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यूक्रेन में संकट, विश्व के लिये 'एक ख़तरनाक पल'

यूएन सुरक्षा परिषद यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा करते हुए.
UN Photo/Loey Felipe
यूएन सुरक्षा परिषद यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा करते हुए.

यूक्रेन में संकट, विश्व के लिये 'एक ख़तरनाक पल'

शान्ति और सुरक्षा

यूक्रेन में मौजूदा संकट के मुद्दे पर बुधवार को सुरक्षा परिषद की आपात बैठक के दौरान, महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से पुरज़ोर अपील करते हुए यूक्रेन पर हमला ना करने की पुकार लगाई. सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने भी पिछले तीन दिनों में, सुरक्षा परिषद की दूसरी आपात बैठक के दौरान, सैन्य टकराव से पीछे हटने और कूटनीति समाधान पर बल दिया है.

​बैठक के दौरान ही ख़बर आई कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनबास में एक 'विशेष सैन्य अभियान' की घोषणा कर दी है और यूक्रेन की सेनाओं से अपने हथियार डालने को कहा है.

इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों के स्थाई प्रतिनिधियों ने आक्रामक कार्रवाई से पीछे हटने और मौजूदा संकट का कूटनैतिक समाधान निकाले पर बल दिया.

'एक ख़तरनाक पल'

अमेरिकी राजदूत लिण्डा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने कहा कि बुधवार रात को बैठक इसलिये बुलाई गई है, चूँ​​कि यूक्रेन के साथ-साथ, “हमारा भी पूरी तरह से मानना है कि आक्रमण किसी भी समय हो सकता है.”

उन्होंने रूस सरकार द्वारा वायुक्षेत्र बन्द किये जाने, सैन्य बलों के डोनबास की ओर बढ़ने और अन्य सुरक्षा बलों को युद्ध के लिये तैयार रहने का उल्लेख किया.

अमेरिकी राजदूत लिण्डा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने यूक्रेन संकट पर बुधवार रात सुरक्षा परिषद की आपात बैठक को सम्बोधित किया.
© UN Photo/Mark Garten
अमेरिकी राजदूत लिण्डा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने यूक्रेन संकट पर बुधवार रात सुरक्षा परिषद की आपात बैठक को सम्बोधित किया.

"यह एक जोखिम भरा क्षण है और हम यहाँ केवल एक और एक ही वजह से हैं: रूस से रुकने के लिये कहने के लिये. आप अपनी सीमाओं पर वापिस लौटें. अपने सैन्य बलों, अपने टैंकों, और अपने विमानों को वापिस बैरक और हैंगर में भेजें. और अपने राजनयिकों को वार्ता की मेज़ पर भेजें."

राजदूत थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को ध्यान दिलाया कि रूस ने पहले व्यक्त किये गए पुर्वानुमानों को उन्मादी क़रार दिया था. साथ ही कहा था कि अमेरिका झूठ बोल रहा है और दुनिया में भ्रामक जानकारी फैला रहा है.

“मगर हमने जो कुछ कहा था, वो हुआ है, पूरी दुनिया के सामने...हमें इस ख़तरे का सीधे तौर पर सामना करना है.”

'शान्ति प्रयासों को बड़ा झटका'

फ्रांस के राजदूत निकोलस डे रिवियेर ने कहा कि रूस, यूक्रेन में अफ़रा-तफ़री मचाने के कगार पर है, जिससे योरोप में शान्ति व सुरक्षा प्रयासों को एक ऐसा झटका लगा है, जिसे न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है.

फ्रेंच राजनयिक ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन इस हमले की महीनों से योजना बना रहे थे और उन्होंने निरन्तर, धैर्य के साथ, यूक्रेन की सम्प्रभुता व क्षेत्रीय अखण्डता को कमज़ोर किया है.

यूएन में फ्रांस के स्थाई प्रतिनिधि निकोलस डे रिवियेर ने यूक्रेन संकट पर बुधवार रात सुरक्षा परिषद की आपात बैठक को सम्बोधित किया.
© UN Photo/Mark Garten
यूएन में फ्रांस के स्थाई प्रतिनिधि निकोलस डे रिवियेर ने यूक्रेन संकट पर बुधवार रात सुरक्षा परिषद की आपात बैठक को सम्बोधित किया.

“इस दौरान, यूक्रेन ने असाधारण संयम का परिचय दिया है, जिसमें हिंसा से बचा जाना भी है.”

उन्होंने कहा कि योरोप के सहयोगी देशों और अमेरिका ने रूस के साथ मिलकर, एक कूटनैतिक समाधान ढूंढने का संकल्प व्यक्त किया है.

इस क्रम में, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने बुधवार को महासभा के सत्र में एकजुट आवाज़ में क्षेत्रीय अखण्डता व सम्प्रभुता का सम्मान किये जाने की पुकार लगाई थी.

फ्रांस के राजदूत ने कहा कि यदि, रूस इस युद्ध का चयन करता है, तो उसे पूरी ज़िम्मेदारी लेनी होगी और क़ीमत चुकानी होगी.

'यूक्रेन के माथे पर तनी बन्दूक'

ब्रिटेन की राजदूत डेम बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि पिछले कई महीनों से, रूस ने यूक्रेन के माथे पर बन्दूक तानी हुई है.

ब्रिटेन की राजदूत डेम बारबरा वुडवर्ड ने यूक्रेन संकट पर बुधवार रात सुरक्षा परिषद की आपात बैठक को सम्बोधित किया.
© UN Photo/Mark Garten
ब्रिटेन की राजदूत डेम बारबरा वुडवर्ड ने यूक्रेन संकट पर बुधवार रात सुरक्षा परिषद की आपात बैठक को सम्बोधित किया.

सुरक्षा परिषद, यूएन महासभा के सदस्य देशों और महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अनेक बार रूस की आक्रामकता पर विराम की पुकार लगाई है.

“दुनिया शान्ति की पुकार लगा रही है, मगर रूस उसे अनसुनी कर रहा है.”

ब्रिटेन की राजनयिक ने कहा कि यूक्रेन की सम्प्रभुता व क्षेत्रीय अखण्डता के संकल्प के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

“हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धान्तों और उद्देश्यों के प्रति हमारे संकल्प के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे...और सबसे अधिक उस संस्थापक सिद्धान्त के साथ भी, कि हम एक अच्छे पड़ोसी की तरह साथ में रहते हैं.”

संकट की बुनियादी वजह

सुरक्षा परिषद में फ़रवरी महीने के लिये अध्यक्ष देश रूस के राजदूत वसीलि एलेक्सीविच नेबेन्त्ज़या ने कहा कि सभी वक्ता, उन लोगों की शायद परवाह नहीं करते हैं, जो तहखानों में रह रहे हैं.

रूसी राजनयिक ने कहा कि वे उन शरणार्थियों के लिये भी बेपरवाह हैं, जो यूक्रेन से भागकर रूस में आ रहे हैं, मानो उन 40 लाख लोगों का कोई अस्तित्व ही ना हो.

“यूक्रेन के इर्द-गिर्द मौजूदा संकट की बुनियाद, यूक्रेन के स्वयं के क़दम हैं, जिसने अनेक वर्षों से मिन्स्क उपायों के पैकेज के दायित्वों को नुक़सान पहुँचाया है.”

फ़रवरी 2022 के लिये सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष देश, रूस के राजदूत वसीलि एलेक्सीविच नेबेन्त्ज़या ने आपात बैठक को सम्बोधित किया.
© UN Photo/Mark Garten
फ़रवरी 2022 के लिये सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष देश, रूस के राजदूत वसीलि एलेक्सीविच नेबेन्त्ज़या ने आपात बैठक को सम्बोधित किया.

“पिछले सप्ताह ये कुछ हद तक आशा थी कि कीयेफ़ पुनर्विचार करेगा, इतना होने पर भी वर्ष 2015 में हुई सहमति पर अमल करेगा. इसके लिये, सर्वप्रथम, हमें दोनेत्स्क और लूहान्स्क के साथ सम्वाद की ज़रूरत है.”

“लेकिन और पुष्टि हुई है कि यूक्रेन इस तरह के सम्वाद और डोनबास को एक विशेष दर्जा दिये जाने की दिशा में क़दम के लिये तैयार नहीं है, जैसाकि मिन्स्क समझौतों में उल्लिखित है.”

“इस रुख़ के लिये पश्चिम के समर्थन ने, अन्तत: हमें य़क़ीन दिला दिया कि हम डोनबास में रहने वाले लोगों को अब और पीड़ा में रहने के लिये मजबूर नहीं कर सकते हैं.”

उन्होंने परिषद के देशों को बताया कि उन्हें अभी जानकारी मिली है कि राष्ट्रपति पुतिन ने क्षेत्र में एक "विशेष सैन्य अभियान" की घोषणा की है.

रूसी राजनयिक ने कहा कि “मैं आपको हालात से अवगत कराता रहूँगा,” और बताया कि यूक्रेन को क़ब्ज़े में लेना उनकी योजना नहीं है. “हमारी योजना [डोनबास] में यूक्रेन की सरकारी व्यवस्था द्वारा ढहाए गए जनसंहार से लोगों की रक्षा करना है.”

तनाव दूर करने में देरी हो गई

यूक्रेन के राजदूत सर्गेय किस्लित्स्या ने कहा कि उनका वक्त्व्य अब व्यर्थ है, चूँकि रूसी राजदूत ने सुरक्षा परिषद के मंच से कह दिया है कि राष्ट्रपति पुतिन ने उनके देश पर युद्ध की घोषणा कर दी है.

उन्होंने रूसी राजदूत से यह स्पष्ट करने के लिये कहा कि यूक्रेन पर उस पल बमबारी की जा रही है या नहीं.

संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत सर्गेय किस्लित्स्या ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक को सम्बोधित किया.
© UN Photo/Mark Garten
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत सर्गेय किस्लित्स्या ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक को सम्बोधित किया.

यूक्रेन के प्रतिनिधि ने बताया कि तनाव में कमी लाने के लिये अब बहुत देर हो चुकी है. उन्होंने कहा कि यह परिषद का दायित्व है कि इस युद्ध को रोका जाए.

“रूसी महासंघ को सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के तौर पर ज़िम्मेदारी त्याग देनी चाहिये. इन दायित्वों को सुरक्षा परिषद के एक जायज़ सदस्य को दे दीजिये. एक ऐसा सदस्य जिसमें चार्टर के लिये सम्मान भाव हो. और मैं सुरक्षा परिषद के सदस्यों से भी एक आपात बैठक तत्काल बुलाए जाने के लिये कहता हूँ. और युद्ध रोकने के लिये सभी ज़रूरी निर्णयों पर विचार करने के लिये भी.”

“युद्ध अपराधियों के लिये कोई यातना पर्याप्त नहीं है. वे सीधे नर्क में जाते हैं.”

उन्होंने परिषद के कुछ सदस्यों द्वारा यूक्रेन में आक्रामक कार्रवाई की निन्दा के लिये एक प्रस्ताव लाए जाने की मंशा ज़ाहिर की.

बैठक समाप्त होने से पहले, परिषद के अनेक सदस्यों ने मंच पर दूसरी बार अपनी बात रखते हुए, पूर्वी यूक्रेन में रूस के कथित विशेष सैन्य अभियान की घोषणा की निन्दा की.