असुरक्षित गर्भपात की स्वास्थ्य जटिलताएँ, गुणवत्तापरक देखभाल के लिये नए सुझाव
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और उसके साझीदार संगठनों के एक नए शोध में असुरक्षित गर्भपात के दौरान पेश आने वाली जटिलताओं से निपटने और लड़कियों व महिलाओं के लिये गुणवत्तापरक देखभाल के सर्वोत्तम उपायों के सम्बन्ध में जानकारी साझा की गई है.
नया अध्ययन दर्शाता है कि असुरक्षित गर्भपात के कारण बड़ी संख्या में या तो महिलाओं और लड़कियों की मौत हो रही है, या उन्हें अल्प और दीर्घकालीन नकारात्मक नतीजे झेलने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है.
New @WHO and @HRPresearch supplement out today in @IJGOLive gives new insights into quality of care for girls and women facing the complications of unsafe abortion https://t.co/mU9E7nyu7a@HRPresearch @WHO @bganatra @hediehmm @otuncalp @1verofilippi @CaronRKim
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यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के एक अनुमान के अनुसार, सभी गर्भपात मामलों में से लगभग 45 प्रतिशत असुरक्षित होते हैं, जिनमें से 97 फ़ीसदी विकासशील देशों में किये जाते हैं.
संगठन का कहना है कि असुरक्षित गर्भपात, मातृत्व मौतों का एक ऐसा कारण हैं, जिसकी रोकथाम सम्भव है.
उचित समय पर सुरक्षित, पहुँच के भीतर और सम्मानजनक ढंग से गर्भपात देखभाल ना हो पाना, एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य और मानवाधिकार मुद्दा है.
असुरक्षित गर्भपात के दुष्प्रभाव, महिलाओं व लड़कियों के लिये शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य जटिलताओं के रूप में सामने आ सकते हैं.
इससे महिलाओं व लड़कियों और समुदायों व स्वास्थ्य प्रणालियों के लिये सामाजिक, आर्थिक बोझ उत्पन्न होता है.
नए अध्ययन के अनुसार, गर्भपात के दौरान पेश आने वाली जटिलताओं से निपटने और लड़कियों व महिलाओं के लिये गुणवत्तापरक देखभाल के सर्वोत्तम उपायों के सम्बन्ध में पर्याप्त जानकारी का अभाव है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और मानव प्रजनन कार्यक्रम में शामिल अन्य संगठनों ने, इस विषय में तथ्य, अनुभव और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता के सम्बन्ध में जानकारी जुटाने के लिये, अफ़्रीकी और लातिन अमेरिकी व कैरीबियाई क्षेत्र में स्थित 17 देशों में शोध किया.
इस अध्ययन के तहत, 11 सब-सहारा अफ़्रीकी देशों में किये गए कार्य को रेखांकित किया गया है, जोकि एक अन्तरराष्ट्रीय जर्नल, International Journal of Gynecology and Obstetrics, में प्रकाशित हुआ है.
कारगर उपाय
विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भपात-सम्बन्धी जटिलताओं को दूर करने के लिये, लड़कियों व महिलाओं की चिकित्सा देखभाल व प्रबन्धन में कारगर उपायों के प्रति समझ बढ़ाना अहम है.
इसे, महिलाओं व लड़कियों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित किये जाने के इरादे से आवश्यक बताया गया है.
इस अध्ययन के दौरान, गर्भपात-सम्बन्धी जटिलताओं के कारण स्वास्थ्य केन्द्र जाने वाली 22 हज़ार महिलाओं से जानकारी एकत्र की गई.
इनमें से अधिकतर महिलाओं को सामान्य और कम गम्भीर जटिलताएँ ही पेश आईं, मगर कुछ महिलाओं को अति गम्भीर और जीवन के लिये ख़तरा पैदा करने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को झेलना पड़ा.
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भपात के दौरान और उसके बाद चिकित्सा देखभाल, स्वयं की देखभाल, देखभाल के प्रावधान के लिये कार्य साझा किये जाने के साथ-साथ, समर्थन प्रदान करने वाली स्वास्थ्य प्रणाली और क़ानूनी उपाय ज़रूरी है.
उच्च-गुणवत्ता गर्भपात देखभाल के लिये, पहुँच के भीतर और स्वीकार्य, विविध प्रकार के गर्भनिरोधक विकल्पों की सुलभता बढ़ानी होगी. स्वास्थ्य और शरीर की स्वायत्ता के मानवाधिकार की रक्षा के लिये यह आवश्यक है.
अध्ययन में सब-सहारा देशों में निम्न उपायों पर बल दिया गया है:
- स्वास्थ्य देखभला के सभी स्तरों पर उच्च-गुणवत्ता गर्भपात सेवाओं की सुलभता बढ़ाना
- गर्भपात के बाद तथ्य-आधारित देखभाल के तौर-तरीक़े, उपकरणों व आपूर्ति की उपलब्धता का आकलन, और स्वास्थ्य जटिलताओं व दुष्परिणामों के प्रति समझ विकसित करना
- स्वास्थ्य प्रणाली से परे जाने वाले हस्तक्षेप उपायों की शिनाख़्त व इस्तेमाल करना
- स्वास्थ्य देखभालकर्मियों में व्याप्त नुक़सानदेह धारणाओं को दूर करना और महिलाओं व लड़कियों का सशक्तिकरण सुनिश्चित करना