म्याँमार: आम नागरिकों पर दुखद हमलों की पारदर्शी जाँच कराये जाने की माँग

संयुक्त राष्ट्र में मानवीय राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने म्याँमार के कायाह प्रान्त में आम नागरिकों के विरुद्ध हाल के दिनों में किये गए घातक हमलों की जाँच कराये जाने का आग्रह किया है.
यूएन के अवर महासचिव ने रविवार को जारी अपने एक वक्तव्य में हाल की घटनाओं में कम से कम 35 लोगों के मारे जाने की ख़बरों पर गहरी चिन्ता जताई है.
I am horrified by reports that 35 civilians were killed in Kayah State, #Myanmar on 24 Dec. Two @save_children humanitarian workers also remain missing. I condemn all attacks against civilians and call on authorities to investigate. My statement: https://t.co/2s7BoeOGwA
UNReliefChief
बताया गया है कि पीड़ितों में एक बच्चा भी है, और ये मौतें शुक्रवार को किये गए एक हमले के दौरान हुई हैं.
ख़बरों के अनुसार, लोगों को कथित रूप से उनके वाहनों से जबरन बाहर खींचकर निकाला गया, और मारकर उनके शवों को जला दिया गया.
‘सेव द चिल्ड्रन’ नामक एक सहायता संगठन के दो मानवीय राहतकर्मी, हिंसा में फँसे होने के कारण लापता बताए गए हैं.
उनके निजी वाहन पर हमला किया गया और उसे जला दिया गया.
मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा, “मैं इस जघन्य घटना और देश भर में आम लोगों के विरुद्ध सभी हमलों की निन्दा करता हूँ.”
उन्होंने सचेत किया कि अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानूनों के तहत इन पर पाबन्दी है.
यूएन के शीर्ष अधिकारी ने म्याँमार सरकार से इन घटनाओं की तत्काल विस्तृत व पारदर्शी जाँच कराये जाने का आग्रह किया है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जा सके.
संयुक्त राष्ट्र, म्याँमार में घटनाक्रम पर नज़र बनाये हुए हैं.
मानवीय राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने म्याँमार की सेना व हथियारबन्द गुटों से भी आग्रह किया है कि आम लोगों की सुरक्षा के लिये हरसम्भव क़दम उठाये जाने होंगे.
“म्याँमार में लाखों लोगों को मानवीय राहत समर्थन की बहुत ज़रूरत है.”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र और मानवीय राहत साझीदार संगठन, देश भर में ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने के लिये प्रतिबद्ध हैं.
इसी महीने, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने देश में मानवाधिकार हनन के गम्भीर मामलों की बढ़ती संख्या पर चिन्ता जताई थी.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविल ने कहा था कि जीवन, स्वतंत्रता, सुरक्षा, यातना पर पाबन्दी, निष्पक्ष मुक़दमे की कार्रवाई और अभिव्यक्ति की आज़ादी सहित अन्य मानवाधिकार हनन के गम्भीर मामले, हर दिन सामने आ रहे हैं.
म्याँमार में सैन्य नेतृत्व ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई आंग सान सू ची सरकार को, इस वर्ष एक फ़रवरी 2021 को बेदख़ल कर दिया था, जिसके बाद से देश राजनैतिक संकट से जूझ रहा है.
इसके बाद, लोकतंत्र के समर्थन में हुए विरोध प्रदर्शनों का सख़्ती से दमन किया गया है, बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं और हज़ारों लोग हिरासत में लिये गए हैं.