स्कूली आहार के पोषण मानकों में सुधार के लिये नई पहल

संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों ने एक नई परियोजना शुरू की है, जिसके तहत, स्कूली भोजन कार्यक्रमों में पोषण मानक विकसित करने में सहायता के ज़रिये, बच्चों के आहार में बेहतरी लाने के प्रयास किये जाएंगे.
अनेक देशों में, स्कूलों में दिया जाने वाला भोजन, बच्चों के दैनिक आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसलिये यह महत्वपूर्ण है कि यह भोजन सीधे तौर पर बच्चों की पोषण ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम हो.
A new @FAO-@WFP project with support from @bmel will boost children’s right to food in schools.The project aims to improve children’s diets through the adoption of nutrition guidelines and standards within national school food programmes and policies.👉https://t.co/uvbeNHGZma pic.twitter.com/xAlESIxXZi
FAO4Members
खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) में खाद्य और पोषण विभाग की उप-निदेशक, नैन्सी एबर्टो ने कहा कि यूएन एजेंसी का लक्ष्य स्कूली आहार बेहतर बनाने के लिये, सरकारों व संस्थाओं को समर्थन देना है, ताकि बच्चों व किशोरों के लिये स्वस्थ भोजन मुहैया कराया जा सके.
इन प्रयासों में, स्कूली भोजन के लिये वृहद परिस्थितियों और स्थानीय खाद्य प्रणालियों से ख़रीद प्रक्रियाओं का भी ख़याल रखा जाएगा, ताकि बच्चों के लिये भोजन का अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में क़दम आगे बढ़ाए जा सकें."
स्कूल खाद्य पोषण दिशानिर्देश और बच्चों व किशोरों के भोजन के अधिकार की सुरक्षा के लिये, सुरक्षित मानक तय करने वाली यह परियोजना, जर्मनी के खाद्य और कृषि मंत्रालय (BMEL) द्वारा समर्थित है.
परियोजना में भागीदार संगठन, स्कूलों के लिये व्यावहारिक खाद्य शिक्षा रणनीतियाँ लागू करने के लिये मार्गदर्शन भी तैयार करेंगे. कक्षा में सीखने-समझाने के तौर-तरीक़ों के रूप में स्कूली भोजन की सूची को उपयोग में लाया जाएगा.
इसके अलावा, स्कूल परिसर में मीठे पेय पदार्थ बेचने पर प्रतिबन्ध लगाने जैसे अन्य उपायों को भी बढ़ावा दिया जाएगा.
साथ ही, नए पोषण मानकों को क़ानून में शामिल करने के प्रयासों में राष्ट्रीय निकायों का समर्थन किया जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने कहा कि सामुदायिक स्वामित्व इस परियोजना का एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा है.
इसके अन्तर्गत उन तंत्रों को मज़बूत किया जाएगा, जहाँ छात्र और माता-पिता पोषण मानकों का पालन न होने पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) में स्कूल-आधारित कार्यक्रम प्रभाग के निदेशक, कारमेन बरबानो ने कहा, “स्कूली भोजन की आवश्यकता और विभिन्न क्षेत्रों में इसके लाभों के बारे में अब हमारे पास वैश्विक सहमति है.”
“स्कूली आहार के प्रभाव भोजन की थाली से बहुत आगे तक जाते हैं - वे शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, कृषि और खाद्य प्रणालियों को प्रभावित कर सकते हैं.”
उन्होंने कहा, "इन कार्यक्रमों की पूर्ण क्षमता को प्रकट करने के लिये हमें अगली पीढ़ी के स्कूली भोजन कार्यक्रमों पर काम करने की आवश्यकता है - ऐसे कार्यक्रम जो स्थाई खाद्य प्रणालियों में योगदान दें और यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो."
इस कार्यप्रणाली और मार्गदर्शन के पैकेज को पहले कम्बोडिया और घाना में लागू करके परखा जाएगा. फिर इसे, क्षेत्रीय और वैश्विक कार्यशालाओं के माध्यम से समायोजित करके, अन्तिम रूप दिया जाएगा.