विश्व ब्रेल दिवस: महामारी ने सर्वसुलभ जानकारी की महत्ता उजागर की

कोरोनावायरस महामारी ने ये सुनिश्चित करने की महत्ता उजागर कर दी है कि प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यक जानकारी हासिल हो, और इनमें विकलांगता वाले लोग भी शामिल हैं. विश्व ब्रेल दिवस पर, यूएन एजेंसियाँ दिखा रही हैं कि वो स्वास्थ्य संकट का मुक़ाबला करने में किस तरह विकलांगता समावेशी तरीक़े को बढ़ावा दे रही हैं.
विश्व ब्रेल दिवस 4 जनवरी को मनाया जाता है.
ग़ौरतलब है कि ब्रेल एक ऐसी लिपि है जिसका प्रयोग दृष्टिहीन और दृष्टि बाधित व्यक्ति पढ़ने, लिखने और समझने के लिये करते हैं.
There is no substitute for the ability to read. On #WorldBrailleDay, let’s recognize the contribution of Braille as a tool for ‘freedom of expression, access to information and social inclusion’.This has never been truer than in the times of isolation brought on by #COVID19. pic.twitter.com/bkhWp2DgMz
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ब्रेल लिपि में उभरे हुए बिन्दुओं के ज़रिये अक्षर और संख्या लिखे जाते हैं. इतना ही नहीं, ब्रेल लिपि में संगीतीय, गणितीय और वैज्ञानिक प्रतीक व चिन्ह भी लिखे जाते हैं, ताकि पुस्तकें और पत्रिकाएँ भी स्पर्श के ज़रिये से पढ़ी जा सकें.
इस प्रणाली का आविष्कार फ्रांसीसी विद्वान लुइ ब्रेल ने 200 वर्ष पहले किया था.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने एक ट्विटर सन्देश में, ब्रेल लिपि को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जानकारी हासिल करने और सामाजिक समावेश का एक अहम उपकरण बताते हुए इसकी प्रशंसा की है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुमान के अनुसार, दुनिया भर में लगभग एक अरब लोग, निकट या दूर की नज़र की कमज़ोरी के साथ जीवन जी रहे हैं, जबकि यह कमज़ोरी होने से रोकी जा सकती थी, या फिर इसका समाधान निकालना अभी बाक़ी है.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, कोरानावायरस महामारी का मुक़ाबला करने के उपायों के तहत लागू की गई तालाबन्दियों व अन्य पाबन्दियों के तहत जीवन, दृष्टि हीन व दृष्टि बाधित लोगों के लिये चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है. इनमें स्वतंत्रता सीमित होने और अलग-थलग पड़ने की चुनौतियाँ भी शामिल हैं.
कोविड-19 ने सूचना व जानकारी की उपलब्धता ब्रेल लिपि में और ऑडियो रूप में उपलब्ध कराने की महत्ता भी उजागर है, अन्यथा विकलांगता के साथ जीवन जीने वाले और ज़्यादा लोगों के संक्रमित होने का ज़्यादा जोखिम है.
महामारी ने तमाम लोगों को, डिजिटल साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की ज़रूरत को भी रेखांकित किया है.
महामारी के दौरान, विभिन्न यूएन एजेंसियों ने विकलांगता समावेशी प्रतिक्रिया की तरफ़ अनेक अच्छे कार्यक्रम व उपाय अपनाए हैं जिनमें ब्रेल लिपि में सूचना व जानकारी का प्रसार किया जाना भी शामिल है.
उदाहरण स्वरूप, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने मलावी में, कोविड-19 के बारे में जानकारी मुहैया कराने और उसकी रोकथाम के बारे में 4000 से ज़्यादा सामग्रियाँ ब्रेल में उपलब्ध कराई हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने इथियोपिया में मीडिया पेशेवरों को ऑडियो रूपों में जानकारी, शिक्षा और संचार सामग्री मुहैया कराई, साथ ही जागरूकता व शैक्षणिक सन्देशों के ब्रेल संस्करण भी विकसित किये.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNCEF) ने भी अनेक भाषाओं में दिशा-निर्देश व सन्देश प्रकाशित किये हैं, इनमें ब्रेल भी शामिल है.
यूएन महासभा ने दृष्टिहीन व दृष्टि बाधित लोगों के मानवाधिकारों व बुनियादी स्वतंत्रताओं की पूर्ण सुनिश्चितता में ब्रेल लिपि की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से, वर्ष 2019 में, विश्व ब्रेल दिवस की स्थापना की थी.
जैसाकि ‘विकलांगता वाले व्यक्तियों के अधिकारों पर कन्वेन्शन’ के अनुच्छेद 2 में वर्णित है – शिक्षा व जागरूकता प्रसार, विचार व अभिव्यक्ति की आज़ादी और सामाजिक समावेश के सन्दर्भ में, ब्रेल अनिवार्य है.