शान्ति प्रयासों में युवजन के लिये अर्थपूर्ण अवसर मुहैया कराने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने युवा-समावेशी शान्ति प्रक्रियाओं के मुद्दे पर एक उच्चस्तरीय वैश्विक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा है कि शान्ति निर्माण व उसे बनाए रखने में युवजन अर्थपूर्ण योगदान दे सकते हैं और उन्हें इसके लिये अवसर उपलब्ध कराने होंगे.
यह सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है.
यूएन प्रमुख ने गुरूवार को सम्मेलन को अपने सम्बोधन के दौरान सचेत किया कि शान्ति निर्माण में युवजन की अहम भूमिका है, इसके बावजूद उन्हें पर्पाप्त अवसर प्राप्त नहीं है.
However, opportunities for meaningful participation remain insufficient. Numerous young peacebuilders – especially young women – report that their participation is not welcomed by the public or those in positions of power. - @antonioguterres @UN#Youth4Peace #YPSConference pic.twitter.com/q1KzZ9sDjL
UNPeacebuilding
उन्होंने इसके लिये, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा समर्थन सुनिश्चित करने का आहवान किया है.
“हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि युवजन को मेज़ पर बैठने की जगह मिले, ऐसे समावेशी समाधानों को आकार देने की, जिनमें शान्ति व सुरक्षा, टिकाऊ और मानवाधिकारों का मिश्रण हो.”
महासचिव गुटेरेश ने यूएन समर्थन के अनेक उदाहरणों का उल्लेख किया, जिनमें शान्तिनिर्माण आयोग भी है जोकि युवा शान्ति निर्माताओं के लिये अपना कामकाज व सिफ़ारिशें साझा करने पर केन्द्रित एक मंच है.
वर्ष 2021 में, शान्तिनिर्माण कोष के ज़रिये उन परियोजनाओं के लिये दो करोड़ 60 लाख डॉलर की रक़म प्रदान की गई, जिन्हें युवजन, शान्ति व सुरक्षा से जुड़े क्षेत्रों में कार्यरत नागरिक समाज संगठनों के साथ लागू किया जाता है.
महासचिव ने कहा कि इस निवेश का स्तर बढ़ाया जाना होगा, और अतिरिक्त संसाधनों के साथ इसे ज़्यादा सुलभ बनाने की आवश्यकता है, ताकि युवा-नेतृत्व वाली मुहिमों का समर्थन किया जा सके.
युवा शान्ति निर्माताओं और अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे कार्यकर्ताओं के लिये पनपते जोखिमों के बीच, यूएन प्रमुख ने मानवाधिकारों और नागरिक समाज की रक्षा के लिये उपायों को मज़बूती देने पर बल दिया है.
बताया गया है कि यूएन एक नए इण्डेक्स पर काम करेगा, जिससे राजनीति में युवाओं के लिये जगह और स्थिति पर नज़र रखी जाएगी. ग़ौरतलब है कि दुनिया भर में युवजन, बुलन्द आवाज़ में अपने लिये भूमिका की मांग कर रहे हैं.
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने आगाह किया कि कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन, बढ़ते हिंसक टकराव और भेदभाव समेत, दुनिया अनेक चुनौतियों से जूझ रही है.
इसके मद्देनज़र, युवाओं द्वारा अपनी आवाज़ मुखर करना सराहनीय है.
महासचिव ने ध्यान दिलाया कि युवजन इन सभी चुनौतियों से व्यापक पैमाने पर प्रभावित हुए हैं, मगर वे कार्रवाई और समाधानों के अग्रिम मोर्चों पर हैं.
“मैं दुनिया भर के युवाओं का, अपनी आवाज़ उठाने के लिये अभिनन्दन करता हूँ – सड़कों पर और ऑनलाइन – और जलवायु कार्रवाई, लैंगिक समानता, नस्लीय व सामाजिक न्याय और बहुत कुछ मुद्दों पर खड़े होने के लिये.”
यूएन प्रमुख के मुताबिक़, विश्व फ़िलहाल कोविड-19 महामारी से उबरने के लिये संघर्ष कर रहा है, और टिकाऊ विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये युवजन को बाहर रखे जाने की बुनियादी वजहों को दूर करना होगा.
“हमें युवाओं के लिये सम्भावनाएँ और अवसरों को प्रदान करने में निवेश करना होगा, विशेष रूप से युवा महिलाओं के लिये, और शिक्षा के ज़रिये भी.”
“युवजन ना सिर्फ़ समान अधिकार प्राप्त नागरिक हैं, बल्कि वे बदलाव के बलशाली वाहक भी हैं, जिनकी आवाज़ों को सुना जाना होगा.”
क़तर, फ़िनलैण्ड और कोलम्बिया की सह-मेज़बानी में आयोजित दो-दिवसीय यह सम्मेलन, शुक्रवार को समाप्त हो रहा है.
इसका एक मुख्य उद्देश्य, शान्ति समझौतों को आकार देने की प्रक्रिया में युवजन को शामिल करने के लिये राजनैतिक इच्छाशक्ति व संकल्प को मज़बूती प्रदान करना है.
महासचिव ने बताया कि इस सम्मेलन से पहले ही, प्रतिभागियों ने दो अहम दस्तावेज़ तैयार किये हैं, जिसमें युवजन-समावेशी शान्ति प्रक्रियाओं के लिये एक पाँच-वर्षीय रणनीति भी है.
उन्होंने भरोसा जताया है कि इन संसाधनों के ज़रिये हर देश में, युवजन, शान्ति व सुरक्षा एजेण्डे को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.