2021: यूएन के झण्डे तले, 25 यूएन कर्मचारियों ने किया प्राण बलिदान

संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी संघ की एक स्थाई समिति के अनुसार, वर्ष 2021 के दौरान सुनियोजित ढंग से किये गए हमलों में, संयुक्त राष्ट्र के कम से कम 25 कर्मचारियों और सम्बद्ध कर्मियों ने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान किया है.
अन्तरराष्ट्रीय सिविल सेवा की सुरक्षा व स्वतंत्रता के लिये स्थाई समिति का कहना है कि इनमें दो महिला शान्तिरक्षकों सहित, 24 शान्तिरक्षक व एक असैनिक कर्मचारी हैं.
यह लगातार आठवाँ वर्ष है जब माली में संयुक्त राष्ट्र बहुआयामी एकीकृत स्थिरता मिशन (MINUSMA) शान्तिरक्षकों के लिये, दुनिया में सबसे घातक मिशन साबित हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि माली में यूएन मिशन में सेवारत 19 शान्तिरक्षकों ने अपनी जान क़ुर्बान की है.
इसके बाद मध्य अफ़्रीकी गणराज्य (MINUSCA) में संयुक्त राष्ट्र बहुआयामी स्थिरीकरण मिशन है, जहाँ चार शान्तिरक्षकों ने अपने प्राणों का बलिदान किया है.
पिछले 11 वर्ष में सोच-समझकर, यूएन शान्तिरक्षकों को निशाना बनाकर किये गए हमलों में कम से कम 462 यूएन कर्मचारियों और सम्बद्ध कर्मियों की मौत हो चुकी है.
अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा को बढ़ावा देने और उसे बनाए रखने के लिये, यूएन शान्तिरक्षा मिशन एक अहम औज़ार हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासभा से शासनादेश (Mandate) निर्धरित किये जाने के बाद, सैनिक, पुलिस और असैनिक शान्तिरक्षकों को दुनिया भर में यूएन मिशन के झण्डे तले तैनात किया जाता है.
शान्तिरक्षा मिशनों के ज़रिये देशों को स्थाई शान्ति, राजनैतिक प्रक्रिया में प्रगति, हज़ारों-लाखों आमजन के प्राणों की रक्षा सुनिश्चित करने और युद्धविराम बनाए रखने में मदद मिलती है.
पिछले 72 वर्षों में 125 देशों के 10 लाख से अधिक पुरुष व महिला शान्तिरक्षकों ने 71 यूएन मिशनों में अपना योगदान किया है.
फ़िलहाल, विश्व भर में 12 शान्तिरक्षा अभियानों में 90 हज़ार से अधिक शान्तिरक्षक सेवारत हैं.