बुर्कीना फ़ासो में सैन्य तख़्तापलट की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, पश्चिम अफ़्रीकी देश - बुर्कीना फ़ासो में रविवार को, सेना के कुछ वर्गों द्वारा तख़्तापलट किये जाने के बाद, वहाँ की स्थिति पर, गहरी चिन्ता के बीच, नज़र बनाए हुए हैं.
यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक द्वारा जारी एक वक्तव्य में, एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि वो ख़ासतौर से, राष्ट्रपति रोश मार्क क्रिश्चियन कबोरे के ठिकाने और उनकी सुरक्षा व देश में लगातार बिगड़ती स्थिति को लेकर चिन्तित हैं.
From today’s Noon Briefing: Secretary-General @antonioguterres is following developments in Burkina Faso with deep concern, calling on coup leaders to lay down their arms. https://t.co/R7N41ZfQwt pic.twitter.com/o7nqqHmm8W
UN_Spokesperson
रविवार प्रातः ये संकट शुरू होने के बाद से, राष्ट्रपति को नहीं देखा गया है.
वक्तव्य में कहा गया है, “महासचिव ने, एक सरकार को, हथियारों की ताक़त के बल पर, बेदख़ल किये जाने के प्रयासों की कड़ी निन्दा की है.”
समाचार एजेंसियों के अनुसार, सेना ने सोमवार को घोषणा की थी कि उसने सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया है और राष्ट्रपति को सत्ता से हटा दिया है.
ये घोषणा, एक सैन्य अधिकारी ने, सरकारी टेलीविज़न पर की, जिसने लगातार बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को, सैन्य तख़्तापलट के लिये ज़िम्मेदार बताया.
मीडिया ख़बरों के अनुसार, बीते अनेक महीनों के दौरान, अनेक नागरिक व सैन्य हस्तियों ने, बढ़ते इस्लामी उग्रवाद का सामना करने के लिये, सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की है, जिसने देश के एक बड़े हिस्से को अस्थिर बना दिया है.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, तमाम पक्षों से संयम बरतने और बातचीत का सहारा लेने की पुकार लगाई है.
उन्होंने साथ ही, सैन्य तख़्तापलट करने वाले नेताओं से हथियार डालने और राष्ट्रपति व बुर्कीना फ़ासो के संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया है.
यूएन प्रमुख ने, देश की संवैधानिक व्यवस्था का बनाए रखने में, इस विश्व संगठन की पूर्ण प्रतिबद्धता दोहराते हुए, बुर्कीना फ़ासो के सामने दरपेश अनेक तरह की चुनौतियों के समाधान निकालने के प्रयासों में, देश के लोगों को समर्थन की पुष्टि भी दोहराई.
मई 2021 में माली में एक सैन्य तख़्तापलट हुआ था, उसके बाद, पश्चिम अफ़्रीका और सहेल क्षेत्र के अनेक देशों में सैन्य तख़्तापलट के प्रयास देखे गए हैं.
चाड, सूडान और गिनी में तो सैन्य तख़्तापलट द्वारा सत्ता पर क़ब्ज़ा भी कर लिया गया है.
पश्चिम अफ़्रीका और सहेल के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि ने, जनवरी 2022 के आरम्भ में सुरक्षा परिषद को इस स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि इस तरह के परिणाम, अक्सर ऐसे राजनैतिक गतिविधियों का नतीजा होते हैं जो स्थानीय आबादियों की आकांक्षाओं से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती हैं.