'वैश्विक संकल्प पूरे करने के लिये, यूएन व आईपीयू के बीच निकट सहयोग ज़रूरी'

संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने अन्तरसंसदीय यूनियन (IPU) के साथ मिलकर, गुरूवार को यूएन मुख्यालय में दुनिया भर से आए सैकड़ों सांसदों की मेज़बानी की जिसमें, बहुपक्षीय समझौतों के क्रियान्वयन में वैश्विक संकल्पों पर ध्यान केन्द्रित किया गया.
ये सम्मेलन, सितम्बर 2021 में यूएन महासभा के उच्चस्तरीय सप्ताह के बाद, सबसे बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने का मौक़ा था.
“It is extremely important that parliamentary perspectives from across the world are reflected in UN decisions & parliaments actively engage in meeting international commitments.”My statement at the Inter-Parliamentary Union – PGA Parliamentary Hearing: https://t.co/TDKpLVk8gc pic.twitter.com/h4vuveigGz
UN_PGA
वर्ष 2022 की इस संसदीय चर्चा की मुख्य थीम थी – टिकाऊ पुनर्बहाली के लिये, राजनैतिक समर्थन व समावेशी प्रतिक्रिया जुटाना.
यूएन महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने इस सम्मेलन का उदघाटन करते हुए, अपनी संसदीय सेवा के 25 वर्षों की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया.
उन्होंने कहा, “संसद एक ऐसा स्थान है जहाँ मेरा दिल टिका हुआ है. मालदीव की संसद और यूएन महासभा में मेरे अनुभव के ज़रिये, मेरे भीतर संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर के सांसदों के बीच तालमेल के लिये एक प्रबल सराहना का भाव विकसित हुआ है.”
अब्दुल्ला शाहिद ने, बहुपक्षवाद और वैश्विक सहयोग के सन्दर्भ में, संयुक्त राष्ट्र और आईपीयू के बीच साझा उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए ध्यान दिलाया कि संसदें ऐसे मंच हैं जिनके ज़रिये, यूएन प्रस्तावों को राष्ट्रीय स्तर के क़ानूनों में तब्दील किया जा सकता है.
“और देशों की संसदें एक ऐसी प्रक्रिया साबित हो सकती हैं जिनके ज़रिये स्थानीय चिन्ताएँ, संयुक्त राष्ट्र तक पहुँचाईं जा सकती हैं और जिन पर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय चर्चा कर सकता है.”
ये तालमेल, मुख्य रूप से कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के दौर में बहुत महत्वपूर्ण है.
इसके अलावा ऐसे दौर में भी अहम है जबकि दुनिया निर्धनता को दूर करने या जलवायु परिवर्तन की रफ़्तार धीमी करने की कोशिश कर रही है.
अब्दुल्ला शाहिद ने कहा, “ये ऐसा क्षेत्र है जहाँ संसदों व संयुक्त राष्ट्र को क़दम से क़दम मिलाकर चलना होगा.”
यूएन महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि वैक्सीन समता से लेकर टिकाऊ पुनर्बहाली, 2030 के विकास एजेण्डा को आगे बढ़ाने से लेकर पर्यावरण तक और विषमता को पलटने तक, दुनिया को नेतृत्व और सहयोग (सहकारिता) की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा, “आज का हमारा संवाद, इन ज़रूरतों को मानता है.”
यूएन महासभा अध्यक्ष ने कहा कि केवल बहुपक्षवाद और वैश्विक सहयोग के ज़रिये ही हम, दुनिया भर के लोगों का भला कर सकते हैं, चुनौतियों पर पार पा सकते हैं और अपने दिलों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकते हैं.