‘हॉलोकॉस्ट को कभी नहीं भूलने की प्रतिज्ञा लें’, यूएन प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि हर जगह पर, लोगों को नफ़रत, बढ़ते यहूदी-विरोध वाद और अन्य तरह की धार्मिक कट्टरता के ख़िलाफ़ मज़बूती से खड़ा होना होगा.
यूएन प्रमुख ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों को प्रताड़ित करने के लिये बनाए गए ऑशवित्ज़ प्रताड़ना शिविर को आज़ाद कराए जाने की 77वीं वर्षगाँठ के अवसर पर, न्यूयॉर्क में पार्क ईस्ट सिनेगॉग में मंगलवार शाम को हुए एक समारोह को वीडियो सन्देश में ये पुकार लगाई है.
इस वार्षिक समारोह में उन साठ लाख यहूदियों की स्मृतियों को सम्मान दिया जाता है जो हॉलोकॉस्ट के दौरान मार दिये गए थे. ये समारोह, इस वर्ष भी कोविड-19 महामारी के कारण, वर्चुअल माध्यमों से आयोजित किया गया.
जीवितों की घटती संख्या
एंतोनियो गुटेरेश ने अपने वीडियो सन्देश में कहा, “77 वर्ष पहले, ऑशवित्ज़ प्रताड़ना शिविर को आज़ाद कराए जाने के साथ, हॉलोकॉस्ट रुक गया था. मगर वो समय, इस तरह के अपराध फिर कभी ना हों, ये सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों की शुरूआत थी.”
यूएन प्रमुख ने हॉलोकॉस्ट के दौरान हुए भारी मानवीय नुक़सान की तरफ़ भी ध्यान आकर्षित किया. नाज़ी शासन ने पूरे के पूरे समुदायों का सफ़ाया करने के साथ ही, योरोप में, यहूदी जीवन की शानदार मौजूदगी को भी तबाह कर दिया था.
पार्क ईस्ट सिनेगॉग के रब्बाई (धार्मिक विद्वान) आर्थर श्नीयर भी हॉलोकॉस्ट से जीवित बचे हुए एक यहूदी हैं जिनका जन्म वियेना में हुआ था. मगर उनके कुछ परिजन, ऑशवित्ज़ में मार दिये गए थे.
उन्होंने कहा, “हॉलोकॉस्ट में जीवित बचने के साथ ही, मैंने ये प्रतिज्ञा ली थी कि मैं अपना जीवन यहूदी विरोधी-वाद और किसी भी तरह की नफ़रत का उन्मूलन करने में मदद के लिये समर्पित कर दूंगा, ताकि किसी अन्य आबादी को उसी तरह के अत्याचारों का सामना ना करना पड़े, जैसे अत्याचार यहूदी लोगों पर किये गए थे.”
बढ़ता यहूदी विरोध-वाद

यूएन प्रमुख एंतोनिये गुटेरेश ने यहूदी विरोधी-वाद और अन्य तरह की धार्मिक कट्टरता को, सीस्मोग्राफ़ (भूकम्प मापक पैमाना) की गति से बढ़ता हुआ बताया है क्योंकि जितना इन नकारात्मक विचारों व नज़रियों से दुनिया को अस्थिर करने व चोट पहुँचाने की कोशिश की जाती है, उतनी ही, हमारी साझी मानवता की बुनियाद में दरारें बढ़ती हैं.
आज के दौर में इन दरारों को नज़रअन्दाज़ करना असम्भव है.
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “यहूदी विरोध-वाद नफ़रत और पूर्वाग्रह का बहुत पुराना रूप है और ये एक बार फिर बढ़ रहा है . लगभग हर दिन, मौखिक हमलों और शारीरिक हमलों की ख़बरें मिलती हैं; क़ब्रगाहों की गरिमा भंग की जाती है और यहूदी उपासनास्थलों (सिनेगॉग) को नुक़सान पहुँचाया जाता है.”
हॉलोकॉस्ट खण्डन में बढ़ोत्तरी
यूएन प्रमुख ने कहा कि यहूदी विरोध-वाद के अनेक समकालीन रूप भी सामने आ रहे हैं.
यूएन प्रमुख ने, हॉलोकॉस्ट खण्डन को स्पष्टता से परिभाषित करने और उसका मुक़ाबला सक्रियता से करने में, यूएन महासभा और अन्य हितधारकों के प्रयासों की सराहना की है.
यूएन प्रमुख अलबत्ता, ये देखकर चकित थे कि दुनिया भर में वयस्क लोगों की मुश्किल से आधी संख्या को हॉलोकॉस्ट के बारे में जानकारी है, जबकि युवा पीढ़ियों में इस बारे में जानकारी का अभाव कहीं ज़्यादा है.
उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव से निपटने के लिये हमारी प्रतिक्रिया, शिक्षा प्रसार होनी चाहिये. हॉलोकॉस्ट की भयावह परिस्थितियों के बारे में जागरूकता फैलाना, हर जगह की सरकारों की ज़िम्मेदारी है.