यमन: हिंसा में झुलस रहे - आमजन व नागरिक प्रतिष्ठान, यूएन की चिन्ता
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने यमन में हिंसक टकराव के लगातार बढ़ने पर गहरी चिन्ता जताते हुए कहा है कि इस वर्ष के शुरुआती दिनों में, ड्रोन और हवाई हमलों में तेज़ी आई है, जिसकी चपेट में आने से आम लोग मारे गए हैं और नागरिक प्रतिष्ठानों को क्षति पहुँची है.
देश की राजधानी सना में बीती रात एक हवाई कार्रवाई में कम से कम पाँच आम नागरिकों के मारे जाने की ख़बर है.
🇾🇪 #Yemen: We are deeply concerned by the continuing escalation of the conflict and its impact on civilians. All parties must exercise maximum restraint and avoid escalation.There is no military solution to this conflict.Learn more: https://t.co/9fmAYK7MzU pic.twitter.com/Wa7k9AtebN
UNHumanRights
बताया गया है कि ये कार्रवाई सऊदी अरब के नेतृत्व में गठबन्धन सेना द्वारा, स्थानीय समयानुसार रात 9.25 पर शहर के मा-इन इलाक़े में की गई.
मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि शुरुआती सूचना के अनुसार, सभी मृतक एक ही परिवार के सदस्य हैं, और इनमें दो महिलाएँ और एक बच्चा भी है.
इस हमले में दो अन्य महिलाओं और एक बच्चे के घायल होने की भी ख़बर मिली है.
इस कार्रवाई से पहले, हूथी लड़ाकों के गुट - अंसार-अल्लाह ने, सोमवार को सऊदी नेतृत्व वाले गठबन्धन में शामिल संयुक्त अरब अमीरात/यूएई में मिसाइल और ड्रोन हमले की ज़िम्मेदारी लेने का दावा किया था.
आबू धाबी के अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नज़दीक के एक औद्योगिक इलाक़े पर किये गए हमले में, तीन आम नागरिकों की मौत हुई है.
यमन में इस वर्ष हिंसा और टकराव में निरन्तर तेज़ी देखी गई है. साल की शुरुआत में ही, सरकारी सुरक्षा बलों ने मारिब के पास शाब्वाह गवर्नरेट में, अन्सार-अल्लाह गुट के लड़ाकों के विरुद्ध व्यापक पैमाने पर जवाबी हमले किये.
इसके बाद, हिंसक मारिब और अल बायदाह गवर्नरेट के अन्य इलाक़ों में भी फैल गई. हाल के दिनों में अनेक हवाई हमलों और गोलाबारी की ख़बरें मिली हैं.
हिंसा के दौरान आमजन की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया है और नागरिक प्रतिष्ठानों व अहम बुनियादी ढाँचों को ख़ासा नुक़सान हुआ है. इनमें दूरसंचार टावर और जल भण्डारण केन्द्र के अलावा अनेक अस्पताल भी हैं.
हिंसक संघर्ष में तेज़ी
9 से 11 जनवरी के बीच, सना पर सऊदी नेतृत्व वाली गठबन्धन सेना के हमलों में तीन दूरसंचार टावर ध्वस्त हुए हैं.
11 जनवरी को गठबन्धन की कार्रवाई में, सहर ज़िले में एक जल भण्डारण व्यवस्था क्षतिग्रस्त हुई है, जिससे सवा लाख से अधिक लोगों की जल आपूर्ति प्रभावित हुई है.
13 जनवरी को सऊदी नेतृत्व वाली गठबन्धन की हवाई कार्रवाई में चार आम लोग घायल हुए हैं, और अल सवाद इलाक़े में एक अस्पताल के कुछ हिस्सों को क्षति पहुँची.
बताया गया है कि इस हमले में एक सैन्य शिविर को निशाना बनाया गया था, जोकि अस्पताल के पास ही स्थित है.
15 जनवरी को, अन्सार-अल्लाह गुट के लड़ाकों ने दो मिसाइलें दागीं, जिनसे ताइज़ शहर में एक सार्वजनिक अस्पताल को नुक़सान पहुँचा है. तीन अन्य मिसाइलों से पास के एक इलाक़े को निशाना बनाया गया, जिससे दो आम नागरिक घायल हुए हैं.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय के आँकड़े दर्शाते हैं कि जनवरी 2022 में अब तक, सऊदी गठबन्धन द्वारा 839 बार हवाई कार्रवाई की गई है.
दिसम्बर 2021 में यह आँकड़ा, पूरे महीने के दौरान एक हज़ार 74 था.
इसके अलावा, हूथी लड़ाकों द्वारा 16 ड्रोन और 12 बैलेस्टिक मिसाइल समेत अन्य प्रकार के हमले किये गए हैं.
ख़बरों के अनुसार, जनवरी महीने में अब तक सऊदी अरब की तरफ़, 10 बार ड्रोन से कार्रवाई की जा चुकी है.
आम लोगों की रक्षा
व्यापक दायरे में फैलती लड़ाई के अग्रिम मोर्चों में तेज़ी से बदलाव आ रहा है और आम लोगों को निरन्तर बारूदी सुरंगों की चपेट में आने के जोखिम का सामना करना पड़ रहा है.
मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप, सभी पक्षों से आम लोगों व नागरिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया है.
संगठन ने आगाह किया है कि युद्धरत पक्षों को हरसम्भव प्रयास करने होंगे कि केवल सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया जाए, और ऐसा ना होने पर कार्रवाई को स्थगित कर दिया जाए.
यूएन एजेंसी ने महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की उस पुकार को दोहराया है, जिसमें सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह किया है और स्पष्ट किया गया है कि यमन में संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है.