फ़िलिपीन्स: टाइफ़ून ‘राई’ से प्रभावित, लाखों ज़रूरतमन्दों के लिये सहायता अपील
यूएन मानवीय राहत एजेंसियाँ, फ़िलिपीन्स में कुछ सप्ताह पहले चक्रवाती तूफ़ान ‘टाइफ़ून राई’ से हुई भीषण तबाही के बाद, लाखों प्रभावित लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिये अपने अभियान का दायरा व स्तर बढ़ा रही हैं. इस क्रम में, संयुक्त राष्ट्र ने बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने के लिये 16 करोड़ 90 लाख डॉलर की एक अपील जारी की है.
मानवीय आवश्यकताओं व प्राथमिकताओं पर आधारित संशोधित योजना, (Humanitarian Needs and Priorities Plan / HNP) के, ज़रिये छह महीनों के दौरान, अब आठ लाख 40 हज़ार लोगों तक सहायता पहुँचाने के प्रयास किये जाएंगे.
जबकि इससे पहले, 24 दिसम्बर को जारी की गई योजना में, लगभग दस करोड़ डॉलर से अधिक रक़म के ज़रिये, पाँच लाख 30 हज़ार ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने का आग्रह किया गया था.
फ़िलिपीन्स में यूएन रैज़िडेण्ट कोऑर्डिनेटर और मानवीय राहत समन्वयक गुस्तावो गोन्ज़ालेज़ ने बताया कि संशोधित HNP योजना, ज़मीनी स्तर पर 70 इलाक़ों की समीक्षा के बाद तैयार की गई है.
उन्होंने कहा कि फ़िलिपीन्स सरकार और नागरिक समाज संगठनों के विशाल प्रयासों के बावजूद, मानवीय राहत आवश्यकताओं का स्तर बहुत अधिक है.
फ़िलिपीन्स में पिछले वर्ष 16 दिसम्बर को भीषण चक्रवाती तूफ़ान ‘टाइफ़ून राई’ की चपेट में 17 में से 11 प्रान्त आए, जिनमें से कुछ प्रान्तों को देश के सबसे निर्धन इलाक़ो के रूप में देखा जाता है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की देशीय निदेशक ब्रैण्डा बार्टन ने बताया कि तूफ़ान प्रभावित इलाक़े का आकार, ऑस्ट्रिया जितना बड़ा है.
भीषण नुक़सान
टाइफ़ून राई के दौरान मूसलाधार वर्षा हुई, आंधियाँ चलीं, समुद्र उफ़ान पर था और प्रभावित इलाक़े जलमग्न हो गए.
‘राई’ के कारण क़रीब एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं, और एक लाख 44 हज़ार स्थानीय लोग अब भी विस्थापित हैं.
यूएन के मुताबिक़, 17 लाख मकान, 16 हज़ार स्कूल और 330 से अधिक स्वास्थ्य केंद्र या तो क्षतिग्रस्त हुए हैं या फिर ध्वस्त हो गए हैं.
एक करोड़ हैक्टेयर से अधिक तक फैली फ़सलों पर असर पड़ा है और 80 नगर निकायों अब भी बिजली आपूर्ति में आए व्यवधान का सामना कर रहे हैं.
विश्व खाद्य कार्यक्रम की अधिकारी ने प्रभावित इलाक़ों का दौरा किया है और उन्होंने बुधवार को मनीला से न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में पत्रकारों को ज़मीनी स्तर पर हालात के बारे में जानकारी दी.
“मैं WFP के लिये 30 वर्षों से कार्यरत हूँ. मैंने अफ़्रीका, संकटग्रस्त इलाक़ों में काफ़ी काम किया है, और मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा है.”
उन्होंने कहा कि यह वास्तव में एक समुद्री तूफ़ान और बवण्डर की कुछ मिलीजुली तस्वीर थी, और चीज़ें ज़मीन से उखड़ती और उड़ती नज़र आईं.
सहायताकर्मियों ने शरण और भोजन को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में बताया है, साथ ही, स्वच्छ जल, दवाओं व साफ़-सफ़ाई और शिक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाना अहम होगा.
खाद्य ज़रूरतें व संचार व्यवस्था
यूएन एजेंसी ने खाद्य सामग्री के प्रावधान के लिये पहले ढाई करोड़ डॉलर की रक़म का अनुरोध किया था, मगर वितरण व्यवस्था व दूरसंचार सेवाओं की आवश्यकता के मद्देनज़र, आवश्यक रक़म साढ़े तीन करोड़ डॉलर से भी अधिक तक पहुँच गई हैं.
ब्रैण्डा बार्टन ने सचेत किया कि ‘टाइफ़ून राई’ ने एक ऐसे देश को अपनी चपेट में लिया, जहाँ बड़ी संख्या में लोग कुपोषण से पीड़ित हैं.
हर तीन में से एक बच्चा नाटेपन का शिकार है और कुछ प्रभावित इलाक़ों में, कोविड-19 महामारी से पहले ही खाद्य असुरक्षा का स्तर 50 फ़ीसदी से अधिक था.
अनेक अन्य देशों की तरह, फ़िलिपीन्स को भी महामारी के फैलाव की रोकथाम के लिये तालाबन्दी और अन्य ऐहतियाती उपायों को लागू करना पड़ा है, जिससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है.
स्थानीय लोगों के पास अतीत के दिनों की तरह आय नहीं है, विदेश में रहने वाले फ़िलिपीन्स के कामगारों से धन प्रेषण भी सम्भव नहीं हो पाया है.
इसके मद्देनज़र, बड़ी संख्या में लोग कठिन हालात में जीवन गुज़ार रहे हैं, और बच्चे विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं.
मानवीय राहतकर्मियों का कहना है कि चक्रवाती तूफ़ान ने वैश्विक महामारी के कारण पहले से ही कठिन हालात को और भी ज़्यादा विकट बना दिया है.