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पाकिस्तान: अफ़ग़ान शरणार्थियों के लिये 'स्मार्ट कार्ड' जारी, अभियान हुआ पूरा

यूएन शरणार्थी एजेंसी अफ़ग़ानिस्तान के काबुल में विस्थापित परिवारों तक मदद पहुँचा रही है.
© UNHCR/Andrew McConnell
यूएन शरणार्थी एजेंसी अफ़ग़ानिस्तान के काबुल में विस्थापित परिवारों तक मदद पहुँचा रही है.

पाकिस्तान: अफ़ग़ान शरणार्थियों के लिये 'स्मार्ट कार्ड' जारी, अभियान हुआ पूरा

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने पाकिस्तान में शरण लेने वाले क़रीब 14 लाख अफ़ग़ान शरणार्थियों से सम्बन्धित जानकारी के सत्यापन, उसमें ज़रूरी बदलाव करने, और नए स्मार्ट पहचान-पत्र मुहैया कराने वाली देशव्यापी मुहिम को पूरा किये जाने पर सरकार की सराहना की है. 

पिछले 10 वर्षों में यह पहली बार है जब देश में अफ़ग़ान शरणार्थियों के सत्यापन के लिये व्यापक स्तर पर प्रयास किये गए हैं.

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यूएन एजेंसी के प्रवक्ता बाबर बलोच ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों को बताया, “UNHCR द्वारा समर्थित यह मुहिम, एक लघु पायलट [कार्यक्रम] के बाद, 15 अप्रैल 2021 को शुरू हुई और 31 दिसम्बर 2021 को समाप्त हुई.” 

इस अभियान के दौरान पाँच वर्ष से कम उम्र के दो लाख बच्चों तक भी पहुँच बनाई गई, जिनका पंजीकरण उनके अभिभावकों ने कराया.

स्मार्ट पहचान-पत्र

दस्तावेज़ों के नवीनीकरण और सूचना के सत्यापन के लिये संचालित इस अभियान का आधिकारिक नाम, दस्तावेज़ नवीनीकरण और सूचना सत्यापन प्रक्रिया (DRIVE) था, जिसके ज़रिये शरणार्थियों को स्मार्ट पहचान पत्र प्रदान किये गए.

नए स्मार्ट पहचान-पत्रों से शरणार्थियों के लिये, देश में महत्वपूर्ण सेवाएँ सुलभ बनाई जा सकेंगी.

“अब तक, सात लाख से ज़्यादा नए पहचान-पत्र जारी किये गए हैं. बाक़ी के कार्ड 2022 के शुरू में छपाई के बाद वितरित कर दिया जाएंगे.”

यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने बताया कि ये कार्ड 30 जून 2023 तक मान्य होंगे. इनमें बायोमैट्रिक डेटा उपलब्ध होगा, और इन्हें उन प्रणालियों के तहत इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिनके ज़रिये पाकिस्तान में राष्ट्रीयता की शिनाख़्त की जा सकती है. 

“ये नए स्मार्ट पहचान पत्र, अफ़ग़ान शरणार्थियों के संरक्षण के लिये ज़रूरी उपकरण हैं, जिनसे उन्हें स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं से लेकर बैंकिंग सेवाएँ, त्वरित व सुरक्षित ढंग से सुलभ हो सकेंगी.”

आवश्यकता अनुरूप सहायता

DRIVE के तहत, अफ़ग़ान शरणार्थियों के पास अपनी विशिष्ट संरक्षण आवश्यकताओं और मुश्किलों के सम्बन्ध में अवगत कराने का एक अवसर था.

यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने कहा, “शरणार्थियों के सामाजिक-आर्थिक डेटा के सम्बन्ध में ज़्यादा विस्तृत जानकारी से, पाकिस्तान में आवश्यकता अनुरूप बेहतर सहायता, और भविष्य में अनुकूल परिस्थितियों में घर लौटने का निर्णय करने पर, उन्हें समर्थन दिया जा सकेगा.”

DRIVE के दौरान पाकिस्तान में 40 सत्यापन केन्द्र संचालित किये गए, जबकि दूरदराज़ के इलाक़ों में रह रहे अफ़ग़ान शरणार्थियों तक पहुँचने के लिये सचल पंजीकरण वाहनों का सहारा लिया गया.

साफ़-सफ़ाई की चाक-चौबन्द, बेहतर व्यवस्था से लेकर, शारीरिक दूरी बरते जाने और हर दिन सीमित संख्या में आवेदनों तक, कोविड-19 के ख़तरों को कम करने के लिये, सख़्त ऐहतियाती उपायों का ख़याल रखा गया.

अभियान के प्रति जागरूकता

अफ़ग़ान शरणार्थियों की शैक्षिक व पेशेवर पृष्ठभूमि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध होने से, पाकिस्तान में लक्षित शरणार्थी सहायता कार्यक्रम संचालित करने में मदद मिलेगी. 

साथ ही उन लोगों के लिये समर्थन मुहैया कराना भी सम्भव होगा, जोकि भविष्य में स्वेच्छा से अफ़ग़ानिस्तान लौटना चाहते हैं. 

अफ़ग़ान शरणार्थियों तक इस अभियान की जानकारी पहुँचाने के लिये, एक सामूहिक जनसूचना मुहिम शुरू की गई, जिसके तहत, योजना के उद्देश्य व उसमें भागीदारी की प्रक्रिया के सम्बन्ध में सूचना साझा की गई.

DRIVE नामक कार्यक्रम, अफ़ग़ान शऱणार्थियों को सहायता व संरक्षण मुहैया कराने के लिये वृहद प्रयासों का एक हिस्सा है.

इनमें अफ़ग़ान शरणार्थियों के लिये समाधान रणनीति (Solutions Strategy for Afghan Refugees/SSAR) समर्थन प्लैटफ़ॉर्म का इस्तेमाल किया गया.

SSAR वर्ष 2019 में पेश किया गया था, जिसके ज़रिये शरणार्थियों के मेज़बान देशों को मदद प्रदान की जाती है.