सूडान: दो महीनों में स्वास्थ्यकर्मियों व केन्द्रों पर 15 हमलों से गहराई चिन्ता
पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र के लिये यूएन स्वास्थ्य एजेंसी में क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर अहम अल-मन्दहारी ने बताया कि स्वास्थ्य संगठन, इस बढ़ते संकट से चिन्तित है और स्थिति पर नज़र रखे हुए है.
अब तक राजधानी ख़ारतूम समेत अन्य शहरों में ऐसी 11 घटनाओं की पुष्टि हो चुकी हैं.
“Attacks on health care in #Sudan must stop now. @WHO is following with great concern the escalating crisis that results in 15 reported attacks on health workers and facilities since November 2021.”Dr Ahmed Al-Mandhari, @WHOEMRO Regional Directorhttps://t.co/RVJ3hIkPnH pic.twitter.com/tKMemtZl2N
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डॉक्टर अल-मन्दहारी ने कहा, “स्वास्थ्यकर्मियों पर इनमें से अधिकतर हमले, शारीरिक मारपीट, कामकाज में व्यवधान, हिंसक ढंग से तलाशी, और सम्बद्ध मनोवैज्ञानिक धमकियों व डराए-धमकाए जाने के रूप में अन्जाम दिया गया है.”
बताया गया है कि इनमे से दो पुष्ट मामलों में, सैन्यकर्मियों द्वारा स्वास्थ्य केन्द्रों पर छापे मारने की कार्रवाई हुई. अन्य घटनाओं में मरीज़ों और कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया गया और कुछ मामलों में जबरन तलाशी और हिरासत में लिये जाते समय लोग घायल हो गए.
यूएन एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “स्वास्थ्यकर्मियों, मरीज़ों और केन्द्रों पर ये लक्षित हमले, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का खुला उल्लंघन है और इसे अभी रोका जाना होगा.”
बढ़ते हमलों की ये ख़बरें, अक्टूबर 2021 में सत्ता पर सैन्य वर्चस्व के बाद, सूडान में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में सामने आई हैं.
सेवाओं में व्यवधान
स्वास्थ्य संगठन ने चिन्ता जताई है कि इन कृत्यों से स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता पर गम्भीर असर हुआ है, और कोविड-19 महामारी व अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों के दौरान यह एक बड़ी चुनौती है.
इन घटनाओं के कारण कुछ स्वास्थ्य केन्द्रों पर आपात सेवाएँ निलम्बित कर दी गई हैं, जबकि कुछ मरीज़ और चिकित्साकर्मी, उपचार को पूरा किये बिना ही केन्द्र छोड़कर चले गए हैं.
डॉक्टर अल-मन्दहारी ने ध्यान दिलाया कि जिन स्वास्थ्यकर्मियों ने अन्य लोगों के जीवन की रक्षा के लिये प्रतिज्ञा ली हुई है, उन्हें बिना भय और चिन्ता के कामकाज करने की अनुमति दी जानी चाहिये.
साथ ही उनके और मरीज़ों के निजी कल्याण का भी ख़याल रखा जाना होगा.
डॉक्टर अल-मन्दहारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी अब भी एक बड़ा ख़तरा है, और स्थानीय समुदायों पर डेंगू, मलेरिया, ख़सरा और हेपेटाइटिस ई जैसी बीमारियों का जोखिम भी मंडरा रहा है.
संगठन ने सचेत किया है कि यह ज़रूरी है कि स्वास्थ्य सैक्टर को बिना किसी अवरोध के काम करने की अनुमति दी जाए.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने उन सभी गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाए जाने का आहवान किया है, जिनसे स्वास्थ्यकर्मियों और मरीज़ों की जान ख़तरे में पड़ सकती है, या फिर अति-आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावित हो सकती हैं.
स्वास्थ्यकर्मियों व सेवाओं का संरक्षण
क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख ने स्थानीय प्रशासन से, सूडान में वर्ष 2020 में स्वीकृत चिकित्सकों, मेडिकल कर्मचारियों और स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों के संरक्षण के लिये क़ानून को लागू किये जाने का आग्रह किया है.
“स्वास्थ्य देखभाल की शुचिता व सुरक्षा का... सम्मान किया जाना होगा और राजनीति भरे सन्दर्भ में भी तटस्थ रहना होगा.”
यूएन एजेंसी का मानना है कि घटनाओं में वृद्धि बेहद चिन्ताजनक है, चूँकि पिछले कुछ सालों में कम ही मामले दर्ज किये गए हैं.
वर्ष 2020 में एक मामला दर्ज किया गया, और 2019 में पूर्व शासक ओमर अल-बशीर के सत्ता से हटने के बाद, व्यापक पैमाने पर सामाजिक और राजनैतिक अशान्ति के दौरान सात मामलों की पुष्टि हुई.
वर्ष 2021 में, सूडान में इस प्रकार के 26 मामले दर्ज किये गए थे, चार लोगों की मौत हुई थी और 38 स्वास्थ्यकर्मी व मरीज़ घायल हुए थे.
सूडान में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि अस्पतालों में कामकाज जारी रखा जा सके.
संगठन ने सभी प्रान्तों में बड़ी संख्या में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ़ को प्रशिक्षित किया है, और साझीदार संगठनों के समर्थन से अनेक नई ऐम्बुलैंस भी वितरित की गई हैं.