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शिक्षा में निहित है, महासागरों की बेहतर रक्षा की कुंजी 

वॉशिन्गटन डीसी में एक प्रदर्शनी के दौरान, बच्चे महासागरीय जीवन को निहार रहे हैं.
© NOS/NOAA
वॉशिन्गटन डीसी में एक प्रदर्शनी के दौरान, बच्चे महासागरीय जीवन को निहार रहे हैं.

शिक्षा में निहित है, महासागरों की बेहतर रक्षा की कुंजी 

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने वर्ष 2025 तक, 193 सदस्य देशों के स्कूली पाठ्यक्रमों में महासागरों से जुड़ी जानकारी को शामिल किये जाने का लक्ष्य तय किया है. यूनेस्को ने फ़्रांस के ब्रेस्त शहर में ‘एक महासागर’ (One Ocean) शिखर बैठक के अवसर पर यह घोषणा की है.

वर्ष 2021 से 2030 तक, 'टिकाऊ विकास के लिये महासागर विज्ञान का यूएन दशक' मनाया जा रहा है, जिसमें यूनेस्को की अग्रणी भूमिका है.

इस सिलसिले में, महासागरों की रक्षा को बढ़ावा देने के इरादे से अनेक बड़ी अन्तरराष्ट्रीय बैठकों का आयोजन किया जाएगा.

यूएन एजेंसी ने स्कूली पाठ्यक्रम में महासागरों से जुड़ी जानकारी शामिल करने के लिये, निर्णय-निर्धारकों को एक ‘टूलकिट’ मुहैया कराई है, जिसमें महासागरों पर शिक्षा सामग्री के सम्बन्ध में साझा फ़्रेमवर्क का इस्तेमाल किया गया है.

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने ब्रेस्त में कहा कि महासागरों के लिये कार्रवाई हेतु, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को, शिक्षा को अपनी योजना का एक स्तम्भ बनाना होगा.

“चूँकि यदि हम इसकी बेहतर ढंग से रक्षा करना चाहते हैं, हमें बेहतर ढंग से सिखाना होगा.”

“एक महासागर बैठक के इस अवसर पर, मैं हमारे 193 सदस्य देशों के लिये एक साझा लक्ष्य तय कर रही हूँ: 2025 तक स्कूली पाठ्यक्रमों में महासागर शिक्षा को शामिल करना.”

यूनेस्को ने गुरूवार को नीति-निर्माताओं व पाठ्यक्रम विकसित करने वाले विशेषज्ञों के लिये संकलित शिक्षा सामग्री साझा की है.

शिक्षा में महासागर का ध्यान

इस सामग्री में शैक्षणिक श्रृंखला के हर स्तर पर महासागर शिक्षा को एकीकृत करने के लिये सभी ज़रूरी बातों का ध्यान रखा गया है.

राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों का मसौदा तैयार किये जाने से लेकर, शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जाने वाली सामग्री की तैयारी तक. 

पृथ्वी की जलवायु को नियमित करने में महासागर अहम भूमिका निभाते हैं.
Unsplash/Hiroko Yoshii
पृथ्वी की जलवायु को नियमित करने में महासागर अहम भूमिका निभाते हैं.

यूनेस्को का मानना है कि इस ‘टूलकिट’ के ज़रिये सभी सदस्य देशों के पास एक समान ढंग से आगे बढ़ने, महासागरों को शिक्षा के केन्द्र में रखने और इस विषय में छात्रों के ज्ञान में वृद्धि करने का अवसर होगा. 

यूनेस्को द्वारा प्रदान किये गए ये शैक्षणिक औज़ार AXA और अन्य कई साझीदार संगठनों व विशेषज्ञों के सहयोग से विकसित किये गए हैं. 

यह समाज और महासागर के बीच सम्पर्क के तौर-तरीक़ों में बदलाव लाने और टिकाऊ दिशा में आगे बढ़ने की अहमियत को परिलक्षित करता है. 

यूनेस्को ने ब्राज़ील, कैनेडा, कोस्टा रीका, केनया, पुर्तगाल और स्वीडन समेत उन देशों के सर्वोत्तम उपायों को रेखांकित किया है, जो महासागर शिक्षा के लिये पहले से प्रयासरत हैं.

यूएन एजेंसी की भूमिका

बताया गया है कि यूएन एजेंसी, 193 सदस्य देशों द्वारा इस लक्ष्य को पूरा किये जाने के लिये हुए प्रयासों की निगरानी करेगी.

पहली प्रगति रिपोर्ट, यूएन के वार्षिक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप27) के दौरान जारी किये जाने की योजना है, जोकि मिस्र में नवम्बर 2022 में होना है.

यूनेस्को, महासागर पर शोध व उनसे जुड़ी जानकारी बढ़ाने के लिये प्रयासरत है.

इस क्रम में, वर्ष 1960 में, अन्तरसरकारी समुद्री विज्ञान आयोग (International Oceanographic Commission) की स्थापना की गई, जिसमें 150 से अधिक देश शामिल हैं. 

यह आयोग, सूनामी चेतावनी प्रणाली, महासागर के स्वास्थ्य और उनके बारे में जानकारी जुटाने समेत अन्य वैश्विक कार्यक्रमों में समन्वयक की भूमिका निभाता है.