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म्याँमार: संकट का एक साल, समाधान अवसरों का लाभ उठाने पर बल

म्याँमार की राजधानी यंगून में शहर के बाहरी इलाक़ों में जाने के लिये सर्कुलर ट्रेन की यात्रा
Asian Development Bank/Lester Ledesma
म्याँमार की राजधानी यंगून में शहर के बाहरी इलाक़ों में जाने के लिये सर्कुलर ट्रेन की यात्रा

म्याँमार: संकट का एक साल, समाधान अवसरों का लाभ उठाने पर बल

शान्ति और सुरक्षा

म्याँमार के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत नोएलीन हेज़र ने कहा है कि देश में सैन्य तख़्तापलट के एक वर्ष बाद हिंसा व क्रूरता गहन हुई हैं, मगर संकट के समाधान के लिये अवसर अब भी मौजूद हैं और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को उनका लाभ उठाना होगा. 

विशेष दूत ने सोमवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि मौजूदा संकट का शान्तिपूर्ण समाधान ढूंढने और इस प्रक्रिया में लोगों का भरोसा क़ायम करने के लिये ज़मीनी स्तर पर ठोस प्रगति की आवश्यकता है.

“आगे की सड़क लम्बी और कठिन है, मगर कार्रवाई का समय अभी है.”

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की विशेष दूत के मुताबिक़, सैन्य शासन के विरुद्ध व्यापक पैमाने पर प्रतिरोधी आन्दोलन देखा गया है और सभी पक्ष हिंसा के ज़रिये, अब अपने रुख़ में सख़्ती ला रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सैन्य अभियान गहन हो रहे हैं, हवाई हमले व बमबारी हुई हैं और हालात तेज़ी से अस्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं. 

अब तक डेढ़ हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और घरेलू स्तर पर विस्थापितों का आँकड़ा निरन्तर बढ़ रहा है.

वर्ष 2021 के अन्त तक, तीन लाख 20 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए थे, और जनवरी के दौरान यह संख्या चार लाख से ज़्यादा हो गई.

मानवीय संकट

देश की क़रीब आधी आबादी यानि लगभग ढाई करोड़ लोग, अब निर्धनता में जीवन गुज़ार रहे हैं और एक करोड़ 44 लाख लोगों को मानवीय सहायता व संरक्षण की आवश्यकता है. 

कोविड-19 संक्रमण मामलों में उछाल की आशंका के बीच, म्याँमार की सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली दरक रही है.

यूएन की विशेष दूत ने बताया कि अवैध गतिविधियों का दायरा बढ़ने से हिंसक टकराव को ईंधन मिल रहा है, जिसके क्षेत्रीय सुरक्षा, स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिये चिन्ताजनक नतीजे हो सकते हैं.

“लोकतांत्रिक संक्रमणकालीन प्रक्रिया में फली-फूली युवाओं की एक पीढ़ी अब आज़ादी और अपने देश के प्रति प्रेम के लिये अपना जीवन बलिदान कर रही है.”

उन्होंने कहा कि म्याँमार में लोकतंत्र की दिशा में हुई प्रगति को पीड़ादाई ढंग से धक्का पहुँचने के दीर्घकालीन दुष्परिणाम होंगे.

अन्तरराष्ट्रीय समर्थन

म्याँमार के यंगून शहर में चावल वितरण
© WFP/Kaung Htet Linn
म्याँमार के यंगून शहर में चावल वितरण

नोएलीन हेज़र ने महासचिव गुटेरेश की अपील दोहराते हुए, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से म्याँमार की जनता के साथ मज़बूती से खड़े होने का आग्रह किया है. 

उन्होंने कहा कि एकजुटता का भाव प्रकट करने से आगे बढ़कर प्रयास किये जाने होंगे.

नोएलीन हेज़र ने बताया कि सभी हितधारकों से बातचीत के बाद, दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) की पाँच-सूत्री योजना को लागू किये जाने का प्रयास किया जा रहा है. हिंसा पर विराम लगाने के लिये यह योजना अप्रैल 2021 में तैयार की गई थी.

यूएन की विशेष दूत ने अनेक प्रस्तावों का उल्लेख किया, जिनमें मानवीय आधार पर टकराव पर विराम लगाने, और एक राष्ट्रीय सम्वाद को पोषित करने में सुरक्षा परिषद की भूमिका पर बल दिया गया है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके लिये ज़रूरी है कि हवाई कार्रवाई को रोका जाए, और स्थानीय लोगों के नज़रिये से विश्वसनीय प्रगति दर्ज की जाए.

रोहिंज्या समुदाय

विशेष दूत ने रोहिंज्या समुदाय के समक्ष पेश चुनौतियों पर क्षोभ व्यक्त करते हुए, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से उनकी स्वैच्छिक, सुरक्षित व गरिमामय वापसी के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ बनाए जाने पर ज़ोर दिया है. 

म्याँमार में सेना व सुरक्षा बलों के क्रूरतापूर्ण दमन के कारण, वर्ष 2017 में लाखों रोहिंज्या शरणार्थियों ने जान बचाने के लिये बांग्लादेश में शरण ली थी.

नोएलीन हेज़र ने स्पष्ट किया कि रोहिंज्या मुद्दे को म्याँमार में शान्तिपूर्ण राजनैतिक समाधान के लिये विस्तृत प्रयासों का हिस्सा बनाया जाना होगा.

पिछले सप्ताह ही, बांग्लादेश और म्याँमार के बीच रोहिंज्या शरणार्थियों की वापसी के मुद्दे पर चर्चा हुई है. इस क्रम में, शरणार्थियों के अतीत के निवास स्थान की पुष्टि की प्रक्रिया में सहयोग पर सहमति बनी है.