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यूक्रेन: संघर्ष के कारण बच्चों की एक पूरी पीढ़ी प्रभावित, यूनीसेफ़

यूक्रेन के एक इलाक़े में सैनिक व छात्रों की चहलक़दमी. (फ़ाइल)
© UNICEF/Ashley Gilbertson
यूक्रेन के एक इलाक़े में सैनिक व छात्रों की चहलक़दमी. (फ़ाइल)

यूक्रेन: संघर्ष के कारण बच्चों की एक पूरी पीढ़ी प्रभावित, यूनीसेफ़

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने शुक्रवार को कहा है कि यूक्रेन के पूर्वी इलाक़े में पिछले आठ वर्षों के दौरान शिशु केन्द्रों और स्कूलों पर हमले होना एक दुखद वास्तविकता है. मौजूदा संघर्ष शुरू होने के बाद से, अभी तक 750 से ज़्यादा स्कूल क्षतिग्रस्त हुए हैं.

यूक्रेन सरकार और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गुरूवार को पूर्वी इलाक़े में, पृथकतावादियों द्वारा दागे गए गोलों ने लूहान्स्क क्षेत्र में एक शिशु केन्द्र को निशाना बनाया. इस हमले में किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है.

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यूएन बाल एजेंसी ने एक वक्तव्य में कहा है कि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में जब से, वर्ष 2014 में सरकार और रूस समर्थक अलगाववादियों के बीच लड़ाई शुरू हुई, तब से सम्पर्क रेखा के दोनों तरफ़, हज़ारों बच्चों की शिक्षा बाधित हुई है.

एजेंसी ने आगे कहा है कि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में, बच्चे ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जो बारूदी हथियारों से ग्रस्त, दुनिया के सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों में से एक है. 

यूनीसेफ़ ने ध्यान दिलाया कि संघर्ष ने, बच्चों की एक पूरी पीढ़ी पर गम्भीर मनोवैज्ञानिक असर डाला है. 

सुरक्षित स्कूल घोषणा-पत्र

एजेंसी ने तमाम पक्षों से, बच्चों और उनकी देखभाल करने वालों को, किसी भी तरह के हमलों से सुरक्षित रखने जाने का आहवान भी किया.

यूएन बाल एजेंसी ने सभी पक्षों से, ‘सुरक्षित स्कूल घोषणा-पत्र’ का सम्मान करने का आग्रह भी किया है. 

ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, संघर्षग्रस्त वाले इलाक़ों में रहने वाले बच्चों के लिये, शिक्षा प्राप्ति और भी ज़्यादा ख़तरनाक हो गई है. 

वर्ष 2020 में, स्कूलों पर 535 हमले हुए, जोकि वर्ष 2019 की तुलना में 17 प्रतिशत ज़्यादा थे.

सुरक्षित स्कूल घोषणा-पत्र, देशों के दस्तख़त किये जाने के लिये, नॉर्वे में मई 2015 में शुरू हुआ था. 

इस घोषणा-पत्र में, सशस्त्र संघर्षों वाले इलाक़ों में, छात्रों, शिक्षकों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराने के लिये संकल्प व्यक्त किया गया है. 

इसमें युद्ध के दौरान भी शिक्षा जारी रखने और, स्कूलों का सैनिक प्रयोग रोकने के लिये ठोस उपाय करने का भी आहवान किया गया है.

अभी तक, 111 देश इस घोषणा-पत्र पर दस्तख़त कर चुके हैं. यूक्रेन ने भी नवम्बर 2019 में, इस पर हस्ताक्षर किये थे.

यूनीसेफ़ ने एक वक्तव्य में कहा है, “शैक्षिक स्थल, एक ऐसा सुरक्षित स्थान रहने चाहिये जहाँ बच्चे किसी भी तरह के ख़तरों और संकटों से महफ़ूज़ रहें और जहाँ वो सुरक्षित माहौल में शिक्षा प्राप्त कर सकें, खेलकूद सकें, और अपनी पूरी क्षमता का विकास कर सकें.”

यूनीसेफ़ की सक्रियता

यूनीसेफ़ ने कहा है कि ये संघर्ष शुरू होने के समय से ही ये एजेंसी, यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में ज़मीन पर मौजूद रही है और लगभग एक लाख 80 हज़ार बच्चों, युवाओं और देखभाल करने वालों को, मनोवैज्ञानिक सहायता मुहैया कराती रही है.

यूनीसेफ़ ने क्षतिग्रस्त स्कूलों और शिशुकेन्द्रों की मरम्मत करने में भी सहायता मुहैया कराई है और फ़र्नीचर, शैक्षिक किटें और खेलकूद का सामान भी मुहैया कराए हैं.