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अफ़्रीका में 15 लाख ‘कम वज़न’ बच्चे, जीवन रक्षक इलाज से वंचित

दक्षिण सूडान में एक स्वास्थ्यकर्मी, गम्भीर कुपोषण के शिकार एक बच्चे का, पोषण स्तर मापते हुए.
© UNICEF/Helene Sandbu Ryeng
दक्षिण सूडान में एक स्वास्थ्यकर्मी, गम्भीर कुपोषण के शिकार एक बच्चे का, पोषण स्तर मापते हुए.

अफ़्रीका में 15 लाख ‘कम वज़न’ बच्चे, जीवन रक्षक इलाज से वंचित

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF ने शुक्रवार को कहा है कि अफ़्रीका के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में, कम से कम 15 लाख बच्चे ऐसे हैं जिन्हें शरीर का वज़न कम होने और उनका विकास प्रभावित होने की गम्भीर अवस्था का, जीवनरक्षक उपचार नहीं मिल पा रहा है.

यूएन एजेंसी ने इस अवस्था में कुल ज़रूरतमन्द बच्चों की कुल संख्या लगभग 36 लाख बताई है. इन बच्चों का जीवन बचाने और उनके विकास को स्थाई नुक़सान से बचाने के लिये, उनका सही समय पर इलाज नहीं हो रहा है.

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पूर्वी और दक्षिणी अफ़्रीका के लिये यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक मोहम्मद एम फ़ॉल का कहना है कि इन बच्चों को इस विनाशकारी अवस्था में देखना बहुत भयंकर अनुभव है, जबकि हम ये भी जानते हैं कि इस बीमारी की रोकथाम की जा सकती है और इसका इलाज हो सकता है.

उनकी नज़र में, बिल्कुल अभी कार्रवाई की जानी होगी.

बढ़ते मामले

पूरे क्षेत्र में, परिवार अनेक तरह के संकटों से जूझ रहे हैं जिनमें खाद्य असुरक्षा के बढ़ते स्तर, आर्थिक बदहाली, बीमारियों का फैलाव, बाढ़ आने और सूखा पड़ने के अभूतपूर्व चक्र, और लड़ाई-झगड़े शामिल हैं.

लाखों लोगों को जीवित रहने के लिये, अपनी भोजन ख़ुराक की मात्रा में कटौती करनी पड़ रही है, या भोजन की गुणवत्ता के साथ समझौता करना पड़ रहा है. बहुत से मामलों में तो परिवारों को भोजन मात्रा और गुणवत्ता, दोनों ही कम करने पड़ रहे हैं.

यूनीसेफ़ की नज़र में, ये एक विशाल रूप लेती ऐसी त्रासदी है जिसे समय रहते रोका जा सकता है, और रोका जाना ही होगा.

यूएन बाल कोष ने वर्ष 2022 के दौरान, अपनी आपात कार्रवाइयाँ चलाने के लिये, क़रीब साढ़े 25 करोड़ डॉलर की रक़म की अपील जारी की है.

प्रभावित देश

अंगोला में लोग, पिछले 40 वर्षों में सर्वाधिक भीषण सूखे के प्रभावों का सामना कर रहे हैं. यूनीसेफ़ ने सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों में अपने सहायता अभियानों का दायरा बढ़ाया है जहाँ वर्ष 2021 के दौरान, उससे पिछले वर्ष की तुलना में, 40 प्रतिशत ज़्यादा बच्चों का उपचार किया गया.

इथियोपिया, उस क्षेत्र में, बच्चों की सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश है. यूनीसेफ़ और उसके साझीदार संगठनों ने वर्ष 2021 के दौरान, वज़न कम होने की बीमारी से पीड़ित लगभग पाँच लाख बच्चों तक सहायता पहुँचाई. मगर युद्धग्रस्त उत्तरी क्षेत्र में बहुत से बच्चों तक, जीवन रक्षक सहायता पहुँचाए जाने की अभी ज़रूरत है.

दक्षिण सूडान में लगभग 14 लाख बच्चे, पाँच वर्ष से कम उम्र के हैं और गम्भीर कुपोषण के शिकार हैं, जिनमें लगभग तीन लाख दस हज़ार बच्चे, वज़न कम होने और शारीरिक विकास पर नकारात्मक असर पड़ने की बीमारी से पीड़ित हैं. यूनीसेफ़ और उसके साझीदार संगठनों ने वर्ष 2021 के दौरान, दो लाख 40 हज़ार से ज़्यादा बच्चों का इलाज किया था, मगर स्थिति बहुत तात्कालिक बनी हुई है, क्योंकि बाढ़ में मवेशियों की मौत हो गई है, फ़सलें तबाह हो गई हैं, और मानवीय सहायता पहुँचाने के रास्ते बन्द हो गए हैं.

मेडागास्कर में, तीन साल से लगातार सूखा पड़ रहा है जिसके कारण, वहाँ दशकों की सबसे बदतर खाद्य असुरक्षा और कुपोषण संकट के हालात उत्पन्न हो गए हैं. यूनीसेफ़ और उसके साझीदार संगठनों ने वर्ष 2021 के दौरान, देश के दक्षिणी हिस्से में बहुत से ऐसे परिवारों की मदद की, जो अकाल के हालात का सामना कर रहे हैं.

सोमालिया में, लगभग दो लाख 55 हज़ार बच्चों को, वज़न कम होने की बीमारी का इलाज मुहैया कराया गया. देश भीषणतम सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है और लोग, लगातार जारी हिंसा के कारण भी तकलीफ़ों का सामना कर रहे हैं. पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या लगभग 13 लाख है, जिनके इस वर्ष, वज़न कम होने की बीमारी की चपेट में आने की आशंका है.

केनया में, वर्ष 2021 के दौरान, वज़न कम होने की बीमारी का इलाज करने के लिये, लगभग 65 हज़ार बच्चों तक सहायता पहुँचाई गई. इस समय लगभग 28 लाख लोगों के पास, भरपेट भोजन उपलब्ध नहीं है और क़रीब पाँच लाख 65 हज़ार बच्चे, वज़न कम होने की बीमारी से पीड़ित हैं.

मोज़ाम्बीक़ में, लगातार जारी असुरक्षा के हालात ने नकरात्मक प्रभाव छोड़े हैं. वर्ष 2021 के दौरान, लगभग 38 हज़ार बच्चों को, वज़न कम होने की बीमारी का इलाज मुहैया कराया गया.

इथियोपिया के एक क्लीनिक में, गम्भीर कुपोषण से पीड़ित एक बच्चे की तस्वीर.
©UNICEF/ Esiey Leul
इथियोपिया के एक क्लीनिक में, गम्भीर कुपोषण से पीड़ित एक बच्चे की तस्वीर.