जलवायु कार्रवाई के अभाव में, चरम मौसम घटनाओं से बढ़ेंगी मानवीय ज़रूरतें

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि मेडागास्कर में चरम मौसम घटनाओं का असर, एक उदाहरण है कि कारगर जलवायु कार्रवाई के अभाव में, आने वाले समय में दुनिया को किस तरह बढ़ती मानवीय आवश्यकताओं का सामना करना पड़ सकता है.
अफ़्रीका में मेडागास्कर, तूफ़ान की दृष्टि से सर्वाधिक सम्वेदनशील देशों में है और बुधवार को चक्रवाती तूफ़ान एमनाती यहाँ हुँचा है.
जलवायु परिवर्तन पर अन्तर-सरकारी आयोग (IPCC) आने वाले दिनों में इस विषय में अपनी एक रिपोर्ट पेश करेगा.
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WFP
चक्रवाती तूफ़ान एमनाती, एक महीने के भीतर मेडागास्कर को अपनी चपेट में लेने वाला चौथा तूफ़ान है. ख़बरों के अनुसार – एमनाती, दुमाको, बातसिराइ और एना – ने द्वीपीय देश को भीषण नुक़सान पहुँचाया है.
कृषि भूमि को व्यापक पैमाने पर नुक़सान हुआ है और धान की फ़सल की कटाई से कुछ ही सप्ताह पहले ये हानि हुई है.
लौंग, कॉफ़ी और मिर्च जैसी नक़दी फ़सलों पर भी गम्भीर असर पड़ा है.
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एजेंसी - WFP के मुताबिक़, कुछ प्रभावित इलाक़ों में 90 फ़ीसदी फ़सले बर्बाद हो जाने का अनुमान है. यह एक ऐसे देश के लिये विशेष रूप से चिन्ताजनक है, जहाँ अब भी बड़ी आबादी अपने गुज़ारे के लिये कृषि पर निर्भर है.
यूएन एजेंसी ने बताया कि चक्रवाती तूफ़ान स्थानीय निर्बल परिवारों के लिये विकट हालात पैदा कर रहे हैं, और भरपेट भोजन ना मिल पाने की समस्या गहराने की आशंका है.
दक्षिणी मेडागास्कर के इलाक़े, अनेक वर्षों से गम्भीर सूखे की मार झेल रहे हैं और यह जलवायु चरम घटनाओं के प्रति मेडागास्कर की सम्वेदनशीलता को दर्शाता है.
यूएन एजेंसी में आपात मामलों के उपनिदेशक ब्रायन लैण्डर ने बताया, “हम मेडागास्कर में जो देख रहे हैं, वो चरम जलवायु प्रभाव हैं, तूफ़ानों और लम्बी अवधि वाले सूखों का सिलसिला, जिनसे लाखों लोग प्रभावित होते हैं.”
पिछले वर्ष दिसम्बर महीने में, 16 लाख से अधिक लोग खाद्य असुरक्षा का शिकार थे, और देश भर में ज़रूरतमन्दों को मानवीय राहत की आवश्यकता है.
एक के बाद एक तूफ़ानों की वजह से बाज़ार आपूर्ति पर भी असर पड़ा है, खाद्य क़ीमतों में उछाल दर्ज किया गया है और खाद्य असुरक्षा गहराने की आशंका है.
नई वास्तविकता के अनुरूप अनुकूलन यूएन खाद्य एजेंसी के उपनिदेशक का कहना है कि WFP ज़रूरतमन्दों को भोजन मुहैया करा रही है, मगर इन तूफ़ानों की पृष्ठभूमि में, स्थानीय समुदायों को हालात के मुताबिक़ ढलने के बारे में भी सोचना होगा.
इस क्रम में, यूएन एजेंसी ने दीर्घकालिक जलवायु अनुकूलन की अहमियत पर बल दिया है, ताकि समुदायों को जलवायु व्यवधानों और दबावों से तैयार होने में मदद प्रदान की जा सके.
उदाहरणस्वरूप, WFP द्वारा एकीकृत जोखिम प्रबन्धन के तहत कुछ ज़िलों में पिछले वर्ष, साढ़े तीन हज़ार लघु किसानों तक बीमा, बचत और जलवायु-अनुकूलित तौर-तरीकों में प्रशिक्षण प्रदान किया.
मेडागास्कर में यूएन एजेंसी की देशीय रणनैतिक योजना के अन्तर्गत, सामाजिक संरक्षा प्रणाली पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, ताकि निर्बल समुदायों के पास, संकट से पहले, संकट के दौरान और बाद में भी पोषक आहार की सुलभता हो.
इस बीच, जलवायु संकट के कारण दुनिया भर में भरपेट भोजन ना मिलने की समस्या गहरा रही है.
वर्ष 2020 में, दुनिया में खाद्य संकटों के लिये चरम मौसम घटनाएँ सबसे अधिक ज़िम्मेदार थीं, और इस वजह से 15 देशों में अचानक खाद्य असुरक्षा के हालात पैदा हुए.
हाल की कुछ रिपोर्टें दर्शाती हैं कि हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में क़रीब एक करोड़ 30 लाख लोग, हर दिन सुबह भूखे पेट नीन्द से जागते हैं.
यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे गम्भीर शुष्क परिस्थितियों के कारण 1981 के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर सूखे का सामना करना पड़ रहा है.