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डीआरसी में विस्थापितों के शिविर पर हमला, 50 की मौत

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में, देश के भीतर ही विस्थापित लोगों के लिये, इतूरी में एक अस्थाई शिविर.
© UNHCR/John Wessels
काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में, देश के भीतर ही विस्थापित लोगों के लिये, इतूरी में एक अस्थाई शिविर.

डीआरसी में विस्थापितों के शिविर पर हमला, 50 की मौत

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को बताया है कि काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में इतूरी प्रान्त के सावों में, आन्तरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिये बनाए गए शिविर पर, मंगलवार रात को किये गए एक हमले में, कम से कम 50 लोग मारे गए हैं, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी हैं.

देश में संयुक्त राष्ट्र के मिशन मोनुस्को (MONUSCO) के अनुसार ये हमला, तथाकथित “काँगो के विकास के लिये सहकारिता” (CODECO) के सदस्यों ने किया था.

ये समूह अनेक मिलिशिया गुटों का एक अनौपचारिक संगठन है.

यूएन मिशन की मुखिया बिन्टोई केइटा ने इस हमले की कठोरतम शब्दों में निन्दा की है, जिसमें 36 लोग घायल भी हुए हैं.

यूएन मिशन ने हमले के बारे में सूचना मिलने पर, घटनास्थल के लिये तुरन्त गश्ती दल भेज दिया.

इस हमले के बारे में देश के राष्ट्रीय सुरक्षा बलों और सामुदायिक ऐलर्ट नैटवर्क को भी सूचित कर दिया गया. 

टकराव

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के उप प्रवक्ता ने, न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया कि यूएन शान्तिरक्षक जब घटनास्थल पर पहुँचे तो हमलावरों के साथ उनकी गोलीबारी भी हुई है.

इस बीच, मानवीय सहायता एजेंसियों ने, चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति शुरू कर दी है.

प्रवक्ता के अनुसार, मानवीय सहायता अधिकारियों ने सूचित किया है कि असुरक्षा के कारण, सड़क मार्ग के ज़रिये पहुँच प्रतिबन्धित है, और मानवीय सहायता पहुँचाना चुनौतीपूर्ण कार्य है.

इस इलाक़े में, लगभग छह लाख विस्थापित लोग रहते हैं.

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के इतूरी प्रान्त में, ग्वाटेमाला और बांग्लादेश की शान्तिरक्षा टुकड़ियाँ गश्त पर.
MONUSCO
काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के इतूरी प्रान्त में, ग्वाटेमाला और बांग्लादेश की शान्तिरक्षा टुकड़ियाँ गश्त पर.

मानवाधिकार संकट

संयुक्त राष्ट्र के संयुक्त मानवाधिकार कार्यालय (UNJHRO) ने पिछले सप्ताह एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया गया था कि वर्ष 2021 के दौरान देश में, मानवाधिकार हनन के 6 हज़ार 989 मामले दर्ज किये गए थे, जो वर्ष 2020 की तुलना में 12 प्रतिशत कम थे.

मानवाधिकार हनन के लगभग 66 प्रतिशत मामलों के लिये, सशस्त्र संघर्ष से प्रभावित प्रान्तों में सक्रिय सशस्त्र गुट ज़िम्मेदार थे, जहाँ 2 हज़ार 24 लोगों को आनन-फानन में मौत के मुँह में धकेल दिये जाने के मामले हुए. इनमें 439 महिलाएँ थीं.

देश में, लगभग एक करोड़ 96 लाख लोगों को, मानवीय सहायता की सख़्त ज़रूरत है. 

ध्यान रहे कि काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, दुनिया के बहुत जटिल और लम्बे समय से चले आ रहे मानवीय संकट की चपेट में है.