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म्याँमार: हिंसक घटनाओं में बढ़ोत्तरी पर चिन्ता, नए साल में युद्धविराम की पुकार

म्याँमार के यंगून शहर में शहर के बाहरी इलाक़ों में जाने के लिये लोग सर्कुलर ट्रेन में बैठे हैं.
Asian Development Bank/Lester Ledesma
म्याँमार के यंगून शहर में शहर के बाहरी इलाक़ों में जाने के लिये लोग सर्कुलर ट्रेन में बैठे हैं.

म्याँमार: हिंसक घटनाओं में बढ़ोत्तरी पर चिन्ता, नए साल में युद्धविराम की पुकार

मानवाधिकार

म्याँमार पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत नोइलीन हेइज़र ने कई हफ़्तों से देश में बढ़ती हिंसा के मद्देनज़र, नए वर्ष में युद्धविराम की अपील की है. इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र में आपात राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कायाह प्रान्त में आम नागरिकों के विरुद्ध किये गए घातक हमलों की जाँच कराये जाने का आग्रह किया था.

विशेष दूत नोइलीन हेइज़र ने सोमवार को जारी अपने एक वक्तव्य में कायिन प्रान्त व अन्य इलाक़ों में हिंसक घटनाओं में तेज़ी आने पर चिन्ता जताई.

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हिंसा के कारण हज़ारों आम लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से अनेक संरक्षण व सहायता की तलाश में देश छोड़कर चले गए हैं.  

म्याँमार में इस वर्ष फ़रवरी महीने में सत्ता पर सेना का नियंत्रण स्थापित होने के बाद से ही, हालात सम्वेदनशील हैं और लोकतंत्र के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन हुए हैं. 

सैन्य बलों ने प्रदर्शनकारियों पर सख़्त कार्रवाई की है, सैकड़ों लोगों की मौत हुई है और हज़ारों को हिरासत में लिया गया है.

मीडिया ख़बरों के अनुसार, सैन्य शासन के कुछ विरोधियों ने हथियार उठाये हैं, जिनमें से कुछ के उन जातीय अल्पसंख्यक गुटों से सम्बन्ध हैं, जोकि स्व-निर्धारण की लड़ाई लड़ रहे हैं.

विशेष दूत ने कहा, “म्याँमार की जनता पहले ही बहुत कुछ सहन कर चुकी है, और कोविड-19 महामारी के कारण सामाजिक-आर्थिक व मानवीय हालात और भी ख़राब हो गए हैं.”

उन्होंने कहा कि अपने ही लोगों को पीड़ा पहुँचाने वालों को, अपनी बन्दूकें शान्त करने और विशाल ज़रूरतों के इस समय में लोगों की रक्षा करने की ज़रूरत है.

“म्याँमार के बच्चों का भविष्य इस पर निर्भर है.”

शान्तिपूर्ण समाधान की तलाश

विशेष दूत हेइज़र ने सुरक्षा परिषद की पुकार का समर्थन किया, जिसमें सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने और लोगों के हित में एक शान्तिपूर्ण समाधान की तलाश करने के बात कही गई है. 

उन्होंने ध्यान दिलाया कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के समूह (आसियान) ने भी हिंसा पर तात्कालिक विराम की अपील जारी की है.

नोइलीन हेइज़र ने सभी पक्षों से आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने, राष्ट्र हितों को ध्यान में रखने और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत तय दायित्वों का निर्वहन करने का आग्रह किया है.

इस क्रम में, उन्होंने नव वर्ष के लिये पूरे देश में युद्धविराम लागू किये जाने का आग्रह किया है. 

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश नोइलीन हेइज़र को अक्टूबर महीने में म्याँमार के लिये विशेष दूत नियुक्त किया था. 

नोइलीन हेइज़र ने अप्रैल 2018 से सेवारत, क्रिस्टीन श्रेनर बर्गनर के बाद कार्यभार सम्भाला है. 

इस महीने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही, उन्होंने सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श आगे बढ़ाया है, ताकि म्याँमार के नेतृत्व में प्रक्रिया को समर्थन प्रदान किया जा सके.

वक्तव्य में कहा गया है कि यूएन की विशेष दूत, इस बहुआयामी संकट से प्रभावित सभी पक्षों की आवाज़ों को सुन रही हैं और उनके प्रयास सुसंगत अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की लामबन्दी पर केंद्रित है.

हमलों की जाँच की माँग

इससे पहले, यूएन के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने रविवार को जारी अपने एक वक्तव्य में हाल की घटनाओं में कम से कम 35 लोगों के मारे जाने की ख़बरों पर गहरी चिन्ता जताई.

बताया गया है कि पीड़ितों में एक बच्चा भी है, और ये मौतें शुक्रवार को किये गए एक हमले के दौरान हुई हैं. 

ख़बरों के अनुसार, लोगों को कथित रूप से उनके वाहनों से जबरन बाहर खींचकर निकाला गया, और मारकर उनके शवों को जला दिया गया.

‘सेव द चिल्ड्रन’ नामक एक सहायता संगठन के दो मानवीय राहतकर्मी, हिंसा में फँसे होने के कारण लापता बताए गए हैं.

उनके निजी वाहन पर हमला किया गया और उसे जला दिया गया.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा, “मैं इस जघन्य घटना और देश भर में आम लोगों के विरुद्ध सभी हमलों की निन्दा करता हूँ.”

उन्होंने सचेत किया कि अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानूनों के तहत इन पर पाबन्दी है. 

यूएन के शीर्ष अधिकारी ने म्याँमार सरकार से इन घटनाओं की तत्काल विस्तृत व पारदर्शी जाँच कराये जाने का आग्रह किया है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जा सके. 

संयुक्त राष्ट्र, म्याँमार में घटनाक्रम पर नज़र बनाये हुए हैं. 

मानवीय राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने म्याँमार की सेना व हथियारबन्द गुटों से भी आग्रह किया है कि आम लोगों की सुरक्षा के लिये हरसम्भव क़दम उठाये जाने होंगे.