म्याँमार: हमले में बच्चों, राहतकर्मियों व आम नागरिकों के मारे जाने की कड़ी निन्दा
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने म्याँमार में कम से कम 35 लोगों को मार दिये जाने के बाद, उनके शवों को कथित रूप से जलाये जाने की घटना को स्तब्धकारी बताया है. मृतकों में चार बच्चे और एक मानवीय राहत संगठन के दो कर्मचारी भी हैं.
यह घटना पूर्वी म्याँमार के कायाह प्रान्त में 24 दिसम्बर को हुई.
UNICEF is shocked and saddened by the reported killing and burning of at least 35 people, including four children and two staff members of the humanitarian organization Save the Children, in Kayah State on 24 December. Full statement: https://t.co/aLjBmJ5MC6
UNICEFMyanmar
यूएन एजेंसी ने 24 दिसम्बर को लोगों के मारे जाने और उनके शवों को जलाये जाने को स्तब्धकारी क़रार देते हुए शोक जताया.
यह घटना एक ऐसे समय में हुई जब बड़ी संख्या में लोग, क्रिसमस मनाने की तैयारियों में जुटे थे.
विश्वसनीय रिपोर्टों के अनुसार, इस घटना में चार बच्चों की मौत हुई है, जिनमें दो 17 वर्षीय लडके, एक किशोर उम्र की लड़की और एक पाँच वर्षीय बच्चा है.
दो मृतक मानवीय राहतकर्मी, ग़ैरसरकारी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रन’ के कर्मचारी थे, और संगठन ने उनके मारे जाने की पुष्टि कर दी है.
बताया गया है कि ये कर्मचारी पास के एक समुदाय में मानवीय राहत आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद, लोइचा स्थित अपने कार्यालय वापिस जा रहे थे, उसी दौरान यह घटना हुई.
तत्काल कार्रवाई की माँग
पूर्व एशिया व प्रशान्त क्षेत्र के लिये, यूनीसेफ़ की क्षेत्रीय निदेशक डेबरा कोमिनी ने एक वक्तव्य जारी कर इस हमले की निन्दा की है.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि हिंसक संघर्ष के दौरान आमजन, विशेष रूप से बच्चों व मानवीय राहतकर्मियों की रक्षा को प्राथमिकता के तौर पर लिया जाना होगा.
इन दायित्वों का निर्वहन, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून और बाल अधिकार सन्धि के अनुरूप किया जाना होगा.
यूनीसेफ़ ने इस निन्दनीय घटना की तत्काल जाँच कराये जाने और दोषियों की जवाबदेही तय किये जाने की माँग की है, और पीड़ितों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना व्यक्त की हैं.
इससे पहले, यूएन के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने रविवार को जारी अपने एक वक्तव्य में हाल की घटनाओं में कम से कम 35 लोगों के मारे जाने की ख़बरों पर गहरी चिन्ता जताई.
यूएन के आपात राहत समन्वयक ने म्याँमार सरकार से इन घटनाओं की तत्काल विस्तृत व पारदर्शी जाँच कराये जाने का आग्रह किया है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जा सके.