मानवाधिकार: वर्ष 2022 के लिये, 40 करोड़ डॉलर की अपील

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने, वर्ष 2022 के दौरान मानवाधिकार कार्यों के लिये, लगभग 40 करोड़, पाँच लाख डॉलर की धनराशि की अपील जारी की है, साथ ही देशों व दानदाताओं से, मानवाधिकार एजेण्डे को समर्थन दिये जाने का आग्रह भी किया है.
मानवाधिकार उच्चायुक्त ने, बुधवार को अपने कार्यालय की ये वार्षिक अपील प्रस्तुत करते हुए कहा कि दुनिया भर में व्यापाक उथल-पुथल और संकटों के दौर में, ये धनराशि, विश्व के हर कोने में मानवाधिकारों की सुरक्षा, प्रोत्साहन और बरक़रार रखने में अति महत्वपूर्ण होगी.
Today, we call for US$400.5 million to carry out our human rights work in 2022. Amidst a period of massive global upheaval and crisis, this funding will be critical to protect, promote and uphold human rights in every corner of the world – @mbachelet.👉https://t.co/NPCvebUEbH pic.twitter.com/OEwSGngeSG
UNHumanRights
मिशेल बाशेलेट ने कहा कि अगर लोगों के पास भोजन, शिक्षा और समुचित आवास मौजूद नहीं है तो वे वास्तव में स्वतंत्र नहीं हैं, चाहे वो अपनी बात कहने या प्रदर्शन करने के लिये कितने भी आज़ाद नज़र आते हों.
उन्होंने कहा कि इन वास्तविकताओं के कारण, दुनिया भर में लोगों के आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक अधिकारों की संरक्षा करना और उनका प्रोत्साहन, यूएन मानवाधिकार कार्यालय के कार्य का एक और मुख्य मुद्दा रहेगा.
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा कि दुनिया, कोविड-19 महामारी के तीसरे वर्ष में दाख़िल हो रही है तो, उनका कार्यालय भी, इस संकट के कारण उजागर हुई विषमताओं का मुक़ाबला करने के लिये प्रतिबद्ध है.
इस मुहिम के तहत, उन वंचित समूहों को समर्थन व सहायता दिये जाएंगे जो अनुपात से कहीं ज़्यादा प्रभावित हुए हैं.
मिशेल बाशेलेट ने बताया कि 103 देशों में, यूएन मानवाधिकार कार्यालय की मौजूदगी है और उनका कार्यालय, दुनिया भर में मानवाधिकारों को मज़बूती व प्रोत्साहन देने और उनके संरक्षण के लिये अथक काम करता रहेगा.
उन्होंने बताया कि यूएन मानवाधिकार कार्यालय अपने कामकाज के लिये, व्यापक रूप से, स्वैच्छिक धन दान पर निर्भर है, जबकि बीते वर्ष कुल बजट का लगभग 62 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त हुआ था.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने, वर्ष 2021 के लिये लगभग 38 करोड़ 55 लाख डॉलर की धनराशि की अपील की थी.
कुल मिलाकर 89 दानदाताओं ने, क़रीब 22 करोड़ 74 लाख डॉलर की रक़म अदा की थी, जिनमें 59 देश थे.
मिशेल बाशेलेट के अनुसार, कोविड-19 और लम्बे समय से जारी गम्भीर युद्धों व लड़ाई-झगड़ों के कारण बढ़ी अतिरिक्त ज़रूरतों के मद्देनज़र, ये धनराशि अपर्याप्त थी.