अफ़ग़ानिस्तान: स्कूल के बाहर विस्फोट में आठ बच्चों की मौत

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने मंगलवार को कहा है कि ख़ासतौर से, आबादी वाले इलाक़ों में, लापरवाही के साथ छोड़ दिये गए विस्फोटक पदार्थों का प्रयोग, बच्चों और उनके परिवारों के लिये एक निरन्तर और बढ़ता ख़तरा है. यूनीसेफ़ ने अफ़ग़ानिस्तान के नंगरहार प्रान्त में लावारिस छोड़ दिये गए युद्धक विस्फोटक की चपेट में आने पर, आठ स्कूली छात्रों की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है.
“UNICEF is deeply saddened by the killing of eight #children in the Lal Pur District, #Nangarhar Province, yesterday, when an explosive remnant of war detonated near a #school,”said Alice Akunga, @UNICEFAfg Representative a.i. Read more in the statement👇https://t.co/8DAMMIjgAU
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एक स्कूल के निकट पड़ी इस युद्धक अवशेष विस्फोटक सामग्री में, सोमवार को विस्फोट हो गया जिसमें चार बच्चे घायल भी हुए हैं, जो उस समय स्कूली शिक्षा हासिल करने के लिये वहाँ थे.
सभी हताहत बच्चे लड़के हैं.
अफ़ग़ानिस्तान में यूनीसेफ़ की कार्यवाहक प्रतिनिधि ऐलिस अकूंगा ने इस घटना को, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिये ये महत्ता रेखांकित करने वाली बताया कि देश को और ज़्यादा सहायता दिये जाने की ज़रूरत है, ताकि अधिकारीगण, विस्फोटक सामग्रियाँ और युद्ध के अवशेष हटा सकें.
उन्होंने कहा कि उतना ही ज़्यादा ये भी महत्वपूर्ण है कि बच्चों और उनके समुदायों को, इस तरह के अवशेषों और विस्फोटक सामग्रियों से उत्पन्न जोखिमों, व उनसे निपटने के लिये, ऐहतियाती उपायों के बारे में शिक्षित व जागरूक बनाया जाए.
यूनीसेफ़ ने हताहत बच्चों के शोक सन्तप्त परिवारों के साथ गहरी सम्वेदना व्यक्त की है.
यूनीसेफ़ के अनुसार, वर्ष 2020 में, विश्व भर में जितने बच्चों की मौत हुई, उनमें से लगभग 50 प्रतिशत बच्चों की मौत, विस्फोटक सामग्रियों, विशेष तौर पर युद्ध के अवशेषों के कारण हुई.
एलिस अकूंगा ने कहा कि स्कूलों और उनके आसपास के इलाक़ों को सुरक्षित बनाना होगा ताकि तमाम बच्चे, बिना किसी ख़तरे और बेफ़िक्री के साथ अपनी शिक्षा हासिल कर सकें और प्रगति कर सकें.
“यूनीसेफ़ ने अफ़ग़ानिस्तान में तमाम पक्षों से आग्रह किया है कि वो हथियारों से दूषित स्थानों को साफ़ करने के लिये ठोस उपाय करें, बच्चों की सुरक्षा करें और उन्हें किसी भी तरह के नुक़सान से सदैव सुरक्षित रखें.”