ज़रूरतमन्द अफ़ग़ानों तक राहत पहुँचाने के लिये, सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को सर्वमत से एक प्रस्ताव पारित करते हुए, बेहद कठिन हालात में गुज़र-बसर कर रहे अफ़ग़ान नागरिकों तक बुनियादी सहायता पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. इस प्रस्ताव के तहत, राहत आवश्यकताओं को पूरा करना सम्भव होगा और सहायता धनराशि को तालेबान के हाथों में जाने से रोका जा सकेगा.
यूएन में आपात राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने प्रस्ताव का पारित होना एक अहम पड़ाव बताया है, जिससे लोगों की ज़िन्दगियों की रक्षा की जा सकेगी.
Today’s milestone Security Council decision to adopt an exception in UN sanctions applicable in #Afghanistan will save lives and livelihoods.Read my statement here:
UNReliefChief
मानवीय राहत मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव 2615 का पारित होना दर्शाता है कि सदस्य देश, अफ़ग़ानिस्तान में ज़रूरतों व पीड़ा के स्तब्धकारी स्तर को कितनी गम्भीरता से लेते हैं.
इस प्रस्ताव को अमेरिका ने पेश किया था.
परिषद ने प्रस्ताव पारित करते हुए, बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये मानवीय सहायता और अन्य गतिविधियों में प्रतिबन्धों से छूट का प्रावधान किया है.
इन पाबन्दियों को तालेबान से जुड़े व्यक्तियों व संस्थाओं पर, प्रस्ताव संख्या 2255 और प्रस्ताव 1988 के तहत लगाया गया था, चूँकि इससे शान्ति, स्थिरता व सुरक्षा के लिये ख़तरा पैदा होता है.
मुख्य प्रावधानों के तहत, धनराशि, वित्तीय सम्पत्तियों व आर्थिक संसाधनों की अदायगी और उसके लिये ज़रूरी प्रक्रिया को सम्भव बनाया जाएगा.
साथ ही, सहायता प्रदान करने और समय रहते उसके वितरण के लिये, सामान व सेवाओं के प्रावधान को सुनिश्चित किया जाएगा.
सुरक्षा परिषद ने आपात राहत समन्वयक से सदस्य देशों को हर छह महीने में हालात से अवगत कराने का आग्रह किया है. पारित प्रस्ताव को लागू किये जाने की एक वर्ष बाद समीक्षा होगी.
सुरक्षा परिषद में और वृहद अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ महीनों तक चली चर्चा के बाद, इस प्रस्ताव को पारित किया गया है.
विचार-विमर्श का उद्देश्य, अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालेबान के वर्चस्व के बाद देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त होने से बचाने के लिये उपायों की तलाश करना था.
अगस्त 2021 में तालेबान के हाथ में देश की बागडोर आने के बाद, पश्चिमी देशों ने पूर्व सरकार द्वारा बुनियादी सेवाओं को पूरा करने के लिये इस्तेमाल में लाई जाने वाली अरबों डॉलर की रक़म को ज़ब्त कर दिया था.
मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा है कि अगले वर्ष अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय राहत अभियान का आकार, दुनिया में सबसे बड़ा होगा, और दो करोड़ 20 लाख लोगों तक पहुँचने का प्रयास किया जाएगा.
देश में 160 राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय संगठन अहम भोजन व स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी सहायता प्रदान कर रहे हैं. इसके अलावा, शिक्षा, जल, साफ़-सफ़ाई और कृषि क्षेत्र में समर्थन दिया जा रहा है.
यूएन अधिकारी ने कहा कि सहायता के मौजूदा स्तर को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यूएन की ओर से जीवनरक्षक सहायता का असर, तालेबान के सहयोग और प्राप्त धनराशि पर निर्भर करता है.
अवर महासचिव ने भरोसा दिलाया कि सभी अफ़ग़ान नागरिकों के जीवन, गरिमा व भविष्य की रक्षा के लिये हरसम्भव प्रयास किये जाएंगे.