कोविड-19: छह अफ़्रीकी देशों को मिलेगी mRNA वैक्सीन उत्पादन के लिये टैक्नॉलॉजी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के विरुद्ध लड़ाई में एक अहम औज़ार साबित होने वाली mRNA वैक्सीन की टैक्नॉलॉजी, अफ़्रीकी देशों को भी उपलब्ध कराई जा रही है. शुरुआत में यह प्रौद्योगिकी मिस्र, केनया, नाइजीरिया, सेनेगल, दक्षिण अफ़्रीका और ट्यूनीशिया को हस्तान्तरित की जा रही है, जिससे ये देश स्वयं इन टीकों का उत्पादन करने में सक्षम होंगे.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी, योरोपीय परिषद और फ़्रांस ने, शुक्रवार को आयोजित एक समारोह में यह घोषणा की.
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WHO
संगठन प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि किसी अन्य घटना के विपरीत, कोविड-19 महामारी ने कहीं अधिक गम्भीरता से दर्शाया है वैश्विक सार्वजनिक कल्याण की वस्तुओं की आपूर्ति के लिये चन्द कम्पनियों पर निर्भर रहना ख़तरनाक हो सकता है.
क्रान्तिकारी mRNA टैक्नॉलॉजी के ज़रिये, शरीर की कोशिकाओं को एक ऐसा प्रोटीन बनाना सिखाया जाता है, जिससे प्रतिरोधक क्षमता में स्फूर्ति लाई जा सकती है.
कोविड-19 के मामले में, यह टैक्नॉलॉजी एक हानिरहित स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करती है, जोकि शरीर को वायरस से अपनी रक्षा के लिये तैयार होने का संकेत भेजती है.
mRNA टैक्नॉलॉजी हस्तान्तरण हब, निम्न और मध्य-आय वाले देशों को स्वयं mRNA वैक्सीन उत्पादन में मदद करने के लक्ष्य से, 2021 में दक्षिण अफ़्रीका में स्थापित किया गया था.
इसके तहत, अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ज़रूरी संचालन प्रक्रियाएँ और तकनीकी ज्ञान मुहैया कराया गया है.
ये सुविधाएँ मुख्यत: कोविड-19 महामारी के कारण उपजे आपात हालात से निपटने के लिये स्थापित की गई हैं, मगर इनका अन्य विनिर्माण क्षमताओं के लिये भी विस्तार किया जा सकता है.
इससे देशों के पास अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों की ज़रूरतों के अनुरूप वैक्सीन का प्रबन्ध कर पाने का अवसर होगा.
बताया गया है कि देशों में उनके बुनियादी ढाँचे, कार्यबल और नियामक क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और साझीदार संगठन एक रोडमैप विकसित करेंगे.
साथ ही, प्रशिक्षण और आवश्यक समर्थन प्रदान किया जाएगा ताकि बेहद कारगर टीकों का जल्द से जल्द घरेलू स्तर पर उत्पादन शुरू किया जा सके.
यूएन एजेंसी सभी देशों में वैक्सीन उत्पादन की क्षमता का निर्माण करने और स्वास्थ्य टैक्नॉलॉजी सुनिश्चित करने के इरादे से, जैव-विनिर्माण कार्यबल प्रशिक्षण केन्द्र (biomanufacturing workforce training hub) स्थापित करने के लिये प्रयासरत है.
जिन देशों की उत्पादन, वैज्ञानिक व क्लीनिक शोध में दिलचस्पी है, वे इसका हिस्सा हो सकते हैं और इसकी घोषणा अगले कुछ हफ़्तों में की जाएगी.
बताया गया है कि निम्न और मध्य-आय वाले देशों को समर्थन प्रदान करने के लिये, विश्व स्वास्थ्य संगठन की मौजूदा गतिविधियों का एक वैश्विक औज़ार के ज़रिये विस्तार किया जाएगा.
इस औज़ार की मदद से स्वास्थ्य उत्पादों की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावीपन सुनिश्चित करने में देशों की क्षमता की समीक्षा की जा सकती है.
“मध्यम से दीर्घकाल में, स्वास्थ्य आपात हालात से निपटने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज तक पहुँचने का सर्वोत्तम रास्ता, ज़रूरी स्वास्थ्य उत्पादों के लिये सभी क्षेत्रों की क्षमता काफ़ी हद तक बढ़ाना है, और इसकी प्राप्ति में न्यायसंगत सुलभता पर बल देना होगा.”
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का mRNA टैक्नॉलॉजी हब, उन व्यापक प्रयासों का हिस्सा है, जिनके ज़रिये निम्न और मध्य आय वाले देशों में टीकों, दवाओं व निदान का इन्तेज़ाम अपने स्तर पर किये जाने का प्रबन्ध किया जा रहा है.
यह शुरुआती प्रयास, mRNA टैक्नॉलॉजी व अन्य जैव उपायों पर केन्द्रित है, जोकि वैक्सीन विनिर्माण के लिये अहम हैं.
साथ ही, जिनका इस्तेमाल डायबिटीज़ के उपचार के लिये इंसुलिन, कैंसर दवाओं और सम्भवत: मलेरिया, टीबी और एचआईवी जैसी बीमारियों के लिये वैक्सीन में किया जा सकता है.
इसका एक बड़ा लक्ष्य, राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर सभी स्वास्थ्य टैक्नॉलॉजी के उत्पादन के लिये क्षमता निर्माण का विस्तार करना है.