सिगरेट में माइक्रोप्लास्टिक से निपटने के लिये नया अभियान

संयुक्त राष्ट्र ने सिगरेट में होटों पर लगाए जाने वाले हिस्से – फ़िल्टर या बट में प्लास्टिक के अति सूक्ष्म कड़ों यानि माइक्रोप्लास्टिक के, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से, बुधवार को एक नई साझेदारी की घोषणा की है.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम – (UNEP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तम्बाकू नियंत्रण पर फ़्रेमवर्क कन्वेन्शन (WHO-FCTC) के सचिवालय के बीच इस साझेदारी के ज़रिये, इस मुद्दे को रेखांकित करने के लिये, एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया जाएगा.
DYK that🚬butts are primarily plastic❓📢From today we are partnering with @UNEP to raise awareness & drive action on the extensive environmental & human health impacts of microplastics in🚬filters. Join the #CleanSeas campaign #FaceThePlasticTruthhttps://t.co/xJX2D3KzIk pic.twitter.com/8Ino0sLKum
FCTCofficial
ये साझेदारी, यूनेप के स्वच्छ समुन्दर अभियान के ज़रिये सम्भव हुई है जोकि एक वैश्विक गठबन्धन है, जिसमें 63 ऐसे देश शामिल हैं जो समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिये समर्पित हैं.
इस अभियान में संयुक्त राष्ट्र की इन दो एजेंसियों का, स्वास्थ्य और तम्बाकू उत्पादों से सम्बन्धित नीति आयामों में अनुभव का भी मिश्रण और प्लास्टिक प्रदूषण पर शोध व पैरोकारी भी शामिल हैं.
दुनिया भर में हर साल, छह ट्रिलियन से ज़्यादा सिगरेटों का उत्पादन होता है, और हर एक सिगरेट में फ़िल्टर या बट लगे होते हैं जिनमें माइक्रोप्लास्टिक यानि प्लास्टिक के बहुत बारीक़ रेशे लगे होते हैं.
अलबत्ता, सिगरेट के इन फ़िल्टरों या बट हिस्से को सही तरीक़े से नष्ट नहीं किया जाता है तो वो धूप और नमी के कारण टूटने लगते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप उनसे माइक्रोप्लास्टिक, भारी धातु और अन्य तरह के रसायन जारी होते हैं जो, पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य और सेवाओं को प्रभावित करते हैं.
सिगरेट बट, हर साल, 76 करोड़ 60 लाख किलोग्राम विषैले कूड़े-कचरे के लिये ज़िम्मेदार हैं.
ये, समुद्री तटों पर भी बहुत आम तरह का प्लास्टिक कूड़ा नज़र आता है जिसके कारण, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिये माइक्रोप्लास्टिक लीक होने का जोखिम बढ़ता है.
माइक्रोप्लास्टिक में मौजूद ख़तरनाक रसायनों से, समुद्री जीव-जन्तुओं के लिये दीर्घकालीन घातक जोखिम उत्पन्न होता है जिनमें पक्षी, मछलियाँ, स्तनपाई जीव, पौधे और सरीसृप (reptiles) शामिल हैं.
ये माइक्रोप्लास्टिक कण, खाद्य श्रृंखला में भी प्रवेश कर जाते हैं और इनसानों के स्वास्थ्य पर गम्भीर प्रभावों से सम्बन्धित भी हैं. इनमें अनुवांशिकी में परिवर्तन, मस्तिष्क विकास, श्वसन प्रक्रिया और अन्य तरह के प्रभाव शामिल हैं.
सोशल मीडिया अभियान के तहत, यूनेप के सदभावना दूतों, पृथ्वी के युवा चैम्पियनों और सामाजिक प्रभाव रखने वाली हस्तियों की मदद ली जाएगी.