यूएन प्रमुख ने 'शान्ति व न्याय के प्रतीक', आर्चबिशप टूटू के निधन पर जताया शोक

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और यूएन के अन्य शीर्ष अधिकारियों ने आर्चबिशप डेसमण्ड टूटू के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए, उन्हें बेआवाज़ के पक्ष में उठने वाली एक अविचल आवाज़ क़रार देते हुए अपने श्रृद्धासुमन अर्पित किये हैं.
आर्चबिशप डेसमण्ड टूटू का रविवार को दक्षिण अफ़्रीका के केपटाउन शहर में 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
I am deeply saddened by the passing of Archbishop Desmond Tutu - a towering global figure for peace & justice, voice of the voiceless & inspiration to people everywhere. We will continue to draw strength from his humanity, passion & resolve to fight for a better world for all.
antonioguterres
महासचिव गुटेरेश ने रविवार को जारी अपने एक वक्तव्य में, रंगभेद नीति विरोधी नेता व मानवाधिकार कार्यकर्ता की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि आर्चबिशप टूटू, शान्ति के लिये एक शीर्ष हस्ती थे और दुनिया भर में अनेक पीढ़ियों के लिये एक प्रेरणा.
“रंगभेद के सबसे स्याह दिनों में, वह सामाजिक न्याय, आज़ादी और अहिंसक प्रतिरोध के जगमगाते प्रतीक थे.”
यूएन प्रमुख ने एक स्वतंत्र व लोकतांत्रिक दक्षिण अफ़्रीका के लिये वैश्विक एकजुटता के निर्माण हेतु, डेसमण्ड टूट के अथक संकल्प की सराहना की.
उन्हें इसके लिये 1984 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
महासचिव ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि सत्य एवं मेल-मिलाप आयोग के प्रमुख के तौर पर, आर्चबिशप टूटू ने एक लोकतांत्रिक दक्षिण अफ़्रीका की दिशा में शान्तिपूर्ण व न्यायोचित ढँग से आगे बढ़ने में अहम योगदान दिया.
“उनकी महान बुद्धिमता और अनुभव हमेशा, मानवीयता, विनोद, और लगाव के साथ व्यक्त किये गए.”
महासचिव गुटेरेश ने आर्चबिशप टूटू को बहुपक्षवाद का एक स्फूर्तिवान पैरोकार बताते हुए, उनकी महत्वपूर्ण भूमिकाओं का उल्लेख किया.
आर्चबिशप टूटू, नरसंहार रोकथाम पर यूएन की सलाहकार समिति और वर्ष 2008 में ग़ाज़ा में उच्चस्तरीय मिशन के सदस्य के तौर पर शामिल हुए.
यूएन प्रमुख के मुताबिक़ हाल के दशकों में उन्होंने निर्धनता, जलवायु परिवर्तन, मानवाधिकारों, एचआईवी/एड्स सहित मौजूदा दौर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी आवाज़ बुलन्द की.
उन्होंने कहा कि आर्चबिशप टूटू का उदाहरण हमेशा, सर्वजन के लिये एक बेहतर दुनिया की दिशा में प्रयासों के लिये प्रेरित करता रहेगा.
यूएन की उप महासचिव आमिना मोहम्मद ने भी आर्चबिशप टूटू के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
उप प्रमुख ने कहा कि उनकी अनुपस्थिति उन्हें खलेगी, मगर सेवा से परिपूर्ण उनका अविश्वसनीय जीवन, सदैव स्मृति में अन्कित रहेगा.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने ट्विटर पर अपने शोक सन्देश में दक्षिण अफ़्रीका व स्थानीय लोगों के लिये अपनी सम्वेदना प्रकट की है.
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद आधारित व्यवस्था के अन्त के लिये एक वैश्विक मुहिम का नेतृत्व करने वाले और देश के ज़ख़्मों पर मरहम लगाने में अहम भूमिका निभाने वाले, आर्चबिशप टूटू के निधन पर उन्हें गहरा दुख हुआ है.
आर्चबिशप टूटू ने, न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय का अनेक मर्तबा दौरा किया, और वह वैश्विक नेताओं के एक स्वतंत्र समूह, The Elders, के भी सदस्य थे. यह समूह दुनिया भर में शान्ति व मानवाधिकारों के प्रसार के लिये प्रयासरत है.
उन्होंने जबरन विस्थापन, महिला सशक्तिकरण, समलैंगिकों के विरुद्ध व्याप्त नापसन्दगी सहित अन्य मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र की तमाम पहल का समर्थन किया.
आर्चबिशप टूटू को अपनी सक्रियता व पैरोकारी के लिये अनगिनत सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें वर्ष 2012 में यूएन के विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा दिया गया ‘Global Champion Against Hunger’ सम्मान भी है.