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यूक्रेन: हिंसा के कारण, सुरक्षा की तलाश में लाखों लोगों ने देश छोड़ा

यू्क्रेन में परिवार घर छोड़ने के बाद, ज़ोसिन सीमा के ज़रिये पोलैण्ड पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं.
© UNHCR/Chris Melzer
यू्क्रेन में परिवार घर छोड़ने के बाद, ज़ोसिन सीमा के ज़रिये पोलैण्ड पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं.

यूक्रेन: हिंसा के कारण, सुरक्षा की तलाश में लाखों लोगों ने देश छोड़ा

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने सोमवार को कहा है कि यूक्रेन में जारी लड़ाई ने, अब तक क़रीब पाँच लाख लोगों को देश की सीमाओं के परे धकेल दिया है.

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी मामलों की एजेंसी - UNHCR की प्रवक्ता शाबिया मण्टू ने यूएन न्यूज़ को बताया कि बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर जा रहे हैं और यह केवल पाँच दिनों के भीतर हुआ है.

एक 36 वर्षीय महिला, ओल्गा, राजधानी कीयेफ़ से हैं और अब एक शरणार्थी हैं. उन्होंने अपनी 8 वर्षीय बेटी, दो वर्षीय बेटे, एक पड़ोसी और उनकी बेटी के साथ, गुरूवार को कार से अपनी यात्रा शुरू की.

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तीन दिन सड़क पर गुज़ारने के बाद, अब वे पोलैण्ड के एक सीमावर्ती शहर ज़ोसिन पहुँचे हैं.

घण्टों तक प्रतीक्षा

ओल्गा ने यूएन शरणार्थी एजेंसी को शनिवार को बताया कि बममारी शुरू होने पर ही उन्होंने शहर छोड़ दिया था. कीयेफ़ से बाहर निकलने में 12 घण्टे लगे, जबकि यह अवधि सामान्यतः सात घण्टे की है.

यूएन एजेंसी के कर्मचारियों ने ओल्गा से जब सम्पर्क साधा तो वो यूक्रेन और पोलैण्ड की सीमा पर बहने वाली बग नदी पर बने पुल पर हज़ारों वाहनों की क़तार में थीं.

14 किलोमीटर लम्बी वाहन क़तार पर उन्होंने बताया कि “हम यहाँ 36 घण्टों से हैं.” जो लोग पैदल यात्रा कर रहे हैं, वे कहीं जल्दी यातायात से निकल कर पोलैण्ड पहुँचने में सक्षम हैं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने पिछले सप्ताह यूक्रेन में एक “विशेष सैन्य अभियान” शुरू किया है जिसके बाद बड़ी संख्या में यूक्रेनी नागरिक सुरक्षित स्थानों की तलाश में अपने घर छोड़ रहे हैं.

विकल्प का अभाव

अधिकतर लोग, पश्चिम में स्थित पोलैण्ड का रुख़ कर रहे हैं, और उनमें अधिकतर महिलाएँ व बच्चे हैं. अन्य लोग हंगरी, मोल्दोवा, रोमानिया और अन्य देशों में शरण लेने का प्रयास कर रहे हैं.

ओल्गा का कहना है कि ज़ोसिन पहुँच कर वह इत्मीनान महसूस कर रही हैं. हालाँकि अपनी पूरी यात्रा के दौरान, उन्हें कहीं पर गर्म भोजन या शौचालय नहीं मिल पाया.

ओल्गा, कीयेफ़ में घर छोड़ने के तीन दिन बाद पोलैण्ड सुरक्षित पहुँची.
© UNHCR
ओल्गा, कीयेफ़ में घर छोड़ने के तीन दिन बाद पोलैण्ड सुरक्षित पहुँची.

“मैं निश्चितता के साथ कह सकती हूँ कि अन्य लोग बदतर हालात में हैं. कम से कम हम स्वस्थ हैं.”

जब उनसे पूछा गया कि कार में इतनी लम्बी यात्रा उन्होंने कैसे की, तो ओल्गा ने कहा कि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था.

शरणार्थियों के लिये समर्थन

बताया गया है कि जिन देशों में शरणार्थी पहुँच रहे हैं, वहाँ स्थानीय प्रशासन उनका पंजीकरण कर रहा है.

यूएन एजेंसी और साझीदार संगठन, मुख्य सीमावर्ती इलाक़ों में ज़मीनी स्तर पर इन प्रयासों को समर्थन दे रहे हैं.

यूएन एजेंसी के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने ज़ोर देकर कहा है कि मानवीय राहत कार्रवाई के लिये सुरक्षा व सुलभता सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है.

“UNHCR पड़ोसी देशों में सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है, और उनसे सुरक्षा व संरक्षण की तलाश कर रहे लोगों के लिये सीमाएँ खुली रखने का आग्रह कर रहा है.”

“हम इन प्रयासों को समर्थन देने और जबरन विस्थापन के किसी भी प्रकार के हालात पर मदद कार्रवाई के लिये तैयार हैं.”

घर लौटने की इच्छा

संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन की सहायता के लिये अपने संकल्प को रेखांकित किया है. महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने पिछले सप्ताह आपात राहत के लिये दो करोड़ डॉलर की रक़म जारी की थी.

इस क्रम में मंगलवार को भी मानवीय सहायता अपील जारी की जाएगी. ओल्गा फ़िलहाल सुरक्षित हैं, मगर अपने भविष्य के प्रति उनमें अनिश्चितता का भाव है.

उनकी सबसे बड़ी चिन्ता अपने पति की सुरक्षा है, जोकि फ़िलहाल कीयेफ़ में हैं, अपना रक्तदान करते हैं, और उन बुज़ुर्गों की मदद करते हैं, जोकि फ़िलहाल कहीं और नहीं जा सकते हैं.

ओल्गा ने बमबारी व मौतों का सिलसिला जल्दी रुकने की उम्मीद जताई और ये भी कि वो जल्द ही फिर से अपने घर जा सकेंगी.