जिनमें 28 बच्चे बताए गए हैं.

बुनियादी ढाँचे को भारी क्षति पहुँची है, और बिजली, जल व स्वास्थ्य देखभाल समेत अति-महत्वपूर्ण आपूर्ति व सेवाएँ ठप हो गई हैं.

यूएन मानवाधिकार एजेंसी प्रमुख ने बताया कि अब तक 20 लाख से अधिक लोग अपने घरों से जान बचाकर भागने के लिये मजबूर हुए हैं. इनमें लगभग 10 लाख लोग घरेलू विस्थापित बताए गए हैं.

पिछले सात दिनों में 10 लाख से अधिक लोगों ने पड़ोसी देशों में शरण ली है.

मानवाधिकार मामलों की शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अधिकतर आम नागरिक, घनी आबादी वाले इलाक़ों में भारी तोपखानों, मल्टी-लॉंच रॉकेट प्रणालियों और हवाई कार्रवाई में हताहत हुए हैं.

नागरिक प्रतिष्ठानों पर क्लस्टर आयुध के इस्तेमाल की भी चिन्ताजनक ख़बरें मिली हैं.  

मंशा पर सवाल

मानवाधिकार मामलों के लिये यूएन प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक चर्चा को सम्बोधित किया.
UN Photo/Jean-Marc Ferré
मानवाधिकार मामलों के लिये यूएन प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक चर्चा को सम्बोधित किया.

संयुक्त राष्ट्र के जिनीवा कार्यालय में रूस के स्थाई प्रतिनिधि गेन्नाडी गातिलोफ़ ने चर्चा के आधार को ही ख़ारिज करते हुए, रूसी अभियान की अन्तरराष्ट्रीय निन्दा में शामिल होने वालों की मंशा पर सवाल उठाया.

“यूक्रेन की शान्ति व समृद्धि आपके हित में नहीं है. आम यूक्रेनी नागरिकों की ज़िन्दगियों में आपकी कोई दिलचस्पी नहीं है.”

“आपको यूक्रेन में हालात के निपटारे की कोई ज़रूरत नज़र नहीं आती है.”

श्रीमान ज़ेलेन्स्की की 'कठपुतली-शासन' व्यवस्था में आपकी दिलचस्पी, रूस के साथ आपके टकराव में, दबाव बनाने का एक ज़रिया और एक ट्रम्प कार्ड है.

ज़िन्दगी पर जोखिम

यूक्रेन में विदेश मामलों के प्रथम उपमंत्री एमीने ड्झापरोफ़ा ने कहा है कि रूस की आक्रामक कार्रवाई दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर गई है.

कीयेफ़ में बीती रात भारी धमाकों और दक्षिणी बन्दरगाह खे़रसन पर रूसी नियंत्रण की पुष्टि की ख़बरों के बाद उन्होंने कहा कि हर दिन, ज़िन्दगी और मौत, गरिमा और अनादर का अनुभव करना पड़ रहा है.

“मौत की मौजूदगी - जब, दो दिन पहले मारियोपोल में डॉक्टर, खून में लथपथ पजामा पहने एक छह वर्षीय लड़की को बचा नहीं पाए.”

यूक्रेन से आने वाले शरणार्थी पोलैण्ड में प्रवेश करने के बाद अलाव जलाकर गर्माहट लेते हुए
© UNHCR/Valerio Muscella
यूक्रेन से आने वाले शरणार्थी पोलैण्ड में प्रवेश करने के बाद अलाव जलाकर गर्माहट लेते हुए

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ इसीलिये हो रहा है चूँकि, युद्ध अपराधियों के एक समूह के पास, परमाणु बटन है, और उस समूह ने ये मान लिया है कि हमारे लोग प्रतिरोध व लड़ाई के लिये बहुत कमज़ोर हैं.

उन्हें लगता है कि दुनिया इसकी परवाह नहीं करेगी.

“वे स्वयं को अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और नियम-आधारित व्यवस्था से ऊपर रखते हैं.”

युद्ध के विरोध में मुखर आवाज़ें

संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ विक्टर मैड्रिगल-बोरलोज़ ने कहा कि सैन्य हमला, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का खुला उल्लंघन है और यह यूएन चार्टर की मूल भावना व उद्देश्यों पर प्रहार करता है.

विशेष रैपोर्टेयर के मुताबिक़, यह एक बुनियादी रूप से उस व्यवस्था पर हमला है, जिससे मानवाधिकारों पर हमारे कामकाज को आगे बढ़ाने और मानव गरिमा के लिये सम्मान को बढ़ावा देने में मदद मिलती है.

यौन रुझान व लैंगिक पहचान पर आधारित हिंसा व भेदभाव के मुद्दे पर यूएन के विशेष रैपोर्टेयर, विक्टर मैड्रिगल-बोरलोज़ ने कहा कि रूस के भीतर अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पाबन्दियों के आरोप लग रहे हैं.

ख़बरों के अनुसार, युद्ध-विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे शान्तिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को मनमाने ढंग से गिरफ़्तार किया गया है, और पिछले गुरूवार से अब तक क़रीब सात हज़ार लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है.