वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

अफ़ग़ानिस्तान: आठ पोलियो स्वास्थ्यकर्मियों की 'निर्दयतापूर्ण' हत्याओं की निन्दा

अफ़ग़ानिस्तान के दक्षिणी प्रान्त कन्दाहार में, एक बच्चे को पोलियो वैक्सीन की ख़ुराक देने की तैयारी. (फ़ाइल फ़ोटो)
© UNICEF/Frank Dejongh
अफ़ग़ानिस्तान के दक्षिणी प्रान्त कन्दाहार में, एक बच्चे को पोलियो वैक्सीन की ख़ुराक देने की तैयारी. (फ़ाइल फ़ोटो)

अफ़ग़ानिस्तान: आठ पोलियो स्वास्थ्यकर्मियों की 'निर्दयतापूर्ण' हत्याओं की निन्दा

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र ने उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान में चार स्थानों पर पोलियो टीकाकरण में जुटे आठ कर्मचारियों की हत्याओं की कड़े शब्दों में निन्दा की है. पिछले वर्ष नवम्बर में देशव्यापी प्रतिरक्षण अभियान शुरू होने के बाद से पहली बार ये हमले हुए हैं.

टीकाकरण ट्रांज़िट टीम के एक सदस्य की हत्या तकहार प्रान्त में तलोक़ान ज़िले में हुई, जबकि घर-घर जाने वाली टीम के चार अन्य सदस्यों की कुन्दुज़ में दो अलग-अलग घटनाओं में हत्या कर दी गई.

अफ़ग़ानिस्तान में यूएन टीम के अनुसार, दो टीकाकर्मियों और एक सामाजिक कार्यकर्ता को कुन्दुज़ के इमामसाहेब ज़िले में जान से मार दिया गया है.

Tweet URL

संयुक्त राष्ट्र ने इन घटनाओं के मद्देनज़र, कुन्दुज़ और तकहार प्रान्तों में राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण को तत्काल रोकने की बात कही है.

मानवीय क़ानून का उल्लंघन

अफ़ग़ानिस्तान के लिये संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष उपप्रतिनिधि रमीज़ अलकबरोफ़ ने ट्विटर पर इन घटनाओं की कड़े शब्दों में निन्दा की है.

उन्होंने कहा कि ये हमले और हत्याएँ, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का उल्लंघन हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने भी दुख प्रकट करते हुए इन हत्याओं को स्तब्धकारी बताया है, जिनमें चार स्वास्थ्यकर्मी महिलाएँ थीं.

उन्होंने ट्विटर पर अपने सन्देश में कहा, “हम उनके परिवारजनों और सहकर्मियों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना व्यक्त करते हैं.”

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक ने ज़ोर देकर कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिये.

स्वास्थ्यकर्मियों के लिये चुनौती

अफ़ग़ानिस्तान में यूएन की देशीय टीम ने इन हत्याओं की क्रूरता पर क्षोभ ज़ाहिर करते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला किया गया है.

पिछले वर्ष राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण अभियानों में नौ पोलियोकर्मी मारे गए थे.

संयुक्त राष्ट्र ने अपने वक्तव्य में कहा है कि ये प्रतिरक्षण प्रयास, पोलियो से लाखों बच्चों की रक्षा करने के लिये एक महत्वपूर्ण और कारगर उपाय हैं.

उन बच्चों को एक स्वस्थ जीवन के आश्वासन से वंचित किया जाना, अमानवीय है.

“यह बेसिरपैर की हिंसा को तत्काल रोका जाना होगा, और दोषियों की जाँच करके उन्हें न्याय के कटघरे में लाना होगा.”

“ये हमले अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का उल्लंघन हैं.”

संयुक्त राष्ट्र ने अतीत में हर स्थान पर, स्वास्थ्यकर्मियों पर किये गए हमलों की कड़ी निन्दा की है और ज़ोर देकर कहा है कि स्वास्थ्य देखभाल निष्पक्ष है.

सर्वाधिक पीड़ित बच्चे

अफ़ग़ानिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान को विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष समेत अन्य साझीदार संगठनों का समर्थन प्राप्त है.

इस अभियान के ज़रिये देश भर में इस महीने, पाँच वर्ष से कम उम्र के क़रीब लाखों बच्चों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा गया था. इसके बाद, 2022 की शेष अवधि में चार अन्य दौर संचालित किये जाने का कार्यक्रम है.

अफ़ग़ानिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान के तहत एक नवजात शिशु को ख़ुराक पिलाई जा रही है.
© UNICEF/K. Shah
अफ़ग़ानिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान के तहत एक नवजात शिशु को ख़ुराक पिलाई जा रही है.

पूर्वी भूमध्यसागर के लिये, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर अहमद अल-मन्दहारी ने बताया कि कुन्दुज़ और तकहार प्रान्तों में अभियान को रोके जाने से हज़ारों बच्चे रक्षा कवच से बाहर होंगे.

इससे उनके जीवन के लिये ख़तरा पैदा करने वाली बीमारियों की चपेट में आने और स्थाई लकवा का शिकार होने का जोखिम है.

डॉक्टर अल-मन्दहारी ने स्वास्थ्यकर्मियों पर इन हमलों को रोके जाने का आग्रह किया है और ध्यान दिलाया है कि इन पर सभी आस्थाओं में पाबन्दी है.

उन्होंने कहा कि इन कायरतापूर्ण कृत्यों का सबसे अधिक नुक़सान बच्चों को उठाना पड़ता है, जिन्हें सुरक्षित व स्वस्थ जीवन जीने के लिये हर एक अवसर प्रदान किया जाना चाहिये.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने स्वास्थ्यकर्मियों पर इन हमलों की कड़े शब्दों में निन्दा की है और तालेबान से दोषियों की तत्काल शिनाख़्त करने और न्याय के कटघरे में लाये जाने की मांग की है.