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'आतंकवाद का मुक़ाबला व अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति हैं प्रमुख क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दे'

रूस के विदेश मामलों के मंत्री सर्गेई वर्शिनीन (दाएँ) और यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएँ), दोनों, यूएन व सामूहिक सुरक्षा सन्धि संगठन (CSTO) की संयुक्त बैठक को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Loey Felipe
रूस के विदेश मामलों के मंत्री सर्गेई वर्शिनीन (दाएँ) और यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएँ), दोनों, यूएन व सामूहिक सुरक्षा सन्धि संगठन (CSTO) की संयुक्त बैठक को सम्बोधित करते हुए.

'आतंकवाद का मुक़ाबला व अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति हैं प्रमुख क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दे'

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि संघर्ष की रोकथाम, आतंकवाद का मुक़ाबला और अफ़ग़ानिस्तान को समर्थन देना कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो यूएन व आर्मीनिया, बेलारूस, कज़ाख़स्तान, गिरगिज़्स्तान, रूसी महासंघ और ताजिकिस्तान से बने यूरो-एशियाई संगठन – सामूहिक सुरक्षा सन्धि संगठन – CSTO के सामने दरपेश मुद्दों में प्रमुख हैं और इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाना चाहिये.

यूएन प्रमुख ने सीएसटीओ को संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण साझीदार बताते हुए कहा, “हमारे संस्थापकों ने समझ लिया था कि एक जटिल और तेज़ी से बदलती दुनिया में, कोई भी एक संगठन शान्ति, सुरक्षा, और विकास सुनिश्चित नहीं कर सकता.”

एंतोनियो गुटेरेश ने कुछ अन्य मुद्दों में, अफ़ग़ानिस्तान में तेज़ी से बदलते हालात को एक ऐसा क्षेत्र बताया जहाँ, आने वाले कुछ महीनों और वर्षों में, क्षेत्रीय साझीदारों से सघन सहायता, बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी.

साझा लक्ष्य व गतिविधियाँ

सामूहिक सुरक्षा के सिद्धान्त पर आधारित सीएसटीओ पर, स्वतंत्र देशों के संगठन – CIS की तर्ज़ पर 1992 में दस्तख़त किये गए थे और इसका आधिकारिक गठन 2002 में हुआ था.

उसके बाद से, ये संगठन, एक साझा रक्षा समूह से और आगे बढ़कर, एक बहुपक्षीय संगठन में तब्दील हो गया है जिसने कूटनीति, सूचना-साझेदारी, आतंकवाद का मुक़ाबला और क्षेत्रीय सुरक्षा व शान्ति क़ायम रखने में क्षमताएँ हासिल कर ली हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने, अनेक प्रस्तावों, रिपोर्ट्स, और सहमति पत्रों के ज़रिये, ऐसे अनेक लक्ष्यों और गतिविधियों को मान्यता दी है जिन पर ये विश्व संगठन सीएसटीओ के साथ साझा नज़रिया रखता है, और उस संगठन के बढ़ते सहयोग दायरे का स्वागत किया है.

संयुक्त राष्ट्र और सीएसटीओ के बीच, वर्ष 2010 में, सहयोग के एक संयुक्त घोषणा-पत्र पर भी दस्तख़त किये गए थे. 

सुरक्षा परिषद का एक वृहद दृश्य
UN Photo/Loey Felipe
सुरक्षा परिषद का एक वृहद दृश्य

शान्तिरक्षा क्षेत्र

यूएन प्रमुख ने, 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए शान्तिरक्षा के मुद्दे पर भी बात की.

उन्होंने पूरे यूएन शान्तिरक्षा विभाग को महत्वपूर्ण योगदान करने के लिये, सीएसटीओ को धन्यवाद दिया और इसके विशेषज्ञों द्वारा, लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के अन्तरिम बल (UNIFIL) की 2021 में की गई यात्रा का स्वागत भी किया. इन विशेषज्ञों ने इस यात्रा के दौरान देखा कि यूएन मिशन किस तरह से रोकथाम काम में जुटे हुए हैं.

उन्होंने कहा, “आने वाले वर्षों में जैसै-जैसे हम अपने सम्बन्ध मज़बूत करेंगे, हम सीएसटीओ के सदस्यों से यूएन शान्तिरक्षा के लिये और ज़्यादा संकल्पों की आशा करते हैं.”

अफ़ग़ानिस्तान में संकट

यूएन प्रमुख ने अफ़ग़ानिस्तान में लगातार बिगड़ती स्थिति का ज़िक्र करते हुए, चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि आतंकवाद एक लगातार ख़तरा बना हुआ है, ना केवल क्षेत्र के लिये, बल्कि पूरी दुनिया के लिये.

उन्होंने कहा, “एक दृढ़ संकल्पित कार्रवाई के अभाव में, गम्भीर आर्थिक संकुचन, बढ़ती बेरोज़गारी और बिगड़ते मानवीय संकटों के हालात के कारण, मायूसी व अतिवाद को और ज़्यादा ईंधन मिलेगा.”

वैश्विक कार्रवाई में, क्षेत्रीय और अन्तर-क्षेत्रीय सहयोग के साथ-साथ सीमा पार क़ानून क्रियान्वयन और न्यायिक सहयोग, कुछ अनिवार्य तत्व शामिल हैं.

उन्होंने इन बढ़ते ख़तरों को कम करने, बिखराव को रोकने, स्थिरता को बढ़ावा देने और अन्ततः लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने के लिये, संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न क्षेत्रीय संगठनों के बीच निकट सहयोग की ज़रूरत को रेखांकित किया.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “हम इस काम को एक साथ मज़बूत करने के लिये प्रतिबद्ध हैं.” संयुक्त राष्ट्र इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये, अपने क्षेत्रीय साझीदारों के समर्थन पर भरोसा किये हुए है.

सामूहिक सुरक्षा सन्धि संगठन (CSTO की ताजिक शान्तिरक्षा यूनिट, ताजिकिस्तान में पहुँचने के बाद.
CSTO
सामूहिक सुरक्षा सन्धि संगठन (CSTO की ताजिक शान्तिरक्षा यूनिट, ताजिकिस्तान में पहुँचने के बाद.