लेबनान: संकट छीन रहा है - युवाओं से उनका भविष्य - UNICEF

लेबनान में हर दस में चार युवाओं को पिछले एक साल की अवधि के दौरान, भोजन, दवा और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये, शिक्षा पर अपने ख़र्च में कटौती करनी पड़ी है. क़रीब एक-तिहाई युवा अपनी पढ़ाई पूरी तरह से छोड़ने के लिये मजबूर हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने शुक्रवार को अपनी एक नई रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें व्यथित कर देने वाले ये आँकड़े सामने आए हैं.
लेबनान की राजधानी बेरूत में 4 अगस्त 2020 को बन्दरगाह पर हुए धमाके में बड़ी तबाही हुई थी – 200 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई, हज़ारों लोग घायल हुए और बड़ी संख्या में घर क्षतिग्रस्त हुए.
इस घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग ज़रूरतमन्द हैं, और देश आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करना रहा है.
Lebanon is on the brink of collapse.As young people struggle with the impacts of an economic meltdown, they urgently need support.@UNICEFLebanon https://t.co/KWUSYhbcDD
UNICEF
रिपोर्ट दर्शाती है कि लेबनान में युवजन स्कूली पढ़ाई छोड़ रहे है और जीवित रहने व अपने परिवार की गुज़र-बसर के लिये बेहद कम वेतन में, अनियमित रोज़गार अपना रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 31 फ़ीसदी युवा, शिक्षा, रोज़गार या प्रशिक्षण का हिस्सा नहीं हैं.
शैक्षणिक संस्थानों में पंजीकरण वर्ष 2020-2021 के सत्र में 60 फ़ीसदी था, जोकि मौजूदा अकादमिक वर्ष के लिये घटकर अब केवल 43 प्रतिशत रह गया है.
17 वर्षीया हनीन ने यूनीसेफ़ को बताया कि उन्हें और उनके परिवारों को गुज़र-बसर के लिये मिलने वाली रक़म, पर्याप्त नहीं है.
“मुद्रास्फीति बहुत ज़्यादा है, आय उसके समान नहीं हैं. हर महीने हमें प्राथमिकता चुननी पड़ती है – किराया, दवा, भोजन. मगर हम इन सभी को एक साथ नहीं ले सकते.”
यूएन एजेंसी ने सचेत किया है कि अगर मौजूदा रुझान पलटे नहीं गए तो देश में भावी प्रगति और सामाजिक जुड़ाव के लिये गम्भीर दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं.
बड़ी संख्या में युवजन अपनी शिक्षा छोड़ने के लिये मजबूर हो रहे हैं, और पहले से ही कम रोज़गार अवसरों के लिये प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है.
ऐसे में उन्हें अनौपचारिक सैक्टर में कम कमाई वाले रोज़गार साधन चुनने पड़ते हैं.
कामकाजी युवाओं की औसत मासिक आय क़रीब एक लाख 60 हज़ार लेबनानी पाउण्ड है, जोकि लगभग 64 डॉलर है.
लेबनान में सीरियाई युवाओं के लिये यह आँकड़ा आधा है, यानि उनकी दैनिक आय एक डॉलर है.
समझा जाता है कि हर 10 में से सात युव बेरोज़गार है, और उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है. इस सर्वेक्षण से पहले के हफ़्ते तक उनके पास गुज़र-बसर के लिये आमदनी का प्रबन्ध नहीं था.
लेबनान में संकट की वजह से युवाओं को शिक्षा ख़र्च में कटौती समेत अन्य नकारात्मक उपाय चुनने पड़ रहे हैं.
क़रीब 13 प्रतिशत परिवारों ने 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को काम पर भेजा है.
हर दो में से एक युवा ने, स्वास्थ्य पर अपने ख़र्च में कमी की है और हर 10 में से छह युवा ही ज़रूरत पड़ने पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त कर पा रहे हैं.
कुछ युवाओं ने यूनीसेफ़ को बताया कि मौजूदा दबावों के कारण, भविष्य के लिये उनकी उम्मीदें क्षीण होती जा रही हैं, और वे जीवन में पहली बार, अपना देश छोड़ कर जाने के बारे में सोच रहे हैं.