म्याँमार: हमले में पत्रकार की मौत की निन्दा, पूर्ण जाँच की मांग

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने म्याँमार में सरकार से, गत दिसम्बर में, देश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में एक सैन्य हमले के दौरान, एक पत्रकार के मारे जाने की घटना की विस्तृत जाँच कराए जाने का आग्रह किया है.
यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने उस सैन्य हमले के दौरान गोलीबारी में, साइ विन आँग नामक पत्रकार की मौत होने की निन्दा की है.
बताया गया है कि पत्रकार को ए साई के, नाम से भी जाना जाता था, और उनकी मौत, थाईलैण्ड की सीमा के पास स्थित ले के चा नामक नगर में, 25 दिसम्बर को हुई.
No journalists =No journalism = No democracy.The equation is clear.Every threat against a journalist is a threat against your freedom.Stand up to #EndImpunity for crimes against journalists!https://t.co/iiPVMxFaCj #ProtectJournalists pic.twitter.com/TDgwiVrxdu
UNESCO
मृतक पत्रकार, कायिन प्रान्त में रह रहे शरणार्थियों की व्यथा पर, फ़ेडेरल न्यूज़ जर्नल के लिये रिपोर्टिंग कर रहे थे.
यूनेस्को ने कुछ ख़बरों का हवाला देते हुए कहा है कि कथित रूप से म्याँमार के सशस्त्र बलों द्वारा की गई घातक गोलाबारी में वह गम्भीर रूप से घायल हो गए.
यूनेस्को की प्रमुख ऑड्री अज़ूले ने बुधवार को जारी किये गए अपने एक वक्तव्य में कहा, “मैं साइ विन आँग की हत्या की निन्दा करती हूँ. साइ विन आँग जैसे मीडियाकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर, जनता तक जानकारी पहुँचाते हैं.”
यूनेस्को की शीर्ष अधिकारी के मुताबिक़, मीडियाकर्मियों के कामकाज को पहचाने जाने और उन्हें अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत सुरक्षा प्रदान किये जाने की आवश्यकता है.
अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत आम नागरिकों पर हमलों पर पाबन्दी है.
यूनेस्को ने बताया है कि म्याँमार में, दिसम्बर 2021 के दौरान अपनी जान गँवाने वाले साइ विन आँग दूसरे पत्रकार हैं.
यूएन एजेंसी, दुनिया भर में प्रैस स्वतंत्रता को बढ़ावा देने, पत्रकारों की रक्षा करने, और उन पर हमला करने वालों को दण्डमुक्ति से लड़ाई के लिये प्रतिबद्ध है.
संयुक्त राष्ट्र, फ़रवरी 2021 में म्याँमार की सत्ता पर सैन्य नेतृत्व का वर्चस्व स्थापित होने के बाद से ही, देश में घटनाक्रम पर नज़र बनाए हुए है.
सैन्य तख़्तापलट के बाद से ही म्याँमार में लोकतंत्र के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है, और हज़ारों प्रदर्शनकारी हिरासत में लिये गए हैं.
मीडिया ख़बरों के अनुसार म्याँमार में सैन्य नेतृत्व के विरुद्ध सशस्त्र प्रतिरोध बढ़ता नज़र आ रहा है.
हाल ही में, यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने ताज़ा जानकारी में बताया कि पिछले एक महीने के दौरान, हिंसक संघर्ष और टकराव में तेज़ी आई है.
म्याँमार में अनेक स्थानों पर सेना छापेमारी की कार्रवाई कर रही है, विशेष रूप से पश्चिमोत्तर और दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में.
सैन्य तख़्तापलट के बाद से, ले के चा नगर, लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं और राज्यसत्ता प्रशासनिक परिषद के पूर्व अधिकारियों के छिपने के लिये गुप्त स्थान बन गया है.
इसके परिणामस्वरूप, वहाँ छापेमारी हो रही है, टकराव बढ़ा है और सैकड़ों लोग विस्थापित हुए हैं.
यूएन शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि थाईलैण्ड ने पुष्टि की है कि म्याँमार से साढ़े चार हज़ार से अधिक लोग, मध्य दिसम्बर के बाद से इलाक़े में, हिंसक घटनाओं के बाद जान बचा कर भाग गए हैं.
इनमें से कुछ लोग, बाद में स्वेच्छा से वापिस लौट आए हैं.