Skip to main content

यूएन प्रमुख की लेबनान यात्रा: नेताओं से एकता का आहवान, जनता के साथ जताई एकजुटता 

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल ओउन के साथ एक साझा प्रैस वार्ता को सम्बोधित किया.
UN Photo/Eskinder Debebe
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल ओउन के साथ एक साझा प्रैस वार्ता को सम्बोधित किया.

यूएन प्रमुख की लेबनान यात्रा: नेताओं से एकता का आहवान, जनता के साथ जताई एकजुटता 

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार को अपनी चार-दिवसीय लेबनान यात्रा आरम्भ करते हुए, स्थानीय नेताओं से एक साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है, ताकि देश को अनेक संकटों से उबारा जा सके. 

यूएन प्रमुख ने लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल ओउन के साथ मुलाक़ात के बाद, राष्ट्रपति भवन में एक साझा प्रैस वार्ता को सम्बोधित किया.

महासचिव गुटेरेश ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से लेबनान के लिये मज़बूत समर्थन सुनिश्चित करने की पुकार लगाई है. 

Tweet URL

उन्होंने कहा कि उनकी लेबनान यात्रा का उद्देश्य, देश के लोगों को समर्थन प्रदान करने के सर्वोत्तम तरीक़ों पर चर्चा करना है, ताकि मौजूदा आर्थिक, वित्तीय संकट से उन्हें उबारा जा सके, और शान्ति, स्थिरता व टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिले. 

“मैंने राष्ट्रपति को बताया है कि मैं एक सरल सन्देश के साथ यहाँ आया हूँ: संयुक्त राष्ट्र लेबनान की जनता के साथ एकजुटता से खड़ा है.”

यूएन प्रमुख के साथ, शान्तिरक्षा अभियान के अवर महासचिव ज्याँ-पियेर लाक्रोआ; राजनैतिक मामलों व शान्तिनिर्माण मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो; लेबनान के लिये विशेष समन्वयक जोआना व्रोनेका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी लेबनान के दौरे पर हैं.

राष्ट्रपति मिशेल ओउन ने बताया कि यूएन प्रमुख के साथ बातचीत में लेबनान में सीरियाई विस्थापितों के मुद्दे पर चर्चा हुई. पिछले 10 वर्ष से चली आ रहे इस मुद्दे से निपटने के लिये नए तरीक़ों पर बल दिया गया है. 

लेबनान: एक उदाहरण

महासचिव गुटेरेश ने माना कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने लेबनान, जॉर्डन और उन अन्य देशों को पर्याप्त समर्थन नहीं दिया है, जिन्होंने अपनी सीमाओं, दरवाज़ों और दिलों को शरणार्थियों के लिये खोला है.

यूएन प्रमुख ने, शरणार्थी एजेंसी उच्चायुक्त के तौर पर अपने कार्यकाल को याद करते हुए, लेबनान की जनता की उदारता का उल्लेख किया, जोकि उन्होंने सीरियाई शरणार्थियों के लिये दर्शाई है. 

मगर, उन्होंने ध्यान दिलाया कि, लेबनान की अर्थव्यवस्था, समाज और सुरक्षा ने इसकी एक बड़ी क़ीमत चुकाई है.

इसके मद्देनज़र, महासचिव गुटेरेश ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से लेबनान के लिये समर्थन सुनिश्चित करने की अपील की है, ताकि देश को कठिनाईयों से उबारा जा सके.

संकटों में घिरा देश

लेबनान की राजधानी बेरूत में 4 अगस्त 2020 को बन्दरगाह पर हुए धमाके में बड़ी तबाही हुई थी – 200 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई, जिनमें छह बच्चे थे. इस घटना में साढ़े छह हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हुए जिनमें एक हज़ार से ज़्यादा बच्चे हैं. 

इस हादसे से पहले भी, लेबनान राजनैतिक व आर्थिक संकट से जूझ रहा था और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. कोरोनावायरस संकट ने हालात और भी जटिल बना दिये हैं.

लेबनान के लिये आपात सहायता योजना के लिये आवश्यक धनराशि में से, फ़िलहाल 11 प्रतिशत राशि का ही प्रबन्ध हो पाया है.  

यूएन प्रमुख ने लेबनान के सभी राजनैतिक दलों से एक साथ मिलकर, मौजूदा संकट का समाधान ढूँढने का आग्रह किया है.

एकजुटता पर बल

महासचिव ने कहा, “लेबनान की जनता अपने राजनैतिक नेताओं से अर्थव्यवस्था पुनर्बहाल करने, एक प्रभावी सरकार व राज्यसत्ता संस्थाएँ देने, भ्रष्टाचार का अन्त करने और मानवाधिकारों की रक्षा करने की अपेक्षा करती है.”

देश की जनता की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए, यूएन प्रमुख ने आगाह किया कि लेबनान के नेताओं का यह अधिकार नहीं है कि स्थानीय जनता को बाँटा जाए और देश को ठप कर दिया जाए.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने अगले वर्ष होने वाले चुनावों को अति-आवश्यक बताया और सचेत किया कि देश की भावी दिशा तय करने के लिये, लेबनानी जनता की इस प्रक्रिया में भागीदारी ज़रूरी होगी. 

अपनी यात्रा के दौरान, यूएन महासचिव, लेबनान के राजनैतिक, धार्मिक, नागरिक समाज, महिला व युवा नेताओं से मुलाक़ात करेंगे.

महासचिव गुटेरेश, बेरूत के बन्दरगाह, त्रिपोली में दो परियोजनाओं, दक्षिणी लेबनान में यूएन मिशन का दौरा करने के अलावा अन्य कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.