म्याँमार: 2022 के दौरान, 40 लाख लोगों की मदद करने का लक्ष्य, WFP

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने शुक्रवार को कहा है कि म्याँमार में, 1 फ़रवरी 2021 को हुए सैन्य तख़्तापलट के बाद, 10 महीनों के दौरान, खाद्य असुरक्षा बहुत तेज़ी से बढ़ी है और खाद्य एजेंसी ने, वर्ष 2022 के दौरान, क़रीब 40 लाख लोगों तक मानवीय सहायता पहुँचाने की योजना बनाई है.
यूएन खाद्य एजेंसी के अनुसार खाद्य असुरक्षा में ये वृद्धि, मौजूदा राजनैतिक संकट, निर्धनता, विस्थापन, और कोविड-19 महामारी के आर्थिक विनाश के मिश्रण से हुई है.
Hunger is spreading further and deeper in #Myanmar. Nearly 90% percent of households living in slum-like settlements around #Yangon say they have to borrow money to buy food.The people of Myanmar need our support: https://t.co/NP4zEJjRA5 pic.twitter.com/XMYDCUZV2Z
WFP
एजेंसी का कहना है कि ज़रूरतों का दायरा बहुत व्यापक हो चुका है. इनमें सीमावर्ती क्षेत्रों में संघर्ष से प्रभावित ऐसे इलाक़े भी हैं जहाँ कई वर्षों से मानवीय सहायता कार्रवाई केन्द्रित रही है.
साथ ही ऐसे नगरीय इलाक़े भी हैं जहाँ परिवारों ने रोज़गार और आमदनी वाले कामकाज लुप्त होते देखे हैं, आमदनियाँ ख़त्म हो गई हैं और बदहाली का माहौल है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने इस सन्दर्भ में जीवनरक्षक सहायता उपलब्ध कराना जारी रखा है, और वर्ष 2021 के दौरान, लगभग 24 लाख लोगों की मदद करने के लिये अपने अभियानों में तेज़ी की.
एजेंसी ने वर्ष 2020 के दौरान दस लाख लोगों तक मदद पहुँचाई थी.
यूएन खाद्य एजेंसी ने वर्ष 2022 के दौरान, अपने सहायता कार्यक्रमों का दायरा बढ़ाकर दो गुना करने की योजना बनाई है, जिसके तहत 40 लाख लोगों तक सहायता पहुँचाई जाएगी.
इस वर्ष के दौरान, समय गुज़रने के साथ-साथ, ज़रूरतमन्द लोगों की संख्या बढ़ने का अनुमान है.
एजेंसी के अनुसार, मौजूदा संकट, देश में वर्ष 2008 में आए नरगिस तूफ़ान के कारण उत्पन्न हुए संकट के बाद से, सबसे गहरा मानवीय संकट है. हालाँकि, सहायता कार्यक्रम अब भी धनराशि की क़िल्लत का सामना कर रहे हैं.
मिली धनराशि के ज़रिये, वर्ष 2021 के दौरान उत्पन्न हुई ज़रूरतों में से एक तिहाई को ही पूरा कर पाना सम्भव हो सका, जिसके परिणास्वरूप 24 लाख लोगों तक सहायता पहुँचाई जा सकी.
मगर, एजेंसी को आगामी छह महीनों के दौरान अपने सहायता कार्यक्रम जारी रखने के लिये, 6 करोड़ 24 लाख डॉलर की रक़म की ज़रूरत है.
विश्व बैंक का अनुमान है कि म्याँमार की अर्थव्यवस्था में मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान 18 प्रतिशत का संकुचन होगा. म्याँमार की मुद्रा में पहले ही, 50 प्रतिशत का अवमूल्यन हो चुका है, और बैंक क्षेत्र भी उथल-पुथल का सामना कर रहा है.
जनवरी 2021 की तुलना में, एक खाद्य टोकरी के मूल्यों में 30 प्रतिशत का उछाल देखा गया है, जबकि ईंधन की क़ीमतें 59 से लेकर 82 प्रतिशत के बीच बढ़ी हैं.
जीवित रहने की जद्दोजेहद में, लगभग 90 प्रतिशत घर-परिवार, नकारात्मक तरीक़े अपनाने को मजबूर हैं जिनके तहत वो भोज्य पदार्थ ख़रीदने के लिये उधार ले रहे हैं, और अपनी बचत रक़म ख़र्च कर रहे हैं.
संघर्ष के कारण भड़का विस्थापन देश भर में जारी रहा है, इनमें ऐसे इलाक़े भी हैं जहाँ पूर्व में बहुत कम लोगों को अपने घर छोड़ते हुए देखा गया था.
देश के विभिन्न इलाक़ों में विस्थापित समुदायों तक सहायता पहुँचाने के लिये प्रयास जारी हैं.