UNRWA: फ़लस्तीनी शरणार्थियों की मदद के लिये, डेढ़ अरब डॉलर से ज़्यादा की अपील
फ़लस्तीनी शरणार्थियों की मदद करने वाली यूएन एजेंसी – UNRWA ने वर्ष 2022 के दौरान, क्षेत्रीय संकटों और लगातार धन की क़िल्लत की परिस्थितियों में अपना जीवन रक्षक सहायता कार्यक्रम जारी रखने के लिये, एक अरब 60 करोड़ डॉलर की रक़म इकट्ठा करने के लिये एक सहायता अपील मंगलवार को जारी की है.
ये एजेंसी पूरे मध्य पूर्व में स्थित लगभग 50 लाख फ़लस्तीनी शरणार्थियों को सेवाएँ मुहैया कराती है और अनेक सहायता कार्यक्रम चलाती है जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और खाद्य सहायता भी शामिल है.
Today, UNRWA announced its 2022 operating budget. This year the Agency required US$ 1.6 billion in funding to continue to serve Palestine refugees in oPt, Syria, Lebanon, and Jordan. Learn more about our budget proposal here: https://t.co/vh8NaflgcR pic.twitter.com/E6O9ViodQE
UNRWA
वर्ष 2022 के बजट प्रस्ताव में, ग़ाज़ा, पश्चिमी तट, सीरिया और लेबनान में संकटों की स्थितियों से उपजी मानवीय ज़रूरतें पूरी करने के लिये, अतिरिक्त आपदा राहत राशि भी शामिल है.
स्थिरता के लिये ‘अपरिहार्य’
एजेंसी के कमिश्नर जनरल (महा आयुक्त) फ़िलिप लज़्ज़ारीनी ने कहा कि बजट की कमी की वजह से, एजेंसी को अपने कार्यक्रम व अभियान जारी रखने के लिये, गम्भीर जोखिम का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा, “अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, इस यूएन एजेंसी की जीवन रक्षक भूमिका और मध्य पूर्व में स्थिरता के लिये, इसके अत्यन्त ज़रूरी योगदान को पहचानता है. समुदाय ये भी पहचानता है कि ये एजेंसी अपने कामकाज में किस तरह से संसाधन – कुशल और चुस्त व मुस्तैद है."
"वर्ष 2022 के दौरान, इस पहचान को, पर्याप्त स्तर की धनराशि उपलब्ध कराकर समर्थन दिया जाना होगा, ताकि ये एजेंसी फ़लस्तीनी शरणार्थियों की अति महत्वपूर्ण ज़रूरतों को पूरा कर सके.”
ये बजट प्रस्ताव ऐसे समय में आए हैं जबकि ये एजेंसी, लगातार धनराशि की क़िल्लत का सामना कर रही है, अलबत्ता ज़रूरतें बढ़ रही हैं.
पीड़ा व हताशा
एक अनुमान के अनुसार, क़रीब 23 लाख फ़लस्तीनी शरणार्थी, निर्धनता में जीवन जी रहे हैं, और कोविड-19 महामारी के कारण, स्वास्थ्य और आजीविकाओं के लिये लगातार जोखिम बना हुआ है.
यूएन एजेंसी के अनुसार, फ़लस्तीनी शरणार्थियों में तकलीफ़, मायूसी और हताशा एक आम चलन सा बन गया है.
ख़ासतौर से ग़ाज़ा, सीरिया और लेबनान में बहुत से फ़लस्तीनी शरणार्थियों का कहना है कि वो इस क्षेत्र से बाहर निकलने के लिये, कोई भी साधन या रास्ता अपनाने के लिये तैयार हैं.
चक्र को तोड़ने की ज़रूरत
यूएन एजेंसी ने, ज़्यादा किफ़ायती, कम ख़र्च में, और ज़्यादा कुशल तरीक़े से ज़रूरतें पूरी करने के लिये, व्यापक सुधार और आधुनिकीकरण का व्यापक कार्यक्रम चलाने का इरादा व्यक्त किया है.
एजेंसी का कहना है कि इसकी तमाम सेवाओं और कार्यक्रमों के लिये पूर्ण धन उपलब्ध होने की स्थिति में, फ़लस्तीनी शरणार्थियों में फैली पीड़ा, मायूसी और हताशा के चक्र को तोड़ने के प्रयासों में मदद मिलेगी.
इन प्रयासों में, बहुत निचले स्तर पर जाकर लोगों को रोज़गार परक गतिविधियाँ चलाने के लिये क़र्ज़ मुहैया कराने और शरणार्थी शिविरों में अति महत्वपूर्ण ढाँचागत सुधार करने के लिये, लगभग 3 करोड़ 12 लाख डॉलर की रक़म ख़र्च करने की योजना शामिल है.
महा आयुक्त ने दानदाताओं से मदद बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि यूएन एजेंसी ने वर्ष 2022 के लिये जो धनराशि अपील की है, वो सीधे तौर पर फ़लस्तीनी शरणार्थियों के जीवन को बेहतर बनाने पर ख़र्च की जाएगी.
इनमें कोविड-19 महामारी का मुक़ाबला करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के प्रयास भी शामिल हैं.
उन्होंने कहा, “अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को, इस यूएन एजेंसी को पर्याप्त धनराशि मुहैया करानी होगी ताकि ये एजेंसी, फ़लस्तीनी शरणार्थियों में सुरक्षा व सामान्य जीवन की भावना क़ायम रख सके, जिसके वो हक़दार हैं.”